कोटा. राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारी राजेश डागा इन दिनों कोटा दक्षिण नगर निगम के अतिरिक्त आयुक्त के पद पर लगे हुए हैं. उन्हीं के पास कमिश्नर का भी अतिरिक्त चार्ज है. कोटा में आने के बाद वह कई तरह से लोगों को राहत पहुंचाने लगे हैं. साथ ही नगर निगम की बरसों से अतिक्रमण की जद में फंसी संपत्तियों को भी छुड़ाने में जद्दोजहद कर रहे हैं. इसके अलावा बाजारों से अतिक्रमण हो या अवैध होर्डिंग या फिर बैनर पोस्टर सभी पर वे कार्रवाई कर रहे हैं. हालांकि इससे पहले सांगोद के एसडीएम रहते समय उनकी कई योजनाएं आम लोगों के साथ मिलकर चलाई गई थी. इसके अलावा सरकारी स्तर पर भी कई नवाचार उन्होंने किए थे. जिन्हें प्रदेश स्तर पर भी सराहना मिली. उनकी पहल के बाद राज्य सरकार ने भी अन्य जगह पर ऐसी योजनाओं को लागू किया. जिनमें खाद्य सुरक्षा में अपात्र लोगों को हटाना, कृषि अवशेष जलाने से रोकना, वृद्धजन को भरण-पोषण दिलाना और कोविड-19 के दौरान बनाया गेहूं बैंक शामिल है.
मोबाइल पर फोटो आने पर ही हुई कचरा फेंकने वालों पर कार्रवाई: राजेश डागा ने कोटा दक्षिण नगर निगम में एक नवाचार शुरू किया. खुले में कचरा फेंकने वाले लोगों के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया. जागरूक नागरिक गंदगी फैलाने वाले व्यक्ति का वीडियो या फोटा खींच कर वाट्सअप नंबर 7742514514 पर भेज सकते हैं. इन फोटो वीडियो में वाहनों को पहचान कर मालिक पर कार्रवाई की जाती है. अभी तक लाखों रुपए की वसूली इससे हो चुकी है. सैकड़ों लोगों पर यह लोगों पर पेनल्टी लगाई गई है. साथ ही शहर के बाजारों को अतिक्रमण मुक्त करवाने का प्रयास कर रहे हैं. बाजारों में दुकान से बाहर सामान रखने वाले व्यापारियों पर भी कार्रवाई हो रही है. उनको पहले समझाइश की जाती है, नहीं मानने पर पेनल्टी लगाई जाती है. ऐसे व्यापारियों के फोटो नगर निगम के कार्य में खींच कर लाते हैं. जिन पर पेनल्टी लगा दी जाती है.
खाद्य सुरक्षा में अपात्र लोगों से करोड़ों की वसूली : राजेश धागा साल 2019 मार्च में झालावाड़ जिले के भवानीमंडी में पोस्टेड रहे थे. इसके साथ ही उन्हें गंगधार एसडीएम का भी अतिरिक्त चार्ज मिल गया था. उन्होंने दोनों इलाकों में एक अभियान छेड़ दिया था. इस अभियान के तहत खाद्य सुरक्षा के अपात्र लोगों को बाहर कर केवल पात्र को ही मदद दिलाने का अभियान था. इसके तहत उन्होंने सभी सरकारी कर्मचारियों का डाटा आधार के जरिए राशन कार्ड सीडिंग कर दी. इसके बाद अपात्र सरकारी कर्मचारियों से करोड़ों रुपए की वसूली हुई. यह पहले 20 और बाद में 28 रुपए किलो से हुई थी. इसके तहत राजेश डागा की पहल पर करीब करोड़ो की वसूली कोटा और झालावाड़ जिले में हुई. इसके साथ यह अभियान पूरे राजस्थान में चल गया. जिसमें एक अरब से ज्यादा रुपए की वसूली पूरे प्रदेश में हुई है. इसी के जरिए सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी और ज्यादा भूमि धारक किसान को भी अपात्र श्रेणी में डाला गया है.
कोरोना में बनाया था गेहूं बैंक, इसी के जरिए पहुंचाई कई तरह से राहत: कोविड-19 के दौरान कई ऐसे लोग थे. जिन्हें मदद नहीं मिल पा रही थी, इन लोगों के लिए राजेश डागा ने कनवास एसडीएम रहते हुए गेहूं बैंक बनवाया था. इसमें कनवास इलाके की 15 पंचायतों को शामिल किया था. जिनमें 724 क्विंटल गेहूं एकत्रित किया गया था. जिन्हें जरूरतमंद लोगों को उन्हीं के गांव के लोगों के जरिए समिति बनाकर बांटा गया है. इसके अलावा इस गेहूं से अन्य सामग्री भी खरीदी गई है. जिनमें राशन किट की सामग्री शामिल थी. जिसे भी जरूरतमंद लोगों को बांटा गया था. यह सीधे तौर पर आम लोगों को जोड़कर ही बनाया गया था. इसमें गांव के लोगों की ही समिति बनाई गई थी. इसके जरिए दोनों लॉकडाउन में लोगों को राहत दी गई. इसके अलावा शेष बची राशि से लंबी वायरस रोग होने पर गायों को 40 हजार आयुर्वेदिक लड्डू भी बांटे गए. शेष राशि से उपखंड क्षेत्र की 18 ग्राम पंचायतों के आंगनबाड़ी केंद्रों को रेनोवेट करवाया है. साथ ही उन लोगों को भी आर्थिक सहायता दी गई. जिनको कोविड-19 में परिजनों को खो दिया था, लेकिन किसी कारण से सरकारी सहायता नहीं मिल रही थी. इस नवाचार की पूरे प्रदेश में तारीफ हुई थी.
5000 बीघा चरागाह भूमि से हटवाया अतिक्रमण : राजेश डागा प्रदेश के एकमात्र प्रशासनिक अधिकारी हैं. जिन्होंने अपने 3 साल के कार्यकाल में ही करीब 5000 बीघा चरागाह भूमि से अतिक्रमण हटवाया है. यह कार्रवाई उन्होंने झालावाड़ और कोटा जिले में की है. जिसके तहत पंचायत सेक्रेट्री, पटवारी और तहसीलदारों से उन्होंने अतिक्रमण को चिन्हित करवाया. उसके बाद पुलिस और अपने अमले की मदद से अतिक्रमण को हटवाया है. राजेश डागा का कहना है कि चारागाह भूमि पर अतिक्रमण होने के चलते गोवंश खेतों में चला जाता है और किसान को नुकसान कर रहा था. इस अतिक्रमण को हटाने से गोवंश को चरने के लिए भूमि मिली है.
कोटा शहर में 50 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति अतिक्रमण : दूसरी तरफ राजेश डागा ने अपने कई अभियान एक साथ चलाए हुए थे. इनमें सिवायचक भूमि, स्कूल, खेल मैदान, कब्रिस्तान और श्मशान सभी जगह से अतिक्रमण हटाए गए थे. उन्होंने करीब 1000 बीघा जमीन को ग्रामीण इलाके में अतिक्रमण मुक्त करवाया है. अतिक्रर्मियों ने इन पर लंबे समय से अतिक्रमण किया हुआ था. जिनसे सरकार को आमदनी भी हुई है. राजेश डागा फरवरी महीने से कोटा में तैनात है. उन्होंने करीब 12 से ज्यादा सरकारी संपत्तियों और प्लॉट को कोटा शहर में अतिक्रमण मुक्त कराया है. जिनकी कीमत ही 50 करोड़ से ज्यादा है. अब इन सभी प्लॉटों की नीलामी की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है. जिससे नगर निगम को आय भी होगी.