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SPECIAL: कोटा मेडिकल कॉलेज के अस्पतालों में मरीजों को मिल रहा बिना हाइजीन का खाना

कोटा मेडिकल कॉलेज अपने मरीजों को हाइजीन युक्त खाना देने का दावा करता है. ईटीवी भारत ने मेडिकल कॉलेज के एमबीएस और नए अस्पताल में जाकर पड़ताल की तो हैरान करने वाली तस्वीर दिखी. यहां कैंटीन में काम करने वाले कर्मचारी ना तो मास्क का उपयोग करते हैं और ना ही बांकी किसी तरह की हाइजीन को ध्यान में रखते हैं. देखिए ये रिपोर्ट...

Kota Medical College, Hospital inconveniences, Patients are not getting good food, Corona virus in Rajasthan
कोटा के मेडिकल कॉलेज के अस्पतालों में बिना हाइजीन का खाना

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Published : Mar 20, 2021, 11:03 PM IST

कोटा.अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों को हाइजीनिक खाना देने का दावा मेडिकल कॉलेज कोटा जरूर करता है, लेकिन ईटीवी भारत में मेडिकल कॉलेज के एमबीएस और नए अस्पताल में की गई पड़ताल में हैरान करने वाला खुलासा हुआ है. ईटीवी भारत ने जब मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल के किचन रूम का निरीक्षण किया तो वहां पर ना तो कार्मिकों ने ग्लब्स पहने हुए थे और ना ही उनके सिर पर किसी तरह की कोई कैप थी.

कोटा के मेडिकल कॉलेज के अस्पतालों में बिना हाइजीन का खाना

लेकिन हम तब और भी ज्यादा हैरान रह गए जब हमें एक कर्मचारी जमीन पर ही आटा गूथता नजर आया. यहां तक कि जो बर्तन थे वह भी गंदे नजर आ रहे थे साथ ही सब्जी काटने वाला व्यक्ति भी हाथों में ग्लब्स पहने नहीं नजर आया. किचन रूम में चारों तरफ गंदगी का अंबार नजर आ रहा था. ऐसा सिर्फ यहीं नहीं बल्कि कुछ ऐसा ही हाल हमें एमबीएस अस्पताल में भी नजर आया. यहां खाना बनाने के उपयोग में लिए जा रहे बर्तन गंदे नजर आए. साफ-सफाई भी गैस पट्टी पर झाड़ू से ही की जा रही थी.

नए अस्पताल के अधीक्षक डॉ. सीएस सुशील का कहना है कि उन्होंने पहले ही पैकिंग खाना शुरू करवा दिया है. उनका कहना है कि अब किसी भी व्यक्ति को खुला खाना नहीं दिया जाता है ताकि कोई दिक्कत मरीजों नहीं हो. हालांकि जब मरीजों को खुला बांटने की ही शिकायत उनसे की गई तो वह कहने लगे कि कभी प्लेट कम हो जाती है तो ऐसा कर दिया गया होगा लेकिन आगे से इस व्यवस्था को भी दुरुस्त करवाएंगे.

बिना मास्क के जमीन पर रोटियां बनाने कर्मचारी
अस्पताल के किचन रूम में बन रहे हैं पलंग...मेडिकल कॉलेज अस्पताल के किचन में जब ईटीवी भारत की टीम पहुंची तो वहां पर एक नजारा अलग ही नजर आया. अस्पताल में इतनी ज्यादा जगह है उसके बावजूद नए आए पलंगों को असेंबल किया जा रहा था. यह काम भी अस्पताल की किचन में ही हो रहा था. एक तरफ जहां खाना बन रहा था दूसरी तरफ मजदूर वहां पर इन पलंगों को असेंबल करने में जुटे हुए थे. जब उनसे इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने किचन में ही पलंगों को असेंबल करने के लिए जगह उपलब्ध करवाई है. जमीन पर गूथा जा रहा आटा...बिखरी बड़ी सब्जियां

सब्जी काटने के लिए किसी बर्तन का उपयोग हम घर पर करते हैं लेकिन ऐसा कुछ हमें यहां नहीं दिखा. मतलब,यहां अस्पताल में भी हाइजीनिक खाना मरीजों को नहीं मिल रहा है. आलू पत्ता गोभी से लेकर हर सब्जी को काटने का काम जमीन पर ही किया जाता है. यहां तक कि आटा भी जमीन पर ही गूथा जाता है. जमीन पर ही रोटियां भी रखी जाती है.

जमीन पर रखा हुआ गुथा हुआ आटा
नए अस्पताल के किचन में खाना बनने के पहले स्टोर से सामान निकाला जाता है. स्टोर रूम में सब कुछ अस्त-व्यस्त नजर आया. कोई भी सामान व्यवस्थित रूप में नहीं रखा हुआ था. यहां तक कि मसाले भी खुले हुए पड़े थे जो कि खुले हुए कट्टों में ही थे. स्टोर के एक कोने में आलू और कुछ और सब्जियां भी रखी हुई थी जो सड़ी हुई थी और उन्हीं का उपयोग करके मरीजों को खिलाया जा रहा है.गंदे बदबूदार कपड़े में लिपटी रखी मिली रोटियां...

जिन रोटियों को यहां मरीजों को खिलाया जाता है उन्हें गंदे कपड़े में लपेटकर रखा गया था. इससे बारे में जब किचन की इंचार्ज विन्नी जॉन से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सब कुछ व्यवस्थित है लेकिन हमें कुछ ऐसा यहां नजर नहीं आया. किचन में काम करने वाले कर्मचारियों के हाथों में ना तो हमें ग्लब्स नजर आए और ना ही मुंह पर मास्क लगा दिखा. चारों तरफ फैली गंदगी और उसके बीच यहां बिना हाइजीन को ध्यान में रखते हुए खाना तैयार किया जाता है और मरीजों को फिर यही खाना खिलाया जाता है.

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