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कोटा में वसुंधरा का विजय संकल्प महाधिवेशन स्थगित, कोरोना का कारण बताया...लेकिन चर्चा कुछ और - Rajasthan hindi news

कोटा में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की 25 दिसंबर को होने वाला विजय संकल्प महाधिवेशन (Vasundhara vijay sankandh Mahaadhiveshan postponed) स्थगित कर दिया गया है. पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल का कहना है कि कोरोना के चलते अधिवेशन स्थगित किया गया है, जबकि चर्चा कुछ और ही हो रही है.

Vasundhara program postponed
Vasundhara program postponed

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Published : Dec 24, 2022, 10:09 PM IST

Updated : Dec 24, 2022, 10:20 PM IST

प्रहलाद गुंजल की मीडिया से बातचीत

कोटा. सूबे की पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे सिंधिया की (Vasundhara vijay sankandh Mahaadhiveshan postponed) कोटा के महाराव उम्मेद सिंह स्टेडियम में 25 दिसंबर को होने वाली जनसभा ऐन मौके पर इसे स्थगित कर दी गई है. विजय संकल्प महाधिवेशन नाम से आयोजित की जा रही कांग्रेस सरकार के खिलाफ इस राजनीतिक रैली का आयोजन कोटा उत्तर के पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल कर रहे थे. हालांकि इसमें कोटा जिला संगठन की भूमिका साफ रूप से नदारद थी.

इस मसले पर प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया था. यह भी कहा था कि पार्टी का अधिकृत कार्यक्रम जनाक्रोश रैली है. जबकि जन आक्रोश रैली में वसुंधरा राजे की उपस्थिति नदारद रही है. ऐसे में माना जा रहा है कि इस विजय संकल्प महाअधिवेशन के जरिए वे पार्टी में ही अपने विरोधियों को भी चुनौती देने जा रही थीं. ऐसे में अब जब अधिवेशन को रद्द कर दिया गया है तो इसमें चर्चा सामने आ रही है कि आलाकमान ने ही वसुंधरा राजे को झुकने पर मजबूर किया है और कार्यक्रम स्थगित करवाया. हालांकि इस पूरे आयोजन की कमान संभाल रहे पूर्व विधायक गुंजल का कहना है कि राजस्थान प्रदेश भाजपा के प्रभारी अरुण सिंह ने जन आक्रोश रैली कार्यक्रम कोविड-19 को देखते हुए रद्द किए हैं, ऐसे में इस अधिवेशन को भी कोरोना के चलते ही रद्द कर दिया गया है.

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बदल कर दे दिया था जनाक्रोश महासभा नाम
चर्चा है कि जन आक्रोश रैली को चुनौती देने के लिए यह आयोजन किया जा रहा था. इस सवाल के जवाब में प्रहलाद गुंजल ने दावा किया कि यह विजय संकल्प महाधिवेशन था जिसमें पहले कोटा उत्तर के ही कार्यकर्ताओं को शामिल किया गया था, लेकिन बाद में पूरे जिले के कार्यकर्ता शामिल हो रहे थे. यहां तक कि अन्य जिले बारां, बूंदी, झालावाड़, भीलवाड़ा व चित्तौड़गढ़ से भी लोग यहां पर शामिल होने के लिए पहुंचते. ऐसे में हमने इसका नाम बदलकर जनाक्रोश महासभा लिख दिया था. यह रैली बीते 4 सालों के इतिहास की राजस्थान की सबसे बड़ी रैली होने वाली थी. इसके लिए 822 बसों की व्यवस्था कर ली गई थी. गुंजल ने यह भी कहा कि प्रशासन भी इस रैली के लिए चिंतित था और व्यवस्थाओं के लिए लगातार बातचीत कर रहा था. क्योंकि बसों की पार्किंग से लेकर कई इंतजाम प्रशासन को भी करवाने थे.

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मेरे स्वभाव को जानते हैं, साजिश होती तब जरूर रैली करता
रैली को रोकने के लिए पार्टी में आंतरिक गतिरोध के सवाल पर प्रहलाद गुंजल ने कहा कि लोग मेरे स्वभाव को जानते हैं, कोई साजिश होती तो मैं रैली जरूर करता. पार्टी के निर्देश पर अधिवेशन स्थगित हुआ है. जल्द ही इस संबंध में दिल्ली जाकर वसुंधरा राजे सिंधिया, अरुण सिंह और अन्य वरिष्ठ नेताओं से चर्चा कर नई तारीखों का ऐलान किया जाएगा. मीडिया के सवाल पर गुंजल ने कहा कि वसुंधरा राजे का प्रभाव कौन नहीं जानता है, दो बार मुख्यमंत्री रही हैं. पार्टी में कोई डर नहीं है. किसी को एक दूसरे से डर नहीं लगता है. वसुंधरा राजे सिंधिया बड़ी नेता हैं और राजस्थान में जहां भी जाती हैं हजारों लोग एकत्रित होते हैं. यह सब काल्पनिक बातें हैं कि उनके प्रभाव को कम करने के लिए अधिवेशन स्थगित किया गया है.

Last Updated : Dec 24, 2022, 10:20 PM IST

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