पुलिस और वकीलों के बीच झड़प कोटा.राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय (Rajasthan Technical University) के इलेक्ट्रॉनिक्स डिपार्टमेंट के निलंबित एसोसिएट प्रोफेसर को छात्राओं से नंबर बढ़ाने की एवज में अस्मत मांगने के मामले में पुलिस ने 3 दिन के रिमांड पर लिया है. परमार और इस मामले में बिचौलिए का काम करने वाले अर्पित अग्रवाल को 25 दिसंबर को दोबारा न्यायालय में पेश किया जाएगा. पुलिस दोनों आरोपियों के मोबाइलों को खंगालने में जुटी (Rajasthan Professor sex demand Case) हुई है. इन दोनों आरोपियों के मोबाइल में पॉर्न वीडियो मिला है. पुलिस अब इन क्लिप की जांच कर रही है कि कहीं इन वीडियो में राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय की छात्राओं के वीडियो तो नहीं हैं.
राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया प्रसंज्ञान- इस पूरे प्रकरण में राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी प्रसंज्ञान लिया है. आयोग की टीम आज कोटा आएगी. टीम आज राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय और पुलिस प्रशासन से पूरे मामले की जांच पड़ताल करेगी. साथ ही आरटीयू का दौरा भी किया जाएगा. वहीं, पीड़ित छात्राओं से भी बातचीत की जाएगी.
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आरोपियों के मोबाइल में पॉर्न वीडियो- शहर एसपी केसर सिंह शेखावत का कहना है कि अश्लील वीडियो एसोसिएट प्रोफेसर गिरीश परमार के मोबाइल में भरा (Rajasthan Professor sex demand Case) हुआ है. ऐसे में पूरे वीडियो की जांच भी की जा रही है. उन्होंने आशंका जताई है कि कुछ छात्राओं के अश्लील वीडियो दोनों आरोपियों ने बना लिए हो.
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बता दें कि गिरीश परमार को 21 दिसंबर की रात को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था, जिसके बाद 22 दिसंबर को राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय (Rajasthan Technical University) ने उन्हें निलंबित कर दिया. इसके बाद पुलिस ने आरोपियों को न्यायालय में पेश किया और 5 दिन के रिमांड की मांग की, लेकिन 3 दिन का पुलिस रिमांड स्वीकृत हुआ है.
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एक और छात्रा पहुंची थाने, आमने-सामने बैठाकर होगी पूछताछ- आरटीयू की फाइनल ईयर की एक छात्रा ने इस संबंध में मुकदमा दर्ज करवाया था, जिसके बाद पुलिस कार्रवाई की जा रही है. वहीं, दो अन्य छात्राएं भी अलग-अलग शिकायत पुलिस को देकर आई है, जिनके बयान भी इस एफआईआर में ही पंजीबद्ध पुलिस कर रही है. इस प्रकरण में गुरुवार को एक अन्य छात्रा भी थाने पहुंचकर शिकायत देकर आई है. शहर एसपी शेखावत ने बताया कि दोनों आरोपियों को आमने-सामने बैठाकर भी पूछताछ होगी.
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एसपी शेखावत का कहना है कि एडिशनल एसपी उमा शर्मा के नेतृत्व में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) गठित कर दी गई है. जिसका अनुसंधान पुलिस उप अधीक्षक अमर सिंह राठौड़ को सौंपा गया है. साइबर टीम को भी लगाया गया है, हर पहलू की जांच कर अंतिम तह तक जाएंगे. पहले भी इस तरह की घटनाएं हुई है, उसकी भी जांच की जाएगी.
पुलिस और वकीलों के बीच झड़प- न्यायालय परिसर में वकील पहले से ही आक्रोशित हो गए थे. आरोपी गिरीश परमार और अर्पित अग्रवाल को जैसे ही न्यायालय परिसर में लाया गया, आक्रोशित वकील अतिश सक्सेना ने परमार पर हमला करते हुए चांटा मार दिया. हालांकि वहां मौजूद पुलिस अधिकारियों ने सक्सेना को दूर किया. इसके बाद न्यायालय में आरोपी को पेश किया गया, लेकिन काफी देर तक वापस नहीं लाया गया. पुलिस ने भारी पुलिस जाप्ता आने तक आरोपियों को न्यायालय में ही रखा. इस दौरान वकीलों और पुलिस अधिकारियों के बीच कहासुनी और बहस भी हुई.
वकील बोले- जब भी पेशी पर आएगा तब होगी पिटाई- बार एसोसिएशन के पूर्व उपाध्यक्ष और एडवोकेट अतिश सक्सेना का कहना है कि इस पूरे घटनाक्रम से शिक्षा के मंदिर की बदनामी हुई है और ऐसे लोगों के साथ मारपीट का सलूक ही किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह जब भी न्यायालय में पेशी पर आएगा तब इस तरह की पिटाई गिरीश परमार की की जाएगी. इस दौरान बार एसोसिएशन के महासचिव गोपाल चौबे और पुलिस अधिकारियों के बीच भी बहस हुई. वरिष्ठ एडवोकेट राजेश अड़सेला व अन्य इस बात से नाराज हैं.