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Kota Suicide Case : छात्र आत्महत्या मामले में परिजनों ने संस्थान पर लगाए गंभीर आरोप, पुलिस बोली- जांच करेंगे - Rajasthan Hindi News

कोटा में यूपी के छात्र के खुदकुशी मामले में नया मोड़ आया है. इस मामले में मृतक छात्र के बड़े भाई ने कोचिंग संस्थान के खिलाफ शिकायत दी है और कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने आरोप लगाया है कि कोचिंग में अन्य छात्रों से बहस होने के बाद मृतक छात्र बहादुर सिंह को सस्पेंड कर दिया गया था और उसे कोचिंग में प्रवेश नहीं दिया जा रहा था.

UP Student Died by Suicide in Kota
कोटा कोचिंग छात्र खुदकुशी मामला

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Published : Jul 9, 2023, 5:56 PM IST

किसने क्या कहा, सुनिए...

कोटा.महावीर नगर थाना इलाके में कोचिंग छात्र के सुसाइड करने के मामले में मृतक छात्र के बड़े भाई ने कोचिंग संस्थान के खिलाफ शिकायत दी है और कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने आरोप लगाया है कि कोचिंग में अन्य छात्रों से बहस होने के बाद मृतक छात्र बहादुर सिंह को सस्पेंड कर दिया गया था और उसे कोचिंग में प्रवेश नहीं दिया जा रहा था. इसी के चलते वह तनाव में आ गया था और उसने यह सुसाइड का आत्मघाती कदम उठाया है.

बड़े भाई का यह भी कहना है कि मैं खुद दिल्ली से कोटा आकर संस्थान में माफी मांग कर गया था, लेकिन उनकी कोई बात नहीं मानी गई और बच्चे को कोटा से दिल्ली शिफ्ट करने के लिए कहा गया था. इस बात से बहादुर सहमत भी नहीं था. महावीर नगर थाना अधिकारी परमजीत पटेल का कहना है कि मृतक के बड़े भाई जय भीम ने रिपोर्ट दी है. जिसके अनुसार मृतक छात्र के शव का पोस्टमार्टम कराकर उसे सुपुर्द कर दिया है. छात्र के बड़े भाई जय भीम ने कोचिंग संस्थान प्रबंधन पर आरोप लगाए हैं. इनके संबंध में जांच की जाएगी, जिसके बाद ही कुछ कहा जा सकेगा.

पढ़ें :राजस्थान के कोटा में यूपी से आकर इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहे छात्र ने किया सुसाइड

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले के टांडा थाना इलाके की लंबाखेड़ा तहसील के फैजुलानगर निवासी 17 वर्षीय बहादुर सिंह पुत्र डब्लू सिंह शनिवार को सुसाइड की अवस्था में अपने पीजी में मिला था. वह बीते 2 महीने से कोटा के जैन मंदिर के नजदीक रहकर इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहा था, जिसके शव को पुलिस ने मेडिकल कॉलेज की अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया था.

कोचिंग संस्थान की गलती के चलते हुई घटना : बहादुर की भाई जयभीम का कहना है कि बहादुर आईआईटी से बीटेक करना चाह रहा था. उसका कोचिंग फिजिक्स वाला में पढ़ाई के किसी मुद्दे को लेकर अन्य छात्र से विवाद हो गया था. इस कहासुनी के बाद ही 3 जुलाई को फैकल्टी ने उसे सस्पेंड करवा दिया था. जिसके बाद वह तनाव में चल रहा था. मैं भी दिल्ली से कोटा आकर कोचिंग संस्थान में मिलने गया था, लेकिन उन्होंने हमारी सुनवाई नहीं की गई. बहादुर का सस्पेंशन खत्म नहीं किया. मैंने जब कोचिंग संस्थान में बताया कि मैं दिल्ली से यूपीएससी की तैयारी कर रहा हूं.

उन्होंने मुझसे कह दिया कि कोटा की जगह पर बहादुर को दिल्ली ले जाए, जहां पर ही उसे प्रवेश दिला दिया जाएगा. अपने कॅरियर की चिंता के चलते ही वह तनाव में आ गया और उसने यह कदम उठाया है. मेरा मानना है कि संस्थान के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. हालांकि, जब बहादुर के स्क्रीन की जुड़ी बीमारी और सुसाइड नोट में इसका जिक्र करने से संबंधित सवाल पूछा गया, तब उन्होंने जवाब दिया कि यह कारण नहीं हो सकता है.

एसएचओ बोले- सुसाइड नोट में बीमारी का जिक्र : महावीर नगर थाना अधिकारी परमजीत पटेल का कहना है कि परिजनों ने क्या आरोप लगाए हैं, इस संबंध में भी उन्हें जानकारी नहीं है. परिजन जिस तरह की रिपोर्ट देंगे, उस पर जांच की जाएगी. साथ ही उनका कहना है कि छात्र के कमरे में एक-दो लाइन का सुसाइड नोट मिला है, जिसमें बीमारी से परेशान होने की बात लिखी है.

कोचिंग से सस्पेंड करने देने संबंधित कोई बात नहीं लिखी. दूसरी तरफ फिजिक्स वाला कोचिंग के मीडिया प्रभारी का मृतक छात्र के परिजनों के आरोप पर कहना है कि बच्चे को परमानेंट सस्पेंड नहीं किया गया था, उसे केवल दो रेस्टिगेट किया गया था. बच्चे ने भी क्लास में कुछ मिसबिहेव किया था. इसी के कारण उस पर एक्शन लिया गया था. दूसरी तरफ, उसके परिजनों ने रिफंड की रिक्वेस्ट भी डाल दी थी, जिस पर भी एक्शन चल रहा था.

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