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Special : पिता की ठुकराई बच्ची को पुलिस ने लिया गोद, पढ़ा-लिखाकर बनाएंगे कलेक्टर

कोटा जिले के सांगोद उपखंड में पुलिस ने एक अनोखी पहल की है. पुलिस ने एक बच्ची को गोद लिया है. पुलिस बच्ची को पढ़ाएगी. इसके साथ ही 51 हजार रुपये की एफडी करने की भी घोषणा की है.

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Published : Jan 29, 2020, 10:53 AM IST

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पिता की ठुकराई बच्ची को पुलिस ने लिया गोद

सांगोद (कोटा). जिले के सांगोद में गणतंत्र दिवस पर सांगोद पुलिस ने सराहनीय काम किया है. मेहनत मजदूरी कर परिवार का खर्चा चला रहे अपने मामा-नाना के पास अभावों में रह रही एक बेटी को पुलिस का आसरा मिला. पुलिस ने उसे गोद लेने का निर्णय कर उसका सारा खर्चा उठाने की घोषणा की.

पिता की ठुकराई बच्ची को पुलिस ने लिया गोद

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पिता ने निकाल दिया था घर से बाहर...

सांगोद के कोडिया चौक में अपने मामा के घर रही टीना गोचर 16 साल की है. पिता ने कुछ सालों पहले दूसरी शादी कर ली और अपनी पहली पत्नी यानि टीना की मां मंजू बाई को बच्चों समेत घर से निकाल दिया. दो साल पहले मंजू बाई की भी मौत हो गई तो टीना निराश्रित हो गई. टीना के मामा ओमप्रकाश, त्रिलोक और नरेश गोचर उसे अपने पास ले आए. लेकिन इनकी भी आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी, कि वो टीना का सही तरीके से लालन-पालन कर सके. पढ़ाई छोड़ने की नौबत आई तो राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय की शिक्षिका चन्द्रकला वर्मा ने सहयोग किया.

फिर मिली नई खुशियां...

गणतंत्र दिवस समारोह में टीना ने स्कूल की तरफ से कविता पाठ किया. संचालक ने टीना की स्थिति की जानकारी दी तो यहां मौजूद पुलिस उपअधीक्षक रामेश्वर परिहार ने थानाधिकारी धनराज मीणा से चर्चा कर उसे गोद लिया और उसका पूरा खर्चा उठाने की घोषणा की.

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पुलिस बनी सहारा

पुलिस ने टीना को थाना बुलाकर दो जोड़ी कपड़े, कम्बल और गर्म कपड़े दिए. सभी पुलिस कर्मियों ने सहयोग की बात कही तो टीना के नाम पुलिस स्टाफ की ओर से 51 हजार रुपए की एफडी बैंक खाते में कराने का निर्णय लिया. पुलिस टीना का सारा खर्चा भी वहन करेगी.

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जिला कलेक्टर बनना चाहती है टीना...

टीना गोचर के मामा नरेश गोचर का कहना है, कि टीना पढ़ाई में बहुत अच्छी है और मेहनत करती है. टीना का भी कहना है, कि विपरीत परिस्थिति में ननिहाल और स्कूल स्टाफ का सहारा मिला. वे स्कूल स्टाफ और पुलिस प्रशासन को धन्यवाद देती हैं और जिला कलेक्टर बनना चाहती हैं.

बच्ची के पास नहीं थे कोई डॉक्यूमेंट...

टीना गोचर की शिक्षिका चंद्रकला वर्मा का कहना है, कि बच्ची स्कूल में 5वीं क्लास में आई थी, तब उसके पास एक भी डॉक्यूमेंट नहीं थे. जिस कारण बच्ची को कक्षा 6 में एडमिशन और छात्रवृत्ति के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. बच्ची की मां और मामा के पास भी डॉक्यूमेंट नही थे. बमुश्किल नगर पालिका तत्कालीन उपाध्यक्ष की सहायता से बच्ची का जाति प्रमाण पत्र और आधार कार्ड बन पाया.

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51 हजार रुपये के एफडी की घोषणा...

स्कूल व्याख्याता गुंजल नोमी का कहना है कि टीना गोचर 11वीं क्लास में अध्यनरत है. गणतंत्र दिवस में मौके पर जब बच्ची ने कविता प्रस्तुत की तो मन मे विचार आया कि बच्ची के बारे में दो शब्द बोले जैसे ही मैने बच्ची के बारे में मंच से हकीकत बयां की, तो पुलिस प्रशासन ने बिना वक्त गवाए त्वरित ही इस पर बच्ची को गोद लेने की घोषणा की और बच्ची के नाम 51 हजार रुपये की एफडी कराने की घोषणा की.

टीना की कविता के कायल हुए थानाधिकारी...

थानाधिकारी धनराज मीणा ने बताया, कि कविता गान में बच्ची का दर्द झलक रहा था. ये भी पता चला, कि बच्ची के माता-पिता नहीं है. जिसके बाद पूरी जानकारी लेकर पुलिस अधिकारियों और स्टाफ से बातचीत कर बच्ची को गोद लेने का निर्णय लिया गया.

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