कोटा. जिला प्रमुख सुरेंद्र गुर्जर की मुश्किलें अब बढ़ती ही जा रही हैं. एक तरफ FIR दर्ज होने के बाद गिराफ्तारी के डर से वे अंडरग्राउण्ड हो गए है. वहीं, अब उन्हीं के करीबी माने जाने वाले विधायक भरत सिंह ने उन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए डिप्टी सीएम सचिन पायलट को पत्र लिखकर जिला प्रमुख सुरेंद्र गोचर को कांग्रेस पार्टी और पद से निष्कासित करने की मांग की है.
विधायक भरत सिंह ने रिश्वत प्रकरण को लेकर दिया बयान साथ ही उन्होंने कहा है कि दूध से जिस तरह मक्खी को निकाल कर फेंका जाता है, उसी तरह सुरेंद्र गुर्जर को जिला प्रमुख पद और कांग्रेस पार्टी से निकाल कर फेंका जाए. विधायक भरत सिंह ने कहा कि सुरेंद्र गुर्जर उनके करीबी थे इस लिए जिला प्रमुख बनवाया था. साथ ही वे उनके गांव कुंदनपुर से आते है और उनके इस भ्रष्टाचार के कृत्य से पूरे गांव को शर्मिंदा होना पड़ा है.
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विधायक भरत सिंह ने कहा कि कांग्रेस ही एक ऐसी पार्टी है. जिसमे बड़े पद पर होने के बाद भी भ्रष्टाचार के मामलों में पद और पार्टी से निष्कासित किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि अशोक गहलोत सरकार ने अस्तित्व में आते ही भ्रष्टाचार के विरुद्ध अपनी जीरो टॉलरेंस नीति को स्पष्ट कर दिया था. जिसके तहत अब जिला प्रमुख के खिलाफ ACB में कार्रवाई हुई है. साथ ही ऐसे भ्रष्ट लोगों को कांग्रेस पार्टी और पद दोनों से निष्काषित किया जाना चाहिए.
हमसे कटकर हाड़ौती के भ्रष्ट नेता के संरक्षण में चला गया था
विधायक भरत सिंह ने एसीबी के अधिकारियों की प्रशंसा करते हुए कहा है कि कार्यकाल समाप्त होने के पहले ऐसे भ्रष्ट आदमी के खिलाफ कार्रवाई कर देना तारीफ के काबिल है. भरत सिंह ने कहा कि सुरेंद्र गुर्जर को हमने जिला प्रमुख बनाया, लेकिन वह हमसे छूट कर हमारी पार्टी के हाड़ौती के एक भ्रष्ट नेता के संरक्षण में चला गया था.
बता दें कि 4 दिन पहले जिला प्रमुख सुरेंद्र गोचर के पीए चंद्रप्रकाश को कोटा एसीबी ने एक सरपंच से 25 हजार की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था. जिसके बाद उसके सहयोगी बाबू कमलकांत वैष्णव को भी एसीबी ने गिरफ्तार कर लिया था. वहीं, इस मामले में जिला प्रमुख की संदिग्ध भूमिका को देखते हुए मुख्यालय से मिले निर्देशों के बाद जिला प्रमुख के खिलाफ भी ACB ने एफआईआर दर्ज की थी.