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RTU Case: कोर्ट में आरोपियों ने वॉयस सैंपल देने से किया इनकार, अब 25 जनवरी को होगी सुनवाई

आरटीयू में छात्राओं को पास कराने के एवज अस्मत मांगने के मामले में न्यायालय ने बारी-बारी से तीनों आरोपियों एसोसिएट प्रोफेसर गिरीश परमार, छात्रा ईशा यादव और अर्पित अग्रवाल को (Accused refused to give voice sample) बुलाया. जिनसे वॉयस सैंपल के लिए सहमति देने के बारे में पूछा गया. लेकिन तीनों ने इससे इनकार कर दिया.

Accused refused to give voice sample
Accused refused to give voice sample

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Published : Jan 23, 2023, 1:21 PM IST

विशिष्ट लोक अभियोजक हितेश जैन

कोटा.राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय में छात्राओं को परीक्षा में पास कराने के एवज में अस्मत मांगने के मामले में आरोपी प्रोफेसर गिरीश परमार, छात्रा अर्पित अग्रवाल और ईशा यादव को सोमवार को कोर्ट लाया गया. जहां उनके वॉयस सैंपल की अर्जी की प्रक्रिया की होनी थी. लेकिन कोर्ट में तीनों ने वॉयस सैंपल देने से इनकार कर दिया. दरअसल, इस संबंध में आरोपियों को कोटा उत्तर क्रम संख्या एक न्यायालय में जेल से लाया गया था. इसके साथ ही विधि विज्ञान प्रयोगशाला से भी कार्मिकों को नमूना लेने के लिए उपकरणों सहित बुलाया था, लेकिन ऐन वक्त पर आरोपियों ने न्यायाधीश के समक्ष वॉयस नमूना देने से इनकार कर दिया. जिसके कारण यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी.

विशिष्ट लोक अभियोजक हितेश जैन ने बताया कि तीनों आरोपियों एसोसिएट प्रोफेसर गिरीश परमार, छात्रा ईशा यादव और अर्पित अग्रवाल को न्यायालय ने बारी-बारी से बुलाया. जिनसे वॉयस सैंपल के लिए सहमति देने के बारे में पूछा गया. लेकिन तीनों ने इससे इनकार कर दिया. इसके बाद तीनों आरोपियों को दोबारा जेल भेज दिया गया. विशेष लोक अभियोजक जैन ने बताया कि मौजूदा सूरत-ए-हाल में अब तीनों आरोपियों के पहले लिए गए ऑडियो को ही सही माना जाएगा.

इसे भी पढ़ें- RTU Case: छात्रा की अस्मत मांगने वाले प्रोफेसर समेत दो गिरफ्तार

बता दें कि इस संबंध में सीजेएम कोर्ट में 20 जनवरी को अर्जी लगाई गई थी. जिसके बाद न्यायालय ने सुनवाई के लिए कोटा उत्तर क्रम संख्या एक न्यायालय को अप्वॉइंट किया था. जिसमें सुनवाई 21 जनवरी को हुई और 23 जनवरी को आरोपियों की सहमति पर आवाज के नमूने लेने का निर्देश दिए गया था. विशिष्ट लोक अभियोजक जैन ने बताया कि अगर तीनों आरोपी नमूना देने को तैयार हो जाते और एक पैराग्राफ बनाकर उनकी वॉयस की सैंपलिंग हो जाती तो उसकी एक सीडी बनाकर एफएसएल जांच के लिए भेज दी जाती. लेकिन ऐन वक्त पर तीनों ने सैंपल देने से इनकार कर दिया.

असल में पुलिस के पास आरोपियों के 50 से ज्यादा ऑडियो हैं. जिनके मिलान के लिए फिर से वॉयस सैंपल लेने थे. जिसके लिए आरोपी तैयार नहीं हुए. अगर ऐसा हो जाता तो इन आरोपियों के खिलाफ एक और सुबूत तैयार हो जाता. वहीं, अब इस मामले में अगली तारीख 25 जनवरी को मुकर्रर की गई है. तब तक तीनों आरोपी न्यायिक अभिरक्षा में रहेंगे. इस संबंध में पुलिस भी जरूरी कार्रवाई और अनुसंधान पूरा कर चालान न्यायालय में पेश करेगी.

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