नागौर. अमरनाथ यात्रा के दौरान बादल फटने (Amarnath Yatra Cloud Burst) से हुए हादसे में जिले के चार लोगों की भी जान चली गई थी. चारों दोस्त थे और 6 जुलाई को एक साथ ही पहलगाम से अमरनाथ यात्रा शुरू की थी और 8 जुलाई को दर्शन कर लौट रहे थे कि हादसे का शिकार हो गए. चारों फाइनेंस के व्यवसाय से जुड़े थे और साथ ही काम करते थे. घटना की सूचना मिलने के बाद से ही सभी के परिजनों में शोक की लहर है. आज सुबह चारों मृतकों के शव किशनगढ़ एयरपोर्ट लाए गए जहां से उन्हें उनके पैतृक गांव ले जाया गया. गांव में प्रशासन की मौजूदगी में (last rites of all four pilgrims in Nagaur) चारों का अंतिम संस्कार हुआ.
हादसे के बाद से शुरुआती तौर पर मिले 15 शवों में ही नागौर निवासी चारों लोगों के शव बरामद हुए थे लेकिन शिनाख्त नहीं हो पाने के कारण सूचना नहीं मिल पाई. दो दिन से परिजनों से संपर्क नहीं हो पाने की वजह से परिजन भी चिंतित थे. चारों मृतक कल नजदीकी रिश्तेदारों से शिनाख्त करवाने के बाद स्थानीय प्रशासन को जम्मू कश्मीर प्रशासन की ओर से मामले की सूचना दी गई थी.
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गमगीन माहौल में हुआ अंतिम संस्कार
चारों मृतक नागौर जिले के ही रहने वाले थे. दो मृतक डीडवाना उपखंड के थे जिनमें प्रहलाद राम का पार्थिव शरीर तोशिना और यजुवेंद्र सिंह का पार्थिव शरीर थेबड़ी पहुंचा जबकि मकराना उपखंड के बरवाला निवासी विजय सिंह और कुचामन उपखंड के रूपपुरा निवासी वीर सिंह का शव उनके पैतृक गांव पहुंचा जहां उनका अंतिम संस्कार प्रशासन की मौजूदगी में किया गया. इस दौरान परिजनों औऱ ग्रामीणों ने उन्हें नम आंखों से अंतिम विदाई दी. चारों गांवों में माहोल गमजदा रहा और दुकानें भी बंद रहीं.