कोटा. राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय का नौवां दीक्षांत समारोह सोमवार को यूआईटी ऑडिटोरियम में आयोजित किया गया. इस समारोह में बतौर विशिष्ट अतिथि के तौर पर तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष गर्ग पहुंचे और शिक्षा के ढांचे को बदलने की बात कही. साथ ही उन्होंने यह भी बात भी उठा दी कि विश्वविद्यालयों के दीक्षांत समारोह परिसर में ही आयोजित किए जाने चाहिए.
आरटीयू में नौवें दीक्षांत समारोह का आयोजन कार्यक्रम में 25 हजार छह सौ चार विद्यार्थियों को उपाधि दी गई. वहीं इस दौरान 24 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल भी प्रदान किया गया. साथ ही विश्वविद्यालय की सिविल इंजीनियरिंग विभाग में स्ट्रक्चर इंजीनियरिंग की छात्रा स्वाति विजय को कुलाधिपति द्वारा स्वर्ण पदक प्रदान किया गया. अलवर के लक्ष्मी देवी इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में विद्युत इंजीनियरिंग ब्रांच की छात्रा जया मित्तल को बीटेक की सभी ब्रांचेज में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने पर कुलपति पदक दिया गया है.
समारोह में विशिष्ट अतिथि मंत्री गर्ग ने कहा कि ब्लैक ब्लाउज क्लासेज को छोड़कर अब किचन इंजीनियरिंग की तरफ हमें बढ़ना होगा तभी इंजीनियरिंग शिक्षा के ढांचे में परिवर्तित होगा. उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद को काफी पैसा दे रही है, लेकिन लैब्स को डेविलप करने के लिए वह पैसा नहीं देती हैं. वहीं कॉलेसेज को जो पैसा मिल रहा है वह बिना लैब के उपयोगी नहीं है. ऐसे में लाखों रुपए के इंस्ट्रूमेंट बिना उपयोग के रखे रहते हैं. इसके साथ ही मंत्री सुभाष गर्ग ने प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के कन्वोकेशन परिसर में ही आयोजित करने की भी बात कही है. उन्होंने कहा कि विद्यार्थी जहां से पढ़ाई करता है और वही उसे उपाधि मिलनी चाहिए.
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आपको बता दे कि समारोह की अध्यक्षता कुलपति आरए गुप्ता ने की और विशिष्ट अतिथि आईआईटी वाराणसी के डायरेक्टर प्रोफेसर पीके जैन थे. समारोह में वर्ष 2018-19 में उत्तीर्ण 25 हजार छह सौ चार विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की गई. इसमें बीटेक, बीआर्क, बीबीए, होटल मैनेजमेंट, एमटेक, एमआर्क, एमबीए, एमसीए और पीएचईडी के विद्यार्थी शामिल है.