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NGT की टीम ने रिवरफ्रंट का निरीक्षण कर UIT, WRD व फॉरेस्ट से मांगी रिपोर्ट व दस्तावेज, पूछा- पहले क्या थी स्थिति ? - etv bharat rajasthan news

एनजीटी के निर्देश पर कोटा आई कमेटी ने रिवर फ्रंट का निरीक्षण किया. साथ ही जल संसाधन विभाग, प्रदूषण नियंत्रण मंडल और फॉरेस्ट विभाग के साथ-साथ नगर विकास न्यास से भी निर्माण के पहले और बाद का रिकॉर्ड मांगा गया है.

NGT team arrived to inspect the riverfront
रिवरफ्रंट का निरीक्षण करने पहुंची NGT की टीम

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 9, 2023, 7:16 AM IST

Updated : Nov 9, 2023, 7:34 AM IST

कोटा. नगर विकास न्यास ने 1400 करोड़ रुपए की लागत से चंबल हेरिटेज रिवर फ्रंट का निर्माण करवाया है, लेकिन इस मामले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में एक याचिका दाखिल की गई है, जिसके बाद एनजीटी ने एक कमेटी गठित कर रिपोर्ट मांगी है. बुधवार को यह कमेटी चंबल हेरिटेज रिवर फ्रंट का निरीक्षण करने के लिए कोटा पहुंची. कलेक्ट्रेट पर पहुंच कर कमेटी ने पहले अधिकारियों से वार्ता की. इसके बाद कुन्हाड़ी क्षेत्र में जाकर कई घंटों तक रिवरफ्रंट का निरीक्षण भी किया.

कमेटी में कोटा के अतिरिक्त जिला कलेक्टर प्रशासन राजकुमार सिंह, जल संसाधन विभाग के राणा प्रताप सागर बांध के अधीक्षण अभियंता एजाजुद्दीन अंसारी, केंद्रीय पॉल्यूशन कंट्रोल मंडल के क्षेत्रीय अधिकारी व राजस्थान राज्य जैव विविधता बोर्ड के मुख्य प्रबंधन तकनीकी को शामिल है.

टीम ने संबंधित विभागों से मांगी रिपोर्ट

कमेटी के सदस्य एडीएम प्रशासन राजकुमार सिंह ने बताया कि कमेटी देख रही है कि यहां पर्यावरण, फॉरेस्ट और वॉटर रिसोर्सेस का क्या-क्या एंगल और साथ ही क्या-क्या संबंधित क्वेरी व बिंदु हो सकते है. इसके बाद जल संसाधन विभाग, प्रदूषण नियंत्रण मंडल और फॉरेस्ट विभाग के साथ-साथ नगर विकास न्यास से भी रिकॉर्ड मंगवाया गया है, जिसमें निर्माण से पहले और बाद की स्थिति की रिपोर्ट मांगी गई है.

'टीम ने फिलहाल रिपोर्ट बनाने के लिए मसले को समझने की शुरुआत की है. अब टीम पूरे रिकॉर्ड की भी छानबीन करेगी, हालांकि इसमें भी कई दिन लगेंगे, क्योंकि टीम ने अभी प्रारंभिक तौर पर ही मौका देखा है, उन्हें समझना भी पड़ेगा.' - एडीएम राजकुमार सिंह

इससे पहले जब दोपहर में टीम कलेक्ट्रेट और चंबल हेरिटेज रिवर फ्रंट पर पहुंची, तब मीडिया ने उनसे बात करने की कोशिश की, लेकिन टीम के सदस्यों ने बातचीत करने से इनकार कर दिया और कहा कि इसकी पूरी रिपोर्ट एनजीटी में सबमिट करेंगे.

पढ़ें :कोटा रिवरफ्रंट को गैर-कानूनी बता एनजीटी से ध्वस्त करने की मांग... यूआईटी, कलेक्टर व आर्किटेक्ट अनूप भरतरिया को नोटिस

बता दें कि पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल ने यह मामला उठाते हुए कहा था कि केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से बिना अनुमति लिए ही राष्ट्रीय चंबल घड़ियाल सेंचुरी में निर्माण करवा दिया गया है. ऐसे में 12 सितंबर को आयोजित उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी नहीं आए थे. इसके बाद ही 27 सितंबर 2023 को द्रुपद मलिक, अशोक मलिक और गिरिराज अग्रवाल ने एक याचिका एनवायरमेंटल प्रोटक्शन एक्ट 1986 के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए एनजीटी में दाखिल की थी.

रिवरफ्रंट का निरीक्षण करने पहुंची NGT की टीम

इसमें राष्ट्रीय चंबल घड़ियाल सेंचुरी में निर्माण, जलीय जीवन पर संकट, नदी की चौड़ाई कम करना और बफर जोन में निर्माण से लेकर तीनों परिवादियों ने रिवर फ्रंट के निर्माण को गैरकानूनी बताते हुए ध्वस्त करवाने की मांग की है. इस याचिका में प्रमुख शासन सचिव जल संसाधन विभाग राजस्थान, सदस्य सचिव राजस्थान स्टेट बायोडायवर्सिटी बोर्ड, सचिव नगर विकास न्यास कोटा, कमिश्नर व एसीईओ स्मार्ट सिटी लिमिटेड कोटा, जिला कलेक्टर व यूआईटी चेयरमैन, राजस्थान स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड, सीनियर टाउन प्लानर कोटा रीजन, चीफ टाउन प्लानर और रिवरफ्रंट के आर्किटेक्ट अनूप भरतरिया को प्रतिवादी बनाया गया है.

Last Updated : Nov 9, 2023, 7:34 AM IST

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