इटावा (कोटा).इटावा नगर पालिका में परिसीमन के बाद 25 से 35 वार्डों का गठन किया गया है. 35 वार्ड में प्रत्याशियों के टिकट मांगने की जो दावेदारियां थीं, वह भी बड़ी थी. ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस के टिकट न मिलने से नाराज हुए कई लोगों ने निर्दलीय के रूप में ताल ठोक रखी है. जो बीजेपी और कांग्रेस के लिए यह बागी इनकी- इनकी जीत के समीकरण में बड़ी बाधा बनकर सामने आ रहे हैं. इसके चलते बीजेपी और कांग्रेस के लिए यह बागी जीत की राह में बड़ा रोड़ा बन हुए हैं और दोनों की पार्टियों के सामने यह बागी मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं.
वहीं निकाय चुनाव में पार पाने को लेकर बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष हेमराज मीणा, बीजेपी महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष अलका मेवाड़ा, जिला अध्यक्ष मुकुट नागर सहित कई बीजेपी के दिग्गजों ने कमान संभाल रखी है और नगरपालिका में वर्तमान में बीजेपी बोर्ड है. उस दबदबे को इटावा नगर में कायम रखना, बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती बनकर सामने आ रहा है. वहीं इटावा नगर पालिका चुनाव में कांग्रेसी पार पाने को लेकर जोर लगाते नजर आ रहे हैं और विधायक रामनारायण मीणा ने वार्ड पार्षद को जीत का मंत्र दिया. उन्होंने जीत का मंत्र देते हुए कहा है कि वार्ड में जाएं और वार्डों में जनता से विकास के नाम पर वोट मांगे. तीन साल अभी भी मेरे कार्यकाल के हैं और 3 साल में विकास की गंगा बहेगी और इटावा नगर को चमन करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी. कड़ी से कड़ी जोड़ लेंगे तब ही विकास की राह आसान होगी. इसी को लेकर कांग्रेस वोट मांगते नजर आ रही है. प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है तो इटावा नगर पालिका में भी कांग्रेस का बोर्ड बने तब जाकर ही नगर का विकास हो पाएगा. इस मंत्र को लेकर कांग्रेस वार्डों में जनसंपर्क कर रही है. वहीं कांग्रेस के सामने बीजेपी के दबदबे को हटाकर अपना बोर्ड बनाना बड़ी चुनौती है.
यह भी पढ़ें:माइनस 25 डिग्री सेल्सियस तक रखने वाली कोरोना वैक्सीन आई तो हाड़ौती में हो सकेगा 10 हजार लीटर स्टोरेज
वहीं इटावा नगर पालिका में जीत को लेकर बीजेपी जिला अध्यक्ष मुकुट नागर ने 35 में 30 सीट आने का दावा किया है तो कांग्रेस के पीपल्दा विधायक रामनारायण मीणा ने भी 30 से अधिक सीटों पर कांग्रेस के जीत कर आने और इटावा नगर पालिका में कांग्रेस का बोर्ड बनाने की बात कही है. ऐसे में अब देखना यह होगा कि इन नेताओं के जो दावे हैं, वह कितने सही साबित हो पाते हैं और कितनी कितनी सीटें इन दोनों को राजनीतिक पार्टियों को मिल पाएंगी. क्योंकि दोनों ही पार्टियों के जो बागी हैं, उन्होंने इनकी जीत का गणित बिगाड़ रखा है.