रामगंजमंडी (कोटा). प्रदेश के तीसरे टाइगर रिजर्व की लाइफ लाइन बाघिन MT4 का एक बार फिर से जंगल में प्रदेश हो चुका है. इलाज के बाद बाघिन काफी एक्टिव नजर आ रही है. बाघिन को ट्रीटमेंट के बाद अबेला बायोलॉजिकल पार्क से मुकंदरा शिफ्ट कर दिया गया था. कुछ दिनों पहले बाघिन शिकार के दौरान घायल हो गई थी.
फिर गूंजी जंगल में बाघ की दहाड़ मुकंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व से 26 सितंबर को इलाज के लिए अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क में लाई गई. बाघिन एमटी-4 को 7 अक्टूबर को दरा के सॉफ्ट एनक्लोजर में रिलीज किया गया. बाघिन का पांच बार एक्सरे और पैर की लेजर थैरेपी हुई है. बाघिन को पार्क में 11 दिन तक सीसीटीवी से निगरानी के बाद मंगलवार शाम को रिलीज किया गया.
मुकंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में 2 टाइगरों की मौत के बाद अब 2 टाइगर ही बचे हैं. जिसमे MT4 के पैर में चोट लगने के बाद अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क में स्वास्थ परीक्षण के लिए लाया गया. जहां जांच वरिष्ठ पशु चिकित्सकों के दल, भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान बरेली के वैज्ञानिकों डॉक्टर और वन्यजीव एसओएस आगरा के डॉक्टर द्वारा MT4 का परीक्षण किया गया.
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वहीं बाघिन MT4 के पैर की लेजर थैरेपी करने के बाद 7 अक्टूबर को उसे मुकुंदरा हिल्स में छोड़ा गया. जांच और निरीक्षण में बाघिन MT4 के बाएं पैर में पूर्ण सुथार पाया गया था. उक्त डॉक्टरों और वैज्ञानिकों द्वारा बाघिन को आवश्यक उपचार और जांच उपरांत मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के 28 हेक्टेयर सॉफ्ट इनक्लोजर में उपस्थित अधिकारियों की मौजूदगी में रखा गया है. जहां उस पर निगरानी रखी जा रही है.