कोटा.राजस्थान सरकार के दो वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर रविवार को कोटा में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल और खान मंत्री प्रमोद जैन भाया ने पत्रकार वार्ता की और सरकार की उपलब्धियां बताई. इससे पूर्व मंत्री धारीवाल ने अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली. जिसमें सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं की समीक्षा की. सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने कहा की कांग्रेस सरकार ने घोषणा पत्र में जो वादे किए थे उनमें से 65 प्रतिशत वादे कांग्रेस सरकार ने महज दो साल में पूरे कर दिए हैं.
कोटा में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ओर खान और गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने गिनाई उपलब्धियां उन्होंने कहा कि कोटा में यूआईटी के माध्यम से विकास कार्य करवाये जा रहे हैं, जल्द सारे कार्य मूर्त रूप ले लेंगे. धारीवाल ने बताया कि सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं की समीक्षा बैठक अधिकारियों से ली गई है जिसमे भी फीडबैक अच्छा मिल रहा है. वहीं खान मंत्री प्रमोद जैन भाया ने बताया कि प्रदेश में रेती की समस्या से निजात पाने के लिए जल्द M-सेंड नीति लागू होने जा रही है. जिसे मुख्यमंत्री ने मंजूरी दे दी है. इससे प्रदेश में रेती की कालाबाजारी पर रोक लगेगी, जितने भी सरकारी कार्य चल रहें है उनमें M-सेंड उपयोग करने की स्वीकृति मिल सकेगी.
सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं की समीक्षा बैठक...
राज्य सरकार के दो वर्ष का कार्यकाल पूर्ण होने के उपलक्ष्य में स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल तथा खान एवं गोपालन विभाग मंत्री प्रमोद जैन भाया के मुख्य आतिथ्य में जिला स्तरीय कार्यक्रम रविवार को जिला परिषद सभागार में आयोजित किया गया. जिसमें दो वर्ष जन सेवा के जिला दर्शन पुस्तिका का विमोचन किया गया और अधिकारियों की बैठक लेकर विभागवार योजनाओं की समीक्षा की गई.
दो वर्ष जन सेवा के जिला दर्शन पुस्तिका का विमोचन पढ़ें-गहलोत सरकार ने 2 साल में पूरे किए घोषणा पत्र के 65 फीसदी वादे: धारीवाल
स्वायत्त शासन मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने पिछले दो साल में जनसेवक के रूप में कार्य करते हुए घोषणा पत्र में जो वादे किये थे उन्हें चरणबद्ध रूप से समय पर पूरे करने का कार्य किया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए सरकार द्वारा तैयार किया गया खाका आगामी दिनों में निर्धारित समय में पूरा हो सके इसके लिए अधिकारी टीम भावना के साथ कार्य करते हुए फ्लैगशिप योजनाओं की निरन्तर मॉनिटरिंग करें. उन्होंने कहा कि जमीनी स्तर पर कार्य के परिणाम दिखाई देने चाहिए. इसके लिए गांव स्तर पर तैनात कार्मिकों को संवेदनशीलता से कार्य करने के लिए प्रेरित भी करें और लापरवाही पर कार्यवाही भी की जाए.