CUET UG को ग्लोबल एग्जाम बनाने की कवायद शुरू कोटा.यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी मिलकर देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET UG) को दूसरे साल 2023 में भी आयोजित कर रही है. यूजीसी और एनटीए इस परीक्षा को ग्लोबल बनाने में जुटी हुई है. ताकि ज्यादा से ज्यादा विदेशी विद्यार्थी भी इस परीक्षा में शामिल हो सकें. ऐसे में उन देशों में भी यह परीक्षा आयोजित की जा रही है, जहां पर बीते साल इसका सेंटर नहीं था.
निजी कोचिंग संस्थान में सीयूईटी डिवीजन के हेड कमल सिंह चौहान ने बताया कि यूएसए, ऑस्ट्रेलिया ऑस्ट्रिया, रूस, साउथ अफ्रीका, ब्राजील, कनाडा, मॉरिशस, सिंगापुर व मलेशिया में एक्जाम करवाया जा रहा है. यूजीसी और एनटीए का मकसद इस एग्जाम को ग्लोबल बनाकर दूसरे देशों में होने वाले यूनिवर्सिटी और कॉलेज एंट्रेंस टेस्ट का मुकाबला करना है. ताकि भारत से कितने बच्चे बाहर पढ़ने जा रहे हैं, उतने ही बच्चे यहां भी पढ़ने दूसरे देशों से पहुंचे. अभी यह अंतर काफी ज्यादा है.
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कमल सिंह चौहान का का कहना है कि इसीलिए बीते साल जहां पर CUET UG एक्जाम महज 10 विदेशी शहरों को शामिल किया गया था. इस बार 24 विदेशी शहर शामिल किए गए हैं. जबकि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की आयोजित देश की सबसे बड़ी मेडिकल प्रवेश परीक्षा राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नीट यूजी 2023) का आयोजन भी 14 विदेशी शहरों में किया जा रहा है. हालांकि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी जेईई मेन 2023 का आयोजन सीयूईटी यूजी के बराबर शहरों में ही कर रही है.
चीन के गाओकाओ व यूएसए के सेट से बराबरी की तैयारी: कमल सिंह चौहान का यह भी कहना है कि जिस तरह से चाइना में नेशनल कॉलेज एंट्रेंस एग्जामिनेशन (NCEE) गाओकाओ होता है. जिसमें करीब 1 करोड़ के आसपास विद्यार्थी एग्जाम देते हैं. इस परीक्षा को विश्व की सबसे कठिन परीक्षा भी माना जाता है. वहीं यूएसए में आयोजित होने वाले स्कॉलास्टिक एसेसमेंट टेस्ट (SAT) है. जिसमें 40 से 50 लाख अभ्यर्थी परीक्षा देते हैं. उसी तरह से भारत में भी अब सीयूईटी यूजी को भारत के विश्वविद्यालय में एंट्रेंस के लिए आयोजित होने वाले एक बड़े टेस्ट के रूप में स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है.
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विदेशी स्टूडेंट्स के आने से भारतीय विश्वविद्यालयों की रैंकिंग में होगा सुधार: कमल सिंह चौहान का मानना है कि जिस तरह से भारत के विद्यार्थी बाहर के विश्वविद्यालयों में पढ़ने जाते हैं, उसकी तुलना में विदेशी स्टूडेंट भारतीय संस्थानों में पढ़ने के लिए नहीं आते हैं. विदेशी स्टूडेंट भारत में ज्यादा प्रवेश लें, इसके लिए इस परीक्षा को ग्लोबल बनाया जा रहा है. विदेशी स्टूडेंट्स की संख्या बढ़ने से भारत के विश्वविद्यालयों की ग्लोबल रैंकिंग में भी सुधार होगा. जिसका फायदा यहां के एजुकेशन सिस्टम को मिलने के साथ-साथ यूनिवर्सिटी को भी मिलेगा और अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा होगा.
विश्व के टॉप 150 में भी शामिल नहीं भारतीय संस्थान: बीते साल नवंबर 2022 में जारी हुई विश्व स्तरीय संस्थानों की सूची में 150 स्थान तक एक भी भारतीय संस्थान नहीं था. इस सूची में शामिल भारतीय संस्थानों में पहले 9 स्थान तक आईआईटी ही शामिल थी. जबकि दसवें नंबर पर दिल्ली यूनिवर्सिटी थी. इनमें आईआईटी बेंगलुरु को 155, बॉम्बे 172, दिल्ली 174, मद्रास 250, कानपुर 264, खड़कपुर 270, रुड़की 369, गुवाहाटी 384 और इंदौर 369वें स्थान पर रही थी. भारत में शामिल संस्थानों में दिल्ली यूनिवर्सिटी को 521 वी रैंक मिली थी.
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भारत की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी को जोड़ा एग्जाम से: सीयूईटी यूजी के जरिए मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन की नेशनल इंस्टिट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) की टॉप 10 में से 6 यूनिवर्सिटी में प्रवेश मिल रहा है. इनमें दूसरे स्थान पर जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी दिल्ली, तीसरे पर बनारस हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी, चौथे पर विश्व भारती यूनिवर्सिटी वेस्ट बंगाल, छठे पर जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी दिल्ली, नवें पर यूनिवर्सिटी ऑफ हैदराबाद, दसवें पर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और 12वें पर दिल्ली यूनिवर्सिटी शामिल है. इसके अलावा यूनिवर्सिटी उड़ीसा, पंजाब, केरल व जम्मू भी टॉप 40 में शामिल है. इसमें सीयूईटी यूजी में 46 सेंट्रल, 29 स्टेट, 23 डीम्ड और 73 प्राइवेट यूनिवर्सिटी शामिल है. जिन्हें मिलाकर 171 संस्थान अब तक हो गए हैं.
इंजीनियरिंग से लेकर रिसर्च के कोर्स भी:कमल सिंह चौहान का कहना है कि विदेशी विद्यार्थी को आकर्षित करने के लिए साइंस, कॉमर्स, ह्यूमैनिटीज, साइकोलॉजी के अंडरग्रैजुएट कोर्स भी हैं. इसके साथ ही रिसर्च के भी कई कोर्सेज इसमें है. मैथमेटिक्स में सेंट्रल और अन्य यूनिवर्सिटी में बीटेक भी कर सकता है. इसके लिए कई सारी ब्रांचेज हैं. बायोलॉजी में माइक्रो बायोलॉजी, बीएससी सेरीकल्चर, एग्रीकल्चर, हॉर्टिकल्चर, फार्मेसी, कंप्यूटर एप्लीकेशन के सभी अंडर ग्रेजुएट प्रोग्राम में उपलब्ध है. वहीं यूजी और पीजी इंटरग्रेटेड प्रोग्राम भी दे रही हैं. जिसमें बीएससी व एमएससी भी साथ में कर सकते हैं. इसी तरह बीएससी बीएड कर सकते हैं.
इन विदेशी शहरों में आयोजित हो रही है सीयूईटी यूजी:नेपाल के बागमती, थाईलैंड के बैंकॉक, ब्राजील के ब्रासीलिया, दक्षिण अफ्रीका के केपटाउन, श्रीलंका के कोलंबो, कतर के दोहा, संयुक्त अरब अमीरात के दुबई, वियतनाम के हनोई, हांगकांग, इंडोनेशिया के जकार्ता, मलेशिया के कुआलालंपुर, कुवैत सिटी, नाइजीरिया के लागोस व अबूजा, बहरीन के मनामा, रूस के मास्को, मस्कट, कनाडा के ओटावा, मॉरीशस के रेडिट, रियाद, यूएई के शारजाह, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया के सिडनी, ऑस्ट्रिया के वियना और यूएसए के वाशिंगटन डीसी शामिल है. जबकि मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम नीट यूजी का आयोजन भारत के पड़ोसी देशों के साथ ज्यादातर खाड़ी देशों में ही किया जा रहा है.