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कोटा: इटावा निकाय चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी के बीच जोड़-तोड़ की सियासत

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Published : Dec 8, 2020, 1:37 PM IST

कोटा में इटावा नगर पालिका निकाय के लिए 11 दिसंबर को होने वाले मतदान को लेकर राजनीतिक पार्टियां अपने-अपने स्तर से पार पाने के लिए जुटी हुई हैं. जहां बीजेपी के जिला अध्यक्ष मुकुट नागर और बीजेपी के बड़े स्तर के नेता वार्डों में सघन जनसंपर्क अभियान कर वोट मांगते नजर आ रहे हैं. वहीं बीजेपी का बोर्ड बनाने के लिए आमजन से बीजेपी के समर्थन में मतदान की अपील करते दिख रहे हैं. वहीं कांग्रेस प्रत्याशियों द्वारा भी सघन जनसंपर्क अभियान चलाया जा रहा है. साथ ही घर-घर जाकर कांग्रेस के पक्ष में मतदान की अपील करते हुए कड़ी से कड़ी जोड़ने की मांग की जा रही है.

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इटावा नगर पालिका निकाय के लिए 11 दिसंबर को होगा मतदान

इटावा (कोटा).इटावा नगर पालिका में परिसीमन के बाद 25 से 35 वार्डों का गठन किया गया है. 35 वार्ड में प्रत्याशियों के टिकट मांगने की जो दावेदारियां थीं, वह भी बड़ी थी. ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस के टिकट न मिलने से नाराज हुए कई लोगों ने निर्दलीय के रूप में ताल ठोक रखी है. जो बीजेपी और कांग्रेस के लिए यह बागी इनकी- इनकी जीत के समीकरण में बड़ी बाधा बनकर सामने आ रहे हैं. इसके चलते बीजेपी और कांग्रेस के लिए यह बागी जीत की राह में बड़ा रोड़ा बन हुए हैं और दोनों की पार्टियों के सामने यह बागी मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं.

इटावा नगर पालिका निकाय के लिए 11 दिसंबर को होगा मतदान

वहीं निकाय चुनाव में पार पाने को लेकर बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष हेमराज मीणा, बीजेपी महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष अलका मेवाड़ा, जिला अध्यक्ष मुकुट नागर सहित कई बीजेपी के दिग्गजों ने कमान संभाल रखी है और नगरपालिका में वर्तमान में बीजेपी बोर्ड है. उस दबदबे को इटावा नगर में कायम रखना, बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती बनकर सामने आ रहा है. वहीं इटावा नगर पालिका चुनाव में कांग्रेसी पार पाने को लेकर जोर लगाते नजर आ रहे हैं और विधायक रामनारायण मीणा ने वार्ड पार्षद को जीत का मंत्र दिया. उन्होंने जीत का मंत्र देते हुए कहा है कि वार्ड में जाएं और वार्डों में जनता से विकास के नाम पर वोट मांगे. तीन साल अभी भी मेरे कार्यकाल के हैं और 3 साल में विकास की गंगा बहेगी और इटावा नगर को चमन करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी. कड़ी से कड़ी जोड़ लेंगे तब ही विकास की राह आसान होगी. इसी को लेकर कांग्रेस वोट मांगते नजर आ रही है. प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है तो इटावा नगर पालिका में भी कांग्रेस का बोर्ड बने तब जाकर ही नगर का विकास हो पाएगा. इस मंत्र को लेकर कांग्रेस वार्डों में जनसंपर्क कर रही है. वहीं कांग्रेस के सामने बीजेपी के दबदबे को हटाकर अपना बोर्ड बनाना बड़ी चुनौती है.

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वहीं इटावा नगर पालिका में जीत को लेकर बीजेपी जिला अध्यक्ष मुकुट नागर ने 35 में 30 सीट आने का दावा किया है तो कांग्रेस के पीपल्दा विधायक रामनारायण मीणा ने भी 30 से अधिक सीटों पर कांग्रेस के जीत कर आने और इटावा नगर पालिका में कांग्रेस का बोर्ड बनाने की बात कही है. ऐसे में अब देखना यह होगा कि इन नेताओं के जो दावे हैं, वह कितने सही साबित हो पाते हैं और कितनी कितनी सीटें इन दोनों को राजनीतिक पार्टियों को मिल पाएंगी. क्योंकि दोनों ही पार्टियों के जो बागी हैं, उन्होंने इनकी जीत का गणित बिगाड़ रखा है.

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वहीं इटावा नगर पालिका के चुनाव में स्थानीय मुद्दे पूर्ण रूप से गुण नजर आ रहे हैं और बीजेपी राष्ट्रीय मुद्दों को लेकर इटावा नगर पालिका में चुनाव लड़ रही है. इससे स्थानीय मुद्दे पूर्णरूप से गौण हो रहे हैं. जहां राष्ट्रीय मुद्दे इटावा निकाय चुनाव में हावी हो रहे हैं और राष्ट्रीय मुद्दों और पीएम मोदी के नाम पर बीजेपी वार्डो में वोट मांगती दिखाई दे रही है.

बता दें कि इटावा नगर पालिका में 11 दिसंबर को होने वाले मतदान में कुल 18,192 मतदाता 138 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करते नजर आएंगे. इसमें से 9,380 पुरुष मतदाता और 8,812 महिला मतदाता हैं. इनको लेकर इटावा नगर पालिका के 35 वार्डों के लिए 40 बूथ बनाए गए हैं. जहां पर पोलिंग होगी और इन 40 बूथों पर 18,192 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करके 138 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करते दिखाई देंगे. पालिका में होने वाले मतदान को लेकर बीजेपी ने 18 महिलाओं पर दांव खेला है. वहीं कांग्रेस ने भी 15 महिलाओं को टिकट दिए हैं.

गौरतलब है कि इटावा नगर पालिका में चेयरमैन की जो सीट है, वह ओबीसी महिला के लिए आरक्षित है. इसी को लेकर दोनों पार्टियों द्वारा अधिक महिलाओं पर दांव खेला गया है. ऐसे में अब देखने वाली बात यह होगी कि इनमें से कितनी महिलाएं जीतकर इटावा नगर पालिका में पहुंच पाएंगी.

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