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कोटा: सिलेबस में कटौती की मांग को लेकर अनशन पर बैठे छात्र, कीर्तन कर गुजारी पूरी रात - गवर्नमेंट कॉलेज कोटा के छात्रों का धरना

विश्वविद्यालय और कॉलेजों ने परीक्षाएं नहीं करवाते हुए छात्रों को प्रमोट कर दिया था. साथ ही केवल फाइनल ईयर के विद्यार्थियों को ही परीक्षा देनी पड़ी थी, लेकिन अब यह मांग कोटा में इस साल भी जारी है. इसी के तहत गवर्नमेंट कॉलेज कोटा के बाहर छात्रों ने गुरुवार को अनशन शुरू किया था, जो कि पूरी रात जारी रहा. छात्रों का कहना है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं की जाएगी, यह लोग इसी तरह से अनशन करते रहेंगे.

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सिलेबस में कटौती की मांग को लेकर अनशन पर बैठे छात्र

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Published : Feb 26, 2021, 12:46 PM IST

कोटा.कोरोना काल के बाद हुए राज्य सरकार के निर्देश पर विश्वविद्यालय और कॉलेजों ने परीक्षाएं नहीं करवाते हुए छात्रों को प्रमोट कर दिया था. साथ ही केवल फाइनल ईयर के विद्यार्थियों को ही परीक्षा देनी पड़ी थी, लेकिन अब यह मांग कोटा में इस साल भी जारी है. जि,के तहत विद्यार्थियों का कहना है कि कोविड-19 के चलते कॉलेजों में पूरे साल ही पढ़ाई नहीं हुई है. ऐसे में पिछले साल भी पढ़ाई सुचारू नहीं हो पाई थी.

सिलेबस में कटौती की मांग को लेकर अनशन पर बैठे छात्र

इसीलिए उनका सिलेबस कम किया जाए. इस मांग को लेकर गवर्नमेंट कॉलेज कोटा के बाहर छात्रों ने कल अनशन शुरू किया था, जो कि पूरी रात जारी रहा. इन छात्रों ने रात को कीर्तन करते हुए रात गुजार दी. साथ ही यह अपने अनशन पर पूरी रात बैठे रहे. इन छात्रों का कहना है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं की जाएगी. यह लोग इसी तरह से अनशन करते रहेंगे.

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कोटा के गवर्नमेंट साइंस कॉलेज के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष विनय राज सिंह के साथ अविनाश मालव, गजेंद्र नागर, योगेंद्र स्वामी, अनिल मीणा, विकास मीणा, कुश गोस्वामी ने अनशन शुरू किया था, जो बीते 24 घंटों से जारी हैं. छात्रों की मांग है कि ग्रामीण स्टूडेंट को कोविड-19 के दौरान पढ़ाई की काफी परेशानी हुई है. ऐसे में कोटा विश्वविद्यालय कोर्स में कटौती करे. कोटा विश्वविद्यालय को छात्रों के हित को देखते हुए परीक्षा की गाइडलाइन भी जारी करनी चाहिए. साथ ही जो प्रश्न पत्र है, उसके पैटर्न में भी बदलाव कर उसे सरल बनाना चाहिए.

इसके अलावा टाइम टेबल में भी दो परीक्षाओं के मध्य अंतराल ज्यादा होना चाहिए, ताकि बच्चे पढ़ाई कर सके. इसके पहले भी इन्हीं मांगों को लेकर यह छात्र अनशन और धरना दे चुके हैं, लेकिन विश्वविद्यालय ने कोई फैसला नहीं लिया है. इसीलिए उन्हें दोबारा अनशन के लिए मजबूर किया जा रहा है. इन छात्रों का यह भी कहना है कि अगर उनकी मांगे पूरी नहीं मानी गई तो वे लगातार इसी तरह से धरना जारी रखेंगे.

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