कोटा. रविवार को नीट परीक्षार्थियों की भारी भीड़ कोटा रेलवे स्टेशन पर देखने को मिली. इसके चलते स्टेशन पर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ गई. वहीं यात्रियों ने रेलवे पर फैली अव्यवस्था की शिकायत प्रधानमंत्री तक कर दी.
कोटा रेलवे स्टेशन पर शनिवार और रविवार को नीट परीक्षा देने आए परीक्षार्थियों की भारी भीड़ रही. इसके चलते स्टेशन पर सोशल डिस्टेसिंग की धज्जियां उड़ती नजर आई. प्रर्याप्त स्टाफ नहीं होने से स्टेशन की व्यवस्थाएं चरमरा गई. हालांकि, मामला सामने आने के बाद स्टाफ बढ़ाकर रविवार को व्यस्थाओं में सुधार किया गया. ट्रेन संचालन के बाद स्टेशन पर इतनी भारी भीड़ पहली बार देखी गई है. वहीं यात्रियों ने मामले की शिकायत प्रधानमंत्री तक भी पहुंचा दी. सबसे ज्यादा भीड़ निजामुद्दीन से कोटा आने वाली जनशताब्दी ट्रेन में नजर आई. रविवार को इस ट्रेन से करीब 1250 यात्री कोटा पहुंचे.
यह भी पढ़ें.कोटा में संपन्न हुई NEET 2020 की परीक्षा, 18 हजार छात्र हुए शामिल
इससे पहले शनिवार को इस ट्रेन से परीक्षार्थियों सहित करीब 1500 यात्री कोटा उतरे थे. भारी यात्रियों के चलते प्लेटफार्म पर यात्रियों की लाइनें नहीं लग सकी. जांच के लिए बिना लाइनों के ही यात्री एक-दूसरे से सटे खड़े नजर आए. कोटा स्टेशन पर भीड़ के सामने सारी व्यवस्था चरमराई नजर आई.
राजस्थान से आए यात्रियों को बिना जांच के ही स्टेशन से बाहर निकाल दिया गया. स्टेशन पर केवल दिल्ली, बल्लभगढ़ और मथुरा से आने वाले यात्रियों की ही जांच की गई. जांच के लिए यात्रियों को करीब दो घंटे तक खड़े रहना पड़ा. यही हाल जयपुर-मुंबई सुपरफास्ट ट्रेन का रहा. इस ट्रेन से भी बड़ी संख्या में यात्री कोटा पहुंचे. इन्हें भी बाहर निकलने के लिए करीब दो घंटे तक इंतजार करना पड़ा.
नहीं था पर्याप्त स्टाफ
यात्रियों ने बताया कि भीड़ को संभालने के लिए स्टेशन पर प्रर्याप्त स्टाफ नहीं था. बाहर निकलने वाले एक मात्र गेट पर RPF की एक महिला तैनात थी. इस महिला से भारी भीड़ नहीं संभल सकी. इसके अलावा कोई अधिकारी भी स्टेशन पर नहीं था. जांच के लिए भी यात्रियों की संख्या के अनुपात में पर्याप्त स्टाफ नहीं लगाया गया था. इसके चलते जांच में अधिक समय लग रहा था. यात्रियों ने बताया कि रेलवे के पास आने वाले यात्रियों की संख्या पहले ही पहुंच जाती है. इसके बाद भी स्टेशन पर प्रर्याप्त इंतजाम नजर नहीं आए.