कोटा.जवाहर नगर थाना इलाके में तलवंडी स्थित हॉस्टल वात्सल्य रेजीडेंसी की छठी मंजिल से गिरकर पश्चिम बंगाल निवासी कोचिंग छात्र ईशानांशु भट्टाचार्य की गत 2 फरवरी की रात को दर्दनाक मौत का मामला सामने आया. इस मामले में परिजनों ने हॉस्टल संचालक व वार्डन के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई के लिए नहीं लिखा था, लेकिन कोटा जिला प्रशासन के निर्देश पर पुलिस ने इस संबंध में जांच शुरू की थी. इसी जांच के आधार पर जवाहर नगर थाना पुलिस ने होटल संचालक राजीव शर्मा और वार्डन मनोहरी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है.
इसमें उपेक्षा पूर्ण तरीके से किए कार्य के चलते किसी की हत्या हो जाने की धारा 304 ए व उपेक्षा पूर्ण किए कार्य से मानव जीवन को व्यक्तिगत सुरक्षा का खतरे की धारा 336 के तहत दर्ज हुआ है. आपको बता दें कि ईशानांशु के गिरने का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया था. जिसमें साफ तौर पर देखा जा सकता है कि ईशानांशु किस तरह से अपने दोस्तों के साथ बातचीत करते हुए खड़ा हुआ था. अचानक वह स्लिप हो गया था और इसी के चलते वह एलुमिनियम की जाली पर गिरा. यह जाली कमजोर होने से ईशानांशु नीचे चला गया था. जिससे उसकी मौत हो गई.
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जी प्लस 1 की स्वीकृति में बना दिया 10 मंजिल हॉस्टल: पुलिस उप अधीक्षक प्रथम अमर सिंह राठौड़ ने बताया कि उन्होंने इस संबंध में हॉस्टल का मौका मुआयना करवाया था. साथ ही नोटिस तामिल करवाया था कि संचालक हॉस्टल व मैस के संबंध में कोई अनुमति नगर निगम, यूआईटी और आवासन मंडल से ली है या नहीं. इसमें सामने आया कि किसी तरह की कोई स्वीकृति जारी नहीं हुई थी. जबकि भवन निर्माण स्वीकृति भी जी प्लस वन की जारी हुई थी. इसके उलट 10 मंजिला हॉस्टल खड़ा कर दिया गया है.
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पुलिस ने जांच में माना कमजोर थीं जालियां: डीएसपी राठौड़ ने बताया कि हॉस्टल में सभी बालकनी बाहर खुलने वाली थी. साथ ही कमर की ऊंचाई तक की मजबूर दीवार या रेलिंग नहीं बनाई गई थी. जबकि महज डेढ़ फुट ऊंचाई की दीवार पर कमजोर एलुमिनियम की जाली लगवा दी है. इसी जाली का सहारा लेते समय कोचिंग छात्र ईशानांशु ऊपर से नीचे गिर गया था. अगर यह जाली मजबूत होती तो, वह वह नीचे नहीं गिरता. ईशानांशु के पिता देबाजीत ने यह भी कहा था कि हॉस्टल में लगाई गई जाली काफी कमजोर थी. ऐसे में कोटा के सभी हॉस्टल की इस तरह की जांच जिला प्रशासन को करवानी चाहिए. ताकि उनके बेटे की तरह अन्य कोई बच्चा हादसे का शिकार नहीं हो.