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कोटाः खदानों के बन्द होने पर मजदूरों ने निकाली आक्रोश रैली, खनन कार्य को चालू करने की मांग

कोटा के रामगंजमण्डी में राजस्थान माइंस वर्कर्स यूनियन के मजदूरों ने कोटा स्टोन खदानों के बन्द होने पर विरोध प्रदर्शन करते हुए आक्रोश रैली निकाली. यह रैली सुविधा नगर से प्रारम्भ होकर पन्नालाल चौराहे और अम्बेडकर सर्किल से होते हुए उपखण्ड कार्यलय पहुंची.

मजदूर आक्रोश रैली, Workers angry rally
मजदूर आक्रोश रैली

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Published : Dec 10, 2019, 5:19 PM IST

रामगंजमण्डी (कोटा). उपखण्ड क्षेत्र की कोटा स्टोन खदानों के बन्द होने पर राजस्थान माइंस वर्कर्स यूनियन के मजदूरों ने आक्रोश रैली निकाल विरोध प्रदर्शन किया. यह रैली सुविधा नगर से प्रारम्भ होकर पन्नालाल चौराहे और अम्बेडकर सर्किल से होते हुए उपखण्ड कार्यलय पहुंची. मजदूरों ने उपखण्ड कार्यलय के सामने प्रदर्शन किया.

खदानों के बन्द होने पर मजदूरों ने निकाली आक्रोश रैली

बता दें कि रैली में हिन्द मजदूर सभा की राष्ट्रीय सचिव कॉमरेड चंपा वर्मा और राजस्थान प्रदेश महामंत्री मुकेश गालव रहे. वहीं यूनियन के पदाधिकारियों की ओर से प्रधानमंत्री के नाम उपजिलाधिकारी को ज्ञापन भी सौंपा गया. ज्ञापन में बताया कि रामगंजमंडी क्षेत्र में खनन विभाग और एनजीटी की ओर से खदानों को बंद करा दिया गया है. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल बोर्ड के द्वारा खदान मालिकों को जारी की जाने वाली एनओसी नहीं मिलने पर खदानों को बंद कराने के आदेश दिए गए हैं. जिससे हजारों मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. समय से पहले अगर खदानें चालू नहीं हुईं, तो रामगंजमंडी क्षेत्र में अराजकता फैल जाएगी.

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बता दें कि रैली में मजदूरों ने सरकार के खिलाफ "रोजी रोटी दे ना सके वह सरकार निकम्मी है" के नारे लगाए. वहीं यूनियन के प्रदेश महामंत्री मुकेश गालव ने कोटा स्टोन की खानों के बंद होने का कारण कंपनी प्रशासन और स्थानीय अधिकारियों की लापरवाही को बताया. उनका कहना है कि कार्य समय पर नहीं होने से उसका पूरा खामियाजा गरीब मजदूरों को भुगतना पड़ रहा है. जबकि एएसआई के अधिकारियों के लिए ऑफिस खुल रहे हैं.

उन्होंने मजदूरों के लिए अंतरिम वेतन की मांग करते हुए, अधिकारियों को कॉलर पकड़कर बाहर निकालने की धमकी दी. वहीं यूनियन की राष्ट्रीय सचिव चंपा वर्मा ने मजदूरों के हालातों के लिए सरकार और कंपनी प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है. साथ ही मजदूरों के लिए आर-पार की लड़ाई लड़ने की बात कही है.

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