कोटा.प्रदेश में चल रहे यूरिया संकट पर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने दिल्ली में केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय (Speaker Om Birla instructed the officials) के अधिकारियों की बैठक अपने कक्ष में बुलाई. इसमें प्रतिदिन 8 यूरिया के रैक राजस्थान को अलॉट करने के निर्देश दिए हैं. जिसमें से एक रैक कोटा बूंदी लोकसभा क्षेत्र में भेजने के लिए भी कहा है. स्पीकर बिरला ने कहा है कि यूरिया की कमी नहीं आनी चाहिए.
बिरला ने केंद्रीय उर्वरक मंत्रालय के सचिव अरुण सिंघल व संयुक्त सचिव नीरजा अदिदम से साफ कहा है कि वे खाद उत्पादक कंपनियों को साफ निर्देश दें कि खाद के साथ अटैचमेंट किसानों को नहीं दिया जाए. इन सभी कंपनियों को पाबंद किया जाए और निर्देश नहीं मानने वाली कंपनियों पर एक्शन भी लिया जाए. इस पर केंद्रीय उर्वरक मंत्रालय के सचिव ने आश्वस्त किया है कि यूरिया की नियमित आपूर्ति राजस्थान को होगी, साथ ही अटैचमेंट के लिए भी कंपनियों को कड़े निर्देश जारी करेंगे.
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किसान को दिया जाने वाला अटैचमेंट उपयोग में नहीं आता है और उसको खाद का कट्टा ही 270 रुपए की जगह 400 से ज्यादा का पड़ जाता है. स्पीकर बिरला के जयपुर दौरे पर राजस्थान के कृषि मंत्री लालचंद कटारिया मुलाकात करने पहुंचे थे. उन्होंने खाद की कमी पर बिरला से बातचीत की थी. इस पर बिरला ने उन्हें भी वितरण व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए कहा था.
बता दें कि कोटा संभाग में 310000 मीट्रिक टन यूरिया की रबी के सीजन में डिमांड है, जिसमें से अभी तक महज 130000 मीट्रिक टन ही यूरिया उपलब्ध हो पाया है. बूंदी जिले के हिंडौली, देई, करवर, नैनवा व बांसी में खाद के लिए किसान परेशान हो रहे हैं. वहां से ऐसी तस्वीरें आ रही है कि अल सुबह ही दुकान के बाहर कतार लग जाती है, लेकिन जितना यूरिया का आता है. वह एक-दो घंटे में बंट जाता है. किसान बैरंग ही घरों पर लौट रहे हैं.
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आपदा राहत राशि के जल्द भुगतान के निर्देशः स्पीकर बिरला ने आपदा पीड़ित व किसानों को आपदा राहत राशि का भुगतान नहीं होने को लेकर भी बैठक की. केंद्र और राज्य सरकार के आपदा राहत मंत्रालयों के अधिकारियों के साथ हुई इस बैठक में बिरला ने आपदा राहत राशि का लंबा समय बीत जाने के बाद भी पीड़ितों को भुगतान नहीं होने पर कड़ी नाराजगी जताई. बिरला ने कहा कि यह बेहद गंभीर है कि आपदा पीड़ितों विशेषकर किसानों को महीनों बीत जाने के बाद राहत राशि का इंतजार करना पड़ रहा है. अधिकारी ऐसे मैकेनिज्म तैयार करें जिसमें नुकसान का आंकलन होने के बाद आपदा पीड़ित को जल्द भुगतान हो जाए. आपदा में मकान और पशुधन को हुए नुकसान के मामलों में भी भुगतान को अटका दिया जाता है, ऐसा नहीं होना चाहिए. इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्रालय की अतिरिक्त सचिव बीवी उमादेवी, संयुक्त सचिव संजीव कुमार जिंदल, निदेशक पवन कुमार, लोकसभा के संयुक्त सचिव सिद्धार्थ महाजन, राजस्थान सरकार में आपदा राहत विभाग के सचिव पीसी किशन आदि मौजूद थे.