कोटा.राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय ने कोविड-19 के दौरान विद्यार्थियों के फाइनल सेमेस्टर की परीक्षा ऑनलाइन (RTU Online Exam)आयोजित की थी. जिसमें विद्यार्थियों को छूट दी थी कि वह घर से ही परीक्षा दे, लेकिन एजेंसी के जरिए ली गई परीक्षा में करीब 2 हजार से ज्यादा विद्यार्थी ऐसे थे, जो अनफेयर मींस में पकड़ में आए. यूनिवर्सिटी को वीडियो रिकॉर्डिंग में गड़बड़झाला मिला है. यूनिवर्सिटी ने इन सभी विद्यार्थियों की दोबारा जांच की. उसके बाद रिजल्ट जारी किया है.
राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय के डिप्टी रजिस्ट्रार नीरज जैन ने बताया कि 352 स्टूडेंट्स की फिर जांच हुई. जिसके बाद फाइनल लिस्ट निकली है, जिसमें 125 विद्यार्थियों को दोबारा परीक्षा मास्टर्स इन बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन, मास्टर्स इन आर्किटेक्ट और बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी की देनी होगी. जैन ने बताया कि उन्होंने ऑनलाइन एग्जाम थ्रू रिमोट प्रोक्टरिंग लिया था. जिसे परीक्षा 23 से 30 सितंबर तक आयोजित किया था. इसमें बीटेक के 4 और एमबीए 7 पेपर विद्यार्थियों के लिए थे. इसमें मल्टी चॉइस क्वेश्चन पूछे गए थे. साथ ही 50 प्रश्न एक पेपर में आए थे, जिनको 75 मिनट में पूरा करना था.
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इस परीक्षा के दौरान हर विद्यार्थी की पूरे एग्जाम के दौरान 75 मिनट की रिकॉर्डिंग की गई. एक विद्यार्थी की 150 वीडियो क्लिप एग्जाम देने वाली संस्था में उपलब्ध करवाई है.इसमें से 2000 विद्यार्थी अनफेयर मिंस में बुक हुए थे. इन सब की करीब तीन लाख वीडियो क्लिप आरटीओ की अनफेयर मींस कमेटी ने देखी है. इसके बाद ही महज 352 विद्यार्थियों को इस परीक्षा में गड़बड़झाले में शामिल माना है. जिन्हें नोटिस भी दिए गए थे. साथ ही अन्य सभी विद्यार्थियों का परिणाम जारी कर दिया गया था.
राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय के डिप्टी रजिस्ट्रार नीरज जैन जवाब से संतुष्ट होने पर क्लीनचिट
जैन ने बताया कि स्टूडेंट को नोटिस जारी करने के बाद उनके जवाब लिए गए. उसकी वापस वीडियो मैपिंग भी देखी गई. इस वीडियो मैपिंग में उनके जवाब से संतुष्ट होने के बाद ही उन्हें क्लीनचिट अनफेयर मिंस कमेटी ने दी है. क्लीनचिट मिलने के बाद उन विद्यार्थियों को दोबारा परीक्षा नहीं देनी पड़ेगी. जबकि बचे हुए विद्यार्थियों से दोबारा परीक्षा राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय लेगा, इसके लिए जल्द ही फॉर्म मांगे जाएंगे.
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डिप्टी रजिस्ट्रार नीरज जैन का कहना है कि उन्होंने कोविड-19 को देखते हुए यूजीसी और राजस्थान सरकार के दिशा निर्देश पर ही यह ऑनलाइन एग्जाम कंडक्ट करवाया था. जिसके लिए एक एजेंसी को भी हायर किया गया था. पहली बार राजस्थान में इस तरह से ऑनलाइन एग्जाम स्टूडेंट्स ने किसी विश्वविद्यालय का दिया है. इसके लिए डिटेल गाइडलाइन और एसओपी जारी की गई थी. साथ ही विद्यार्थियों को इसके लिए ट्रेनिंग भी करवाई गई थी. यह 6 पेज की एसओपी थी. जिसमें साफ दिया गया था कि स्टूडेंट्स को एग्जाम देते समय क्या करना है और क्या नहीं करना है. इसकी पालना नहीं करने वाले स्टूडेंट्स को ही अनफेयर मींस में बुक किया गया था.
15000 विद्यार्थियों ने दी बीटेक परीक्षा
नीरज जैन ने बताया कि करीब 15000 विद्यार्थियों ने बीटेक परीक्षा दी थी. जिनमें से 282 विद्यार्थियों चेतावनी पत्र जारी किए गए थे. इसके बाद विद्यार्थियों के जवाब मांगे गए और जांच के बाद ही बच्चों को परीक्षा दोबारा देने के निर्देश दिए गए. इसी तरह से एमबीए में भी 3000 विद्यार्थियों में से 69 स्टूडेंट को अनफेयर मींस में बुक हुए थे, स्टूडेंट्स में से 28 दोबारा परीक्षा देंगे. इसी तरह से एमआर्क में एक विद्यार्थी दोबारा परीक्षा देगा.
राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय ने जिस प्लेटफार्म के जरिए परीक्षाएं करवाई थी और जिस एजेंसी ने परीक्षा ली थी उसके जरिए चैटिंग ऑप्शन भी स्टूडेंट को परीक्षा देते समय उपलब्ध करवाया गया था. जिसमें विद्यार्थियों को दूसरे गजट के उपयोग करने बुक से रेफरेंस लेने, एक्जाम वाले गेजेट्स के कैमरे के सामने नहीं देखने, रूम में किसी दूसरे व्यक्ति के आने, आसपास काफी तेज आवाज आने सहित कई अन्य बातों पर आगाह किया था.
इस तरह का गड़बड़झाला करते दिखे स्टूडेंट
रूम में कोई अन्य व्यक्ति था. किसी दूसरे व्यक्ति की हेल्प लेता स्टूडेंट पकड़ में आया. अन्य गैजेट्स का उपयोग कर रहे थे. कानों में ईयर फोन लगा रखा था. वीडियो और ऑडियो म्यूट कर रखा था. स्टडी मटेरियल और बुक का रेफरेंस लेते स्टूडेंट नजर आया. स्टूडेंट की नजर जिस स्क्रीन पर वह एग्जाम दे रहा था, उसकी जगह दूसरी जगह पर बार-बार जा रही थी.