सांगोद (कोटा). क्षेत्र के किसानों के खेतों की मिट्टी की जांच की सहुलियत को लेकर उपखंड मुख्यालय पर मिट्टी जांच प्रयोगशाला बनाई गई थी. ये प्रयोगशाला बीते डेढ़ साल से बंद पड़ी है. ऐसे में मिट्टी जांच करवाने आनेवाले किसान निराश होकर लौट रहे हैं. वहीं, किसानों को मिट्टी जांच के लिए जिला मुख्यालय जाना पड़ रहा है.
जानकारी के अनुसार सरकार की ओर से टेंडर नहीं पास नहीं किए जाने से प्रयोगशाला का संचालन नहीं हो पा रहा है. क्षेत्र में खेती का रकबा अधिक है लेकिन पहले भी यहां मिट्टी जांचने की सुविधा नहीं थी. जिससे किसानों को जिला मुख्यालय पर कृषि विभाग की प्रयोगशाला या फिर निजी जांच केन्द्रों पर मिट्टी की जांच करवानी पड़ती थी. इसमें किसानों को हजारों रुपए का खर्चा होता था. किसानों की सहुलियत को लेकर साल 2013 में सांगोद में राज्य सरकार ने कृषि प्रयोगशाला संचालित की. पंचायत समिति कार्यालय परिसर में 11 लाख रुपए की लागत से यह प्रयोगशाला बनाई गई थी जो कि अब बंद पड़ी है.
बता दें कि मिट्टी जांच प्रयोगशाला में किसान अपने खेतों की मिट्टी में किस तत्व की कमी और अधिकता है, इसकी जांच करवा सकते हैं. जिससे जांच के हिसाब से किसान संतुलित मात्रा में उर्वरकों का उपयोग कर सकते हैं लेकिन बीते डेढ़ साल से इसका संचालन बंद होने से यहां मिट्टी की जांच बंद पड़ी है.