रामगंजमंडी (कोटा). रामगंजमंडी के सुकेत समीप निजी कंपनी के 280 मजदूरों को कोरोना वायरस से बचाने के लिये प्रशासन ने तहसील में 5 क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाए हैं. बता दें कि अभी तक निजी कंपनी के कुल 29 मजदूर कोरोना पॉजिटिव आए हैं, लेकिन उपखण्ड में प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है.
बता दें कि इन मजदूरों को पटेल कंपनी कैंपस से निकाल कोरोना से बचने के लिए दूसरे सेंटर में शिफ्ट कर दिया है, लेकिन वहां पर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. एक ही कमरे में 10 व्यक्ति को ठहराया हुआ है, लेकिन पूरे सेंटर में एक ही जगह पर पानी की टंकियां लगाई गई हैं. ऐसे में सब मजदूर एक दूसरे के सम्पर्क में आ रहे हैं. वहीं खाना निजी कंपनी द्वारा मजदूरों को भिजवाया जा रहा है. लेकिन खाना कट्टों के अंदर पॉलीथिन में पैक करके दिया जा रहा है.
जब ईटीवी भारत की टीम ने मौके पर जाकर व्यवस्था का जायजा लिया तो पता चला कि इन मजदूरों को पीने का पानी कॉलेज में बाहर बने पानी के टैंकर से सप्लाई किया जा रहा, लेकिन जब पानी का टैंकर देखा तो टैंकर में गंदे कपड़े पत्थर पड़े नजर आए. जिसके चलते उन्हें गंदा पानी पीने को मजबूर होना पड़ रहा है. वहीं तैनात मेडिकल टीम से पूछा गया तो क्वारेंटाइन किए गए मजदूरों में रोजाना पेट दर्द व उल्टी की शिकायत सामने आ रही है.
सेंटर पर तैनात मेडिकल टीम तक को नहीं कोई सुविधा
क्वॉरेंटाइन सेंटर पर तैनात मेडिकल स्टाफ के पास भी सुविधा नहीं हैं. बता दें कि मजदूरों की देखरेख कर रहे स्टाफ के पास ना तो ढंग का मास्क है ना ही ग्लव्स हैं. जिसके चलते उन्हें फेंक कर दवाई देनी पड़ती है.