राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

स्पेशल स्टोरी: रणथंभौर में टाइगर्स के बीच होने वाली लड़ाई को थामने के लिए मुकुंदरा तैयार

प्रदेश के रणथंभौर टाइगर रिजर्व में बाघों में टेरिटरी के वर्चस्व को लेकर पिछले 10 महीने से लगातार संघर्ष चल रहा है. बाघों में आपसी वर्चस्व को लेकर हो रही इस लड़ाई में कई बाघ घायल भी हो चुके हैं. इस समस्या से निजात पाने के लिए कोटा के मुकुंदरा टाइगर रिजर्व में इन्हें शिफ्ट करने की योजना बनाई गई है.

kota news, kota latest news, कोटा खबर, कोटा लेटेस्ट न्यूज, टाइगर के बीच हो रहे रण, बाघों में टेरिटरी के वर्चस्व, Mukundara tiger reserve is ready

By

Published : Oct 24, 2019, 11:02 AM IST

Updated : Oct 24, 2019, 11:16 AM IST

कोटा.रणथंभौर टाइगर रिजर्व में बीते 10 माह में 4 बार बाघ भिड़ चुके हैं. जिसमें दो बाघों की टेरिटरी वर्चस्व को लेकर हुए झगड़े में मौत हो गई और तीन घायल हो गए थे. यहां वर्तमान में 62 बाघ और बाघिन है. कुछ दिन पहले ही दो बाघ भाइयों में एक बाघिन को लेकर लड़ाई हो गई थी. अपना वर्चस्व दिखाने के लिए ये बाघ भाई एक-दूसरे के जान के दुश्मन बन चुके हैं.

रणथंभौर से टाइगरों को मुकुंदरा किया जाएगा शिफ्ट

वीरू और फतेह की भी रही है दुश्मनी

इसके साथ ही इलाके पर कब्जा जमाने के लिए दो बाघों वीरू और फतेह के बीच जंग छिड़ चुकी थी. इस लड़ाई में वीरू की जान पर बन आई थी. इसके बाद शहर के वन्य जीव प्रेमियों ने बाघों को मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में शिफ्ट करने की मांग की है, ताकि उनकी जान बचाई जा सके और एमएचटीआर को भी आबाद भी किया जा सके.

पढ़ें- स्पेशल रिपोर्ट: कोटा में स्थित नशा मुक्ति केंद्र 150 से अधिक लोगों के लिए बना वरदान, रोजाना 40 से 50 लोग उपचार के लिए आते हैं

बाघों की जान बचाने के लिए हाड़ौती का मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व तैयार किया जा चुका है. इस पार्क में बाघों के स्वच्छंद विचरण की पूरी व्यवस्था की गई है. बस इंतजार है तो एनटीसीए और चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन की हरी झंडी का. यहां से अगर स्वीकृति मिलती है तो जल्द ही इन बाघों को मुकुंदरा में शिफ्ट किया जाएगा.

मुकंदरा के उप वन संरक्षक डॉ. टी. मोहनराज के मुताबिक सेल्जर में बने सॉफ्टवेयर रिलीज एंक्लोजर की साफ सफाई करवा दी है. बाघों की शिफ्टिंग के लिए उसे पूरी तरह से तैयार कर दिया गया है. यहां बाघों के भोजन के लिए पर्याप्त प्रे-बेस के रूप में शाकाहारी वन्य जीवों की अच्छी खासी तादाद है. करीब डेढ़ दशक पहले 2003 में आए ब्रोकन टेल बाघ के बाद मुकुंदरा के इस वन क्षेत्र में बाघों की दहाड़ सुनाई देने वाली है. यहां पर बागों के आने का सभी बेताबी से इंतजार कर रहे हैं.

पढ़ें-बच्चा 30 दिन तक स्कूल नहीं आए तो घर जाकर परिजनों से करें संपर्क, जाने कारण : जिला कलेक्टर

मुकुंदरा में जल्द ही बढ़ेगी बाघों की संख्या

अब तक मुकंदरा में दो बाघ और 2 बाघिन है. जो मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व की दरा और गागरोन रेंज में विचरण कर रहे हैं. अब रणथंभौर से 1 बाघ और 2 बाघिन यहां आने वाले हैं. इसके बाद यहां कुल 7 बाघ और बाघिन हो जाएंगे. इस टाइगर रिजर्व के चलते यहां के पर्यटन को भी बढ़ावा मिल सकेगा. ऐसे में बस सभी को इंतजार इस बात का है कि जल्द ही एनटीसीए इसे हरी झंडी दिखाए और बाघों को यहां शिफ्ट किया जा सके.

Last Updated : Oct 24, 2019, 11:16 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details