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पीपल्दा के लोकदेवता वीर तेजाजी की तेजा दशमी का है विशेष महत्व

जिले के इटावा नगर में जहां एक तरफ लोक देवता वीर तेजाजी की तेजा दशमी पर लोगों की खासा भीड़ उमड़ी रही. वहीं, दूसरी ओर आयोजित होने वाले वीर तेजाजी डोलमेले की रंगत इस बार फीकी पड़ती नजर आ रही है. इस वर्ष प्रशासन के चलते इस मेले पर रोक लगा दी गई है.

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Published : Sep 8, 2019, 8:53 PM IST

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पीपल्दा (कोटा). जिले के इटावा नगर में तेजाजी के थानक पर आज रविवार सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिली. सुबह-सुबह लोक देवता वीर तेजाजी के थानक पर कच्चा दूध चढ़ाया गया. वहीं, घर मे भोजन तैयार होते ही लोगों ने तेजाजी के थानक पर पहुंचकर लड्डू बाटी चूरमे का भोग भी लगाया.

लोकदेवता वीर तेजाजी के तेजा दशमी पर उमड़ी लोगों की खासा भीड़

बता दें कि कई देव स्थानों पर अलग-अलग समाज के लोगों में पूजा प्रतिष्ठा करने की परंपरा बनी हुई है. जिसके चलते तेजाजी के थानक पर प्रजापति समाज के लोग पूजा प्रतिष्ठा करते दिखाई दिए. इसके साथ ही लोग ढ़ोक लगाकर परिवार में सुख समृद्वि की कामना करते नजर आए. गांवो में लोक देवता वीर तेजाजी की तेजा दशमी का विशेष महत्व है.

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सांकृतिक धरोहर लोकदेवता के मेले का आयोजन हुआ फीका

वहीं, इटावा नगर में हर वर्ष आयोजित वाले वीर तेजाजी डोलमेले की रंगत इस वर्ष पूर्ण रूप से फीकी नजर आ रही है. जिसके चलते लोगों में भी इस डोलमेले को लेकर उत्साह नहीं दिख रहा. आमजन भी स्थानीय नगरपालिका को कोसता दिखाई दे रहा है.

सांकृतिक धरोहर लोकदेवता के मेले का आयोजन हुआ फीका

दरअसल, हर वर्ष 7 दिवसीय मेले का भव्य आयोजन होता आ रहा है. लेकिन इस वर्ष नगरपालिका की नाकामी के चलते प्रशासन ने मेले के आयोजन पर रोक लगा दी है. जिसके चलते मेले के आयोजन पर संकट के बादल छा गए है. जिसके चलते कई दुकानदारों को निराश होकर लौटना पड़ा.

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जिसके चलते नगरपालिका की खिल्ली उड़ने के साथ ही इटावा नगर में आयोजित होने वाले हाड़ौती के प्रसिद्ध मेले के भविष्य पर भी सवाल खड़े हो गए है. जिसके चलते अब आगामी वर्षो में भी इस मेले के आयोजन पर गहरा असर पड़ेगा. वहीं, डोलमेले के आयोजन को लेकर एसडीएम परसराम मीणा ने बशर्ते अनुमति दे दी है. परन्तु इसके चलते मेले के आयोजन में झूले, चकरियों और डोलर का नहीं होना मेले की आकर्षण को कम करता दिखाई देगी.

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