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Published : Nov 18, 2022, 8:38 PM IST

Updated : Nov 18, 2022, 10:55 PM IST

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कोटा में पैंथर का आतंक, नांता गढ़ को 24 घंटे की पहरेदारी... कैमरा ट्रेप, पिंजरे और ट्रेंकुलाइज के लिए तैनात की टीम

पैंथर के नांता गढ़ में मौजूद होने की पुष्टि के बाद वन विभाग की टीम बघेरे को तलाशने में लगी (Panther spotted in Nata Garh in Kota) हुई है. पैंथर पर हर समय मॉनिटरिंग की जा रही है.

rescue Operation for Panther
rescue Operation for Panther

कोटा. शहर के नांता इलाके में बघेरे के मूवमेंट के बाद स्थानीय लोग दहशत में हैं. पैंथर के नांता गढ़ में मौजूद होने (Panther spotted in Nata Garh in Kota) की पुष्टि वन्यजीव विभाग ने की है. इसके बाद वन्यजीव विभाग की टीम सुबह से ही मौके पर पहुंच गई है. करीब 8 से 10 लोग पैंथर की तलाश कर रहे हैं. इसकी पूरी मॉनिटरिंग डीएफओ वन्यजीव सुनील गुप्ता कर रहे हैं. वहीं वेटरनरी चिकित्सक विकास राव गुल्हने भी मौके पर मौजूद हैं. साथ ही अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क की रेस्क्यू टीम भी इसके लिए लगा दी गई है.

वन्यजीव विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पैंथर नजर नहीं आया है. लेकिन उसकी मौजूदगी के पूरे सबूत मिल गए हैं. इनमें पैंथर ने किए श्वान के शिकार के निशान, पगमार्क और स्केट (अपशिष्ट) शामिल हैं. डीएफओ सुनील गुप्ता ने बताया कि बघेरे को पकड़ने के लिए तीन पिजरे नांता के गढ़ में लगा दिए गए हैं. साथ ही कैमरा ट्रैप करने के लिए भी पूरा सेटअप लगा दिया है. इसमें 8 कैमरा ट्रैप लगाए गए हैं. वहीं पैंथर को ट्रेंकुलाइज करने के लिए भी चिकित्सक व टीम वहां पर मौजूद हैं. जैसे ही बघेरा नजर आएगा, उसे ट्रेंकुलाइज कर लिया जाएगा और पिंजरे में कैद कर लिया जाएगा.

कोटा में पैंथर का आतंक

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डीएफओ गुप्ता ने कहा है कि 8 से 10 लोगों की टीम नांता गढ़ व आसपास में 24 घंटे की मॉनिटरिंग (rescue Operation for Panther) रखेगी. यह पूरा इलाका सघन बस्ती का है, इनमें रेंजर, फॉरेस्ट, फॉरेस्ट गार्ड और लेबर भी शामिल हैं. ऐसे में पैंथर नजर आते ही उसे रेस्क्यू करने का पूरा प्रयास किया जाएगा. स्थानीय लोग भी इससे दहशत में आ गए हैं. पुलिस भी मौके पर तैनात की गई है.

स्थानीय लोगों ने उड़ाए ड्रोन :पैंथर के नांता गढ़ में होने की पुष्टि करने के लिए स्थानीय लोगों ने भी ड्रोन (Panther Ruckus in Kota) उड़ाए. हालांकि उनमें भी पैंथर नजर नहीं आया है. नांता गढ़ के नजदीक एक सरकारी स्कूल भी संचालित होता है, वहां बघेरे का खतरा ज्यादा होने के चलते शुक्रवार को अवकाश कर दिया गया.

बघेरे के मूवमेंट पर रखेंगे नजर :डॉ. विकास राव गुल्हने का कहना है कि बघेरे के मूवमेंट पर पूरी नजर रखी जा रही है. लेकिन रात के समय उसे ट्रेंकुलाइज करना काफी मुश्किल है. यह पूरा गढ़ 20 बीघा में बना हुआ है और 3 मंजिला है. जिसमें 250 से ज्यादा बुखारियां बनी हुई हैं. ऐसे में पैंथर कहां पर छुपा हुआ है, यह नहीं कहा जा सकता है. गढ़ के भीतर टीम जाती है तो, पैंथर हमला भी कर सकता है. इसीलिए पैंथर पर पूरी तरह से निगरानी रखी जा रही है.

Last Updated : Nov 18, 2022, 10:55 PM IST

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