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RAS डागा सरकारी सिस्टम का उपयोग कर लोगों को पहुंचा रहे राहत, कई नवाचार ऐसे जिनसे सरकारी कार्मिकों से हुई लाखों की वसूली

प्रशासनिक सेवा के अधिकारी राजेश डागा के सरकारी स्तर पर भी कई नवाचार उन्होंने किए थे. जिन्हें प्रदेश स्तर पर भी सराहना मिली. उनकी पहल के बाद राज्य सरकार ने भी अन्य जगह पर ऐसी योजनाओं को लागू किया. जिनमें खाद्य सुरक्षा में अपात्र लोगों को हटाना, कृषि अवशेष जलाने से रोकना, वृद्धजन को भरण-पोषण दिलाना और कोविड-19 के दौरान बनाया गेहूं बैंक शामिल है.

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Published : May 5, 2023, 8:49 AM IST

Kota ras officers rajesh daga
Kota ras officers rajesh daga

RAS डागा सरकारी सिस्टम का उपयोग कर लोगों को पहुंचा रहे राहत

कोटा. राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारी राजेश डागा इन दिनों कोटा दक्षिण नगर निगम के अतिरिक्त आयुक्त के पद पर लगे हुए हैं. उन्हीं के पास कमिश्नर का भी अतिरिक्त चार्ज है. कोटा में आने के बाद वह कई तरह से लोगों को राहत पहुंचाने लगे हैं. साथ ही नगर निगम की बरसों से अतिक्रमण की जद में फंसी संपत्तियों को भी छुड़ाने में जद्दोजहद कर रहे हैं. इसके अलावा बाजारों से अतिक्रमण हो या अवैध होर्डिंग या फिर बैनर पोस्टर सभी पर वे कार्रवाई कर रहे हैं. हालांकि इससे पहले सांगोद के एसडीएम रहते समय उनकी कई योजनाएं आम लोगों के साथ मिलकर चलाई गई थी. इसके अलावा सरकारी स्तर पर भी कई नवाचार उन्होंने किए थे. जिन्हें प्रदेश स्तर पर भी सराहना मिली. उनकी पहल के बाद राज्य सरकार ने भी अन्य जगह पर ऐसी योजनाओं को लागू किया. जिनमें खाद्य सुरक्षा में अपात्र लोगों को हटाना, कृषि अवशेष जलाने से रोकना, वृद्धजन को भरण-पोषण दिलाना और कोविड-19 के दौरान बनाया गेहूं बैंक शामिल है.

मोबाइल पर फोटो आने पर ही हुई कचरा फेंकने वालों पर कार्रवाई: राजेश डागा ने कोटा दक्षिण नगर निगम में एक नवाचार शुरू किया. खुले में कचरा फेंकने वाले लोगों के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया. जागरूक नागरिक गंदगी फैलाने वाले व्यक्ति का वीडियो या फोटा खींच कर वाट्सअप नंबर 7742514514 पर भेज सकते हैं. इन फोटो वीडियो में वाहनों को पहचान कर मालिक पर कार्रवाई की जाती है. अभी तक लाखों रुपए की वसूली इससे हो चुकी है. सैकड़ों लोगों पर यह लोगों पर पेनल्टी लगाई गई है. साथ ही शहर के बाजारों को अतिक्रमण मुक्त करवाने का प्रयास कर रहे हैं. बाजारों में दुकान से बाहर सामान रखने वाले व्यापारियों पर भी कार्रवाई हो रही है. उनको पहले समझाइश की जाती है, नहीं मानने पर पेनल्टी लगाई जाती है. ऐसे व्यापारियों के फोटो नगर निगम के कार्य में खींच कर लाते हैं. जिन पर पेनल्टी लगा दी जाती है.

खाद्य सुरक्षा में अपात्र लोगों से करोड़ों की वसूली : राजेश धागा साल 2019 मार्च में झालावाड़ जिले के भवानीमंडी में पोस्टेड रहे थे. इसके साथ ही उन्हें गंगधार एसडीएम का भी अतिरिक्त चार्ज मिल गया था. उन्होंने दोनों इलाकों में एक अभियान छेड़ दिया था. इस अभियान के तहत खाद्य सुरक्षा के अपात्र लोगों को बाहर कर केवल पात्र को ही मदद दिलाने का अभियान था. इसके तहत उन्होंने सभी सरकारी कर्मचारियों का डाटा आधार के जरिए राशन कार्ड सीडिंग कर दी. इसके बाद अपात्र सरकारी कर्मचारियों से करोड़ों रुपए की वसूली हुई. यह पहले 20 और बाद में 28 रुपए किलो से हुई थी. इसके तहत राजेश डागा की पहल पर करीब करोड़ो की वसूली कोटा और झालावाड़ जिले में हुई. इसके साथ यह अभियान पूरे राजस्थान में चल गया. जिसमें एक अरब से ज्यादा रुपए की वसूली पूरे प्रदेश में हुई है. इसी के जरिए सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी और ज्यादा भूमि धारक किसान को भी अपात्र श्रेणी में डाला गया है.

कोरोना में बनाया था गेहूं बैंक, इसी के जरिए पहुंचाई कई तरह से राहत: कोविड-19 के दौरान कई ऐसे लोग थे. जिन्हें मदद नहीं मिल पा रही थी, इन लोगों के लिए राजेश डागा ने कनवास एसडीएम रहते हुए गेहूं बैंक बनवाया था. इसमें कनवास इलाके की 15 पंचायतों को शामिल किया था. जिनमें 724 क्विंटल गेहूं एकत्रित किया गया था. जिन्हें जरूरतमंद लोगों को उन्हीं के गांव के लोगों के जरिए समिति बनाकर बांटा गया है. इसके अलावा इस गेहूं से अन्य सामग्री भी खरीदी गई है. जिनमें राशन किट की सामग्री शामिल थी. जिसे भी जरूरतमंद लोगों को बांटा गया था. यह सीधे तौर पर आम लोगों को जोड़कर ही बनाया गया था. इसमें गांव के लोगों की ही समिति बनाई गई थी. इसके जरिए दोनों लॉकडाउन में लोगों को राहत दी गई. इसके अलावा शेष बची राशि से लंबी वायरस रोग होने पर गायों को 40 हजार आयुर्वेदिक लड्डू भी बांटे गए. शेष राशि से उपखंड क्षेत्र की 18 ग्राम पंचायतों के आंगनबाड़ी केंद्रों को रेनोवेट करवाया है. साथ ही उन लोगों को भी आर्थिक सहायता दी गई. जिनको कोविड-19 में परिजनों को खो दिया था, लेकिन किसी कारण से सरकारी सहायता नहीं मिल रही थी. इस नवाचार की पूरे प्रदेश में तारीफ हुई थी.

5000 बीघा चरागाह भूमि से हटवाया अतिक्रमण : राजेश डागा प्रदेश के एकमात्र प्रशासनिक अधिकारी हैं. जिन्होंने अपने 3 साल के कार्यकाल में ही करीब 5000 बीघा चरागाह भूमि से अतिक्रमण हटवाया है. यह कार्रवाई उन्होंने झालावाड़ और कोटा जिले में की है. जिसके तहत पंचायत सेक्रेट्री, पटवारी और तहसीलदारों से उन्होंने अतिक्रमण को चिन्हित करवाया. उसके बाद पुलिस और अपने अमले की मदद से अतिक्रमण को हटवाया है. राजेश डागा का कहना है कि चारागाह भूमि पर अतिक्रमण होने के चलते गोवंश खेतों में चला जाता है और किसान को नुकसान कर रहा था. इस अतिक्रमण को हटाने से गोवंश को चरने के लिए भूमि मिली है.

कोटा शहर में 50 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति अतिक्रमण : दूसरी तरफ राजेश डागा ने अपने कई अभियान एक साथ चलाए हुए थे. इनमें सिवायचक भूमि, स्कूल, खेल मैदान, कब्रिस्तान और श्मशान सभी जगह से अतिक्रमण हटाए गए थे. उन्होंने करीब 1000 बीघा जमीन को ग्रामीण इलाके में अतिक्रमण मुक्त करवाया है. अतिक्रर्मियों ने इन पर लंबे समय से अतिक्रमण किया हुआ था. जिनसे सरकार को आमदनी भी हुई है. राजेश डागा फरवरी महीने से कोटा में तैनात है. उन्होंने करीब 12 से ज्यादा सरकारी संपत्तियों और प्लॉट को कोटा शहर में अतिक्रमण मुक्त कराया है. जिनकी कीमत ही 50 करोड़ से ज्यादा है. अब इन सभी प्लॉटों की नीलामी की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है. जिससे नगर निगम को आय भी होगी.

आपणी मिट्टी आपणो दीया योजना : राजेश डागा की कनवास एसडीएम के तौर पर पोस्टिंग के साथ-साथ उन्हें दीगोद-सुल्तानपुर, रामगंजमंडी व सांगोद का भी अतिरिक्त चार्ज मिलता रहा है. ऐसे में उनकी योजनाएं इन तहसीलों में भी जारी रही है. इसके साथ ही दीपावली पर कुंभकार समाज के लोगों को राहत देने के लिए उन्होंने 'आपणी मिट्टी आपणो दीया योजना' का नवाचार किया. जिसके तहत विदेशी और चाइनीज आइटम का बहिष्कार कर स्थानीय कुंभकारों के निर्मित दीपक ही खरीदने की अपील थी. यह नवाचार भी पूरे राजस्थान में फैल गया और कोटा के सभी तहसीलों में भी इन्हें बनाया गया. जिसके लिए प्रशासनिक अधिकारियों ने भी काफी तारीफ की और उन्होंने भी इस तरह की अपील की थी.

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पहली बार कनवास में लगी थी कृषि अवशेष जलाने पर पेनल्टी : ग्रीन ट्रिब्यूनल ने कृषि अवशेष खेत में जलाने पर रोक लगाई हुई है. ऐसा कार्य करने वाले किसानों पर पेनल्टी का भी प्रावधान है. साथ ही उन्हें समझाइश भी करने के निर्देश दिए हुए हैं. सांगोद और कनवास इलाके में बड़ी संख्या में लोग खेत में ही कृषि अवशेष जला देते हैं. इनके चलते आग लगने की घटनाएं बढ़ रही थी. साथ ही कुछ लोगों की मौत भी इन दुर्घटनाओं में हुई थी. केवल सांगोद में ही दमकल है. ऐसे में बार-बार गर्मी के सीजन में वह दमकल इन आग को बुझाने के लिए दौड़ती रहती थी. इस पर रोक लगाने के लिए प्रयास राजेश डागा ने किया और जिसके बाद किसानों पर पेनल्टी भी लगा दी थी. यह पेनल्टी प्रदेश में पहली बार लगी थी. हजारों रुपए की पेनल्टी सैकड़ों किसानों पर लगाई गई थी. जिसके बाद खेत में कृषि अवशेष जलाने पर रोक लगी थी.

विधायक भरत सिंह ने लिखा था तारीफ में पत्र : अवैध होर्डिंग और बैनर पोस्टर लगे होने से कई बार रेवेन्यू भी नगर निगम को नहीं मिल पाता है. इसके अलावा कई अवैध यूनीपोल भी लगे हुए थे, जिन सब पर राजेश डागा ने एक्शन लिया और सभी को हटा दिया है. उन्होंने शहर की गेन्ट्री पर लगने वाले अवैध होर्डिंग पर भी कार्रवाई की है. साथ ही शहर के कई इलाकों में हो रहे अतिक्रमण को भी मुक्त करवाने के लिए भी जुटे हुए. हालांकि कोटा दक्षिण नगर निगम में तीन आरएएस अधिकारियों के पद हैं, लेकिन 2 पद खाली हैं और 1 पद पर अतिरिक्त आयुक्त के रूप में राजेश डागा कार्यरत हैं. ऐसे में कमिश्नर और दूसरे अतिरिक्त आयुक्त का कार्यभार उन्हीं के पास है. दूसरी तरफ सांगोद के विधायक भरत सिंह अक्सर अधिकारियों को अपने निशाने पर रखते हैं, लेकिन उन्होंने राजेश डागा को पत्र लिखा था. जिसमें राजेश डागा की जमकर तारीफ भी उन्होंने की थी. राजेश डागा सांगोद विधानसभा क्षेत्र में बीते 3 सालों से कार्यरत थे, जिसके बाद ही उनका स्थानांतरण हुआ है. इस पर सांगोद के विधायक भरत सिंह ने पत्र लिखकर उनकी तारीफ की थी.

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बुजुर्ग मां-बाप के लिए बने देवता, रास्तों के विवाद में भी बने मध्यस्थ : राजेश डागा ने 95 ऐसे बुजुर्ग लोगों को भी राहत दी है. जिनके बेटे बेटी उनकी सेवा नहीं कर रहे थे. उन्होंने वृद्धजन भरण पोषण अधिनियम के तहत लोगों को राहत दिलाई. इसमें भी राहत 1 सप्ताह के समय में ही दिलाई गई है. दूसरी तरफ रास्ते के विवाद सुलझा ने में भी खुद डागा ने मध्यस्थता की और 103 विवादों को सुलझाया है. दिन में लंबे समय से विवाद दो पक्षों के बीच चल रहा था. कई बार इन लोगों के बीच मारपीट और विवाद भी हुए थे. कोटा जिला में तो ऐसे रास्ते के विवादों के चलते हत्या तक भी हो चुकी है.

सरकारी बिल्डिंगों को दानदाताओं से जोड़ा : राजेश डागा ने भवानीमंडी एसडीएम रहते समय अस्पताल व समाज कल्याण के छात्रावासों और सरकारी बिल्डिंगों को दानदाताओं से जोड़ने के लिए अभियान छेड़ दिया. उन्होंने दानदाताओं से खुद बात की और उन्हें प्रेरित किया. जिसके चलते करीब 10 लाख भवानीमंडी के अस्पताल व अन्य भवनों को मिले. इसके साथ ही समाज कल्याण के छात्रावासों में भी साफ-सफाई और रंग रोगन का कार्य हुआ था. ऐसा ही कार्य उन्होंने सांगोद और कनवास में भी किया है.

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