कोटा रेंज आईजी प्रसन्न कुमार खमेसरा ने क्या कहा, सुनिए... कोटा. विधानसभा चुनाव को देखते हुए पुलिस और प्रशासन ने भी तैयारी शुरू कर दी है. यहां तक कि सुरक्षा की दृष्टि से भी तैयारी की गई है. जिसके तहत अंतरराज्यीय बॉर्डर पर नाकेबंदी सख्त कर दी गई है. इन सभी नाकों पर पुलिस के जवानों के साथ-साथ सीसीटीवी कैमरे के जरिए मॉनिटरिंग की जा रही है. हर आने वाले जाने वाले शख्स का नाम, पता और आने का कारण पूछा जा रहा है.
वाहनों की सघन जांच हो रही है. इसका पूरा रजिस्टर भी बनाया जा रहा है. यह नाकेबंदी झालावाड़, बारां और कोटा जिले में शुरू हुई है. तीनों ही जिले मध्य प्रदेश की सीमा से लगते हैं. यहां पर करीब 10 से ज्यादा अंतरराज्यीय नाके स्थापित किए गए हैं, जिनमें अलग-अलग शिफ्ट में 24 घंटे ड्यूटी लगाई गई है. अंतरराज्यीय नाकों को मिलाकर 38 जगह पर संभाग में नाकेबंदी की जा रही है.
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कोटा रेंज महानिरीक्षक प्रसन्न कुमार खमेसरा का कहना है कि कोटा संभाग मध्य प्रदेश से लगा हुआ है और चुनाव दोनों राज्यों में हैं. पुलिस और प्रशासन की दृष्टि से जो व्यवस्थाएं होनी है, वह की जा रही है. पूरे रेंज में जितने भी बूथ हैं, उनमें पुलिस व अन्य सुरक्षा बलों की तैनातगी का प्लान बनाया गया है. मध्य प्रदेश के जिलों के साथ आईजी, एसपी और निचले स्तर पर भी बैठक हो गई है. ज्वाइंट ऑपरेशन भी अपराधियों की धरपकड़ को लेकर दोनों स्टेट की पुलिस भी कर रही है. अंतरराज्यीय नाकों के जरिए अवैध मादक पदार्थ और शराब तस्करी पर रोक लगाई जा रही है.
4000 से ज्यादा पोलिंग बूथ, 5500 से ज्यादा सुरक्षाकर्मी : कोटा रेंज आईजी प्रसन्न कुमार खमेसरा का कहना है कि संभाग 17 विधानसभा क्षेत्र में करीब 4000 से ज्यादा पोलिंग बूथ हैं, जहां पर 5500 से ज्यादा पुलिस, पैरामिलिट्री फोर्स, होमगार्ड व आरएसी जवान चुनाव के दौरान व्यवस्था संभालेंगे. हर जिले में 15 अक्टूबर के बाद पैरामिलिट्री फोर्स की दो-दो टुकड़ियों की तैनात होगी. भगौड़े, मफरूर और वारंटी को गिरफ्तार किया जा रहा है. उनके लिए अभियान छेड़ा हुआ है. चारों जिलों के संवेदनशील और अति संवेदनशील बूथ पहले से चिन्हित है, लेकिन चुनाव के टिकट वितरण के बाद इनमें बढ़ोतरी हो सकती है. ऐसे में बाद में ही है तय किया जाएगा कि कितना अतिरिक्त जाब्ता भी तैनात करना है.
जहां मोबाइल नेटवर्क नहीं, वहां वायरलेस से मदद : आईजी खमेसरा का कहना है कि संभाग में 8 स्थान ऐसे चिन्हित किए गए हैं, जहां पर कम्युनिकेशन के लिए मोबाइल नेटवर्क काम नहीं करता है. ऐसे में वहां पर किसी भी आपात स्थिति या जानकारी आदान-प्रदान करने के लिए वायरलेस सिस्टम स्थापित किया जाएगा, ताकि कोई भी कोताही नहीं बरती जा सके. दूसरी तरफ, संभाग में हथियारों को जमा करने का क्रम शुरू हो गया है. करीब 17 हजार से ज्यादा हथियार पूरे चारों जिलों में हैं, जिन्हें जमा करने के लिए उनके लाइसेंस धारकों को बताया गया है और यह क्रम शुरू भी हो गया है.