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Published : Mar 3, 2023, 10:13 PM IST

Updated : Mar 3, 2023, 11:43 PM IST

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Medical seats in India: मेडिकल सीटों में दक्षिण भारत का दबदबा, नार्थ ईस्ट के पास महज ढाई तो साउथ में 41 फीसदी सीटें

देश में मेडिकल की सीटों में पिछले 9 साल में 96 फीसदी की बढ़ोतरी हुई (medical colleges in India) है. हालांकि मेडिकल सीटों के मामले में दक्षिण भारत का दबदबा बना हुआ है.

Medical seats distribution in Indian states, know state wise detail of seats and colleges
Medical seats in India: मेडिकल सीटों में दक्षिण भारत का दबदबा, नार्थ ईस्ट के पास महज ढाई तो साउथ में 41 फीसदी सीटें

मेडिकल सीटों में किस राज्य का है कितना दबदबा...यहां देखें

कोटा. देश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. अब यह संख्या बढ़कर 660 के आसपास हो गई और मेडिकल सीटों की संख्या एक लाख को क्रॉस कर गई है. हालांकि मेडिकल सीटों में राज्यों के अनुसार काफी अंतर नजर आता है. तमिलनाडु में देश की सबसे ज्यादा 72 मेडिकल कॉलेज हैं. वहां पर मेडिकल सीटें भी 11225 हैं.

देश में दूसरे नंबर पर कर्नाटक आता है. जहां पर 67 मेडिकल कॉलेजों में 10995 सीटें हैं. हालांकि देश में निजी मेडिकल सीटों की संख्या के मामले में कर्नाटक अव्वल है. कर्नाटक में 44 निजी मेडिकल कॉलेजों में 7495 सीट है, इन्हीं के बूते पर साउथ इंडिया मेडिकल सीटों के मामले में काफी आगे है. दक्षिण भारतीय राज्यों के पास 41 फीसदी मेडिकल सीट हैं. इसी तरह से नॉर्थ-ईस्ट की बात की जाए तो, 7 स्टेट के पास 22 मेडिकल कॉलेजों में 2550 सीटें हैं. यह देश की मेडिकल सीटों का महज ढाई प्रतिशत है.

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बीते 9 साल में एमबीबीएस सीट 96 फीसदी बढ़ीः कोटा के निजी कोचिंग संस्थान के करियर काउंसलिंग एक्सपर्ट पारिजात मिश्रा ने बताया कि भारत सरकार ने हाल ही में जारी किया आंकड़े के अनुसार साल 2014 में 387 मेडिकल कॉलेज थे. जबकि 51348 मेडिकल सीट थी. जिनमें मेडिकल कॉलेज में करीब 70 फीसदी यानी 273 मेडिकल कॉलेज इस साल अब तक बढ़े हैं. अब मेडिकल कॉलेज 660 हो गए हैं. जबकि मेडिकल सीटों में बढ़ोतरी 96 फीसदी हुई है. यह सीटें 49165 बढ़कर 100513 हो गई है. इसी की संख्या में मेडिकल सीट के आकांक्षी विद्यार्थियों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है.

7 राज्यों के पास 60 फीसदी से ज्यादा मेडिकल सीटेंः देश में 28 राज्य और 8 यूनियन टेरिटरी हैं, इनमें यूनियन टेरिटरी लक्ष्यदीप और दमन व दीव में कोई मेडिकल कॉलेज नहीं है. जबकि 33 यूटी व स्टेट में 660 मेडिकल कॉलेज हैं. जिनके पास 100513 मेडिकल सीट्स हैं. जिनमें सरकारी व गवर्नमेंट सोसायटी के 364 मेडिकल कॉलेज में 53198 सीट्स हैं. जबकि 296 प्राइवेट, ट्रस्ट व सोसायटी के मेडिकल कॉलेज में 47315 सीट हैं. भारत में मेडिकल सीटों में स्टेट के अनुसार काफी अंतर देखने को मिलता है. देश के 7 राज्यों में 60 फीसदी मेडिकल सीटें हैं. इन राज्यों में 385 मेडिकल कॉलेज और 61093 सीटें हैं. जिनमें तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात व आंध्रप्रदेश शामिल हैं.

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8 यूटी व स्टेट में एक- एक, साउथ में 261 कॉलेजः दक्षिण भारत की बात की जाए तो देश के 5 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश व तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, केरल व पांडिचेरी के पास देश की 41 फ़ीसदी मेडिकल सीटें हैं. इन राज्यों में 261 मेडिकल कॉलेज स्थित हैं. जिनमें 41480 मेडिकल सीटें हैं. दूसरी तरफ देश में 8 केंद्र शासित प्रदेश और राज्य ऐसे हैं, जहां पर एक-एक ही मेडिकल कॉलेज है. इनमें गोवा, दादर एंड नगर हवेली, चंडीगढ़, सिक्किम, अंडमान निकोबार, मिजोरम मेघालय और अरुणाचल प्रदेश शामिल हैं. इनमें मेडिकल सीटों की संख्या भी 971 है. हालांकि यहां पर जनसंख्या कम है.

नॉर्थ ईस्ट के 7 स्टेट में 2550 सीटें, निजी कॉलेज केवल 3:नॉर्थ ईस्ट के 7 स्टेट की बात की जाए तो ये मेडिकल सीटों के लिहाज से काफी पिछड़े हुए हैं. हालांकि यहां पर जनसंख्या कम व छितराई हुई होने से घनत्व काफी कम है. दुर्गम स्थान भी यहां पर है. साथ ही विकास के संसाधन भी इन इलाकों में कम पहुंचे हैं. इसी के चलते इन इलाकों में मेडिकल कॉलेजों की संख्या भी कम ही है. इनमें असम, मणिपुर, त्रिपुरा, सिक्किम, मिजोरम, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश हैं. इनमें 22 मेडिकल कॉलेज हैं और यहां पर मेडिकल सीटें 2550 हैं. यहां पर ज्यादातर मेडिकल सीट सरकारी हैं, केवल 3 निजी मेडिकल कॉलेज सिक्किम, मणिपुर और त्रिपुरा हैं, जिनमें 400 सीटें हैं.

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अभी भी तीन से चार हजार सीटें बढ़ने की उम्मीदःपारिजात मिश्रा ने राजस्थान की बात करते हुए कहा कि सरकार ने जिस तरह से घोषणा की है कि सभी जिला मुख्यालयों पर मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे. मेडिकल सीटों के मामले में राजस्थान आठवें नंबर पर आ गया है. यहां 30 मेडिकल कॉलेज में 5075 सीटें हैं. जिनमें 21 सरकारी मेडिकल कॉलेज में 3450 और 9 प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में 1650 सीटें हैं. इसी क्रम में राजस्थान आगे बढ़ रहा है.

इस साल उम्मीद है कि बूंदी और करौली के मेडिकल कॉलेज भी आ जाएं. यहां पर काफी एडवांस स्टेज पर कार्य चल रहे हैं. सभी जगह पर एमबीबीएस सीटों का स्ट्रक्चर लगातार बढ़ रहा है. मध्यप्रदेश में भी जिला अस्पतालों को अपडेट किया जा रहा है. इसी तरह से उत्तर प्रदेश में भी काम चल रहा है. जिसके आधार पर 5 से 9 मेडिकल कॉलेज खड़े किए जा रहे हैं. एनएमसी की वेबसाइट आगे जब भी अपडेट होगी और काउंसलिंग शुरू होगी. तब तक करीब 3 से 4 हजार मेडिकल सीटें और बढ़ने की उम्मीद है. जिसके बाद 104000 के आसपास मेडिकल सीटें होगी. इस बार नीट यूजी की परीक्षा 7 मई को होगी, ऐसे में जून या जुलाई में काउंसलिंग शुरू हो सकती है.

  1. साल 2014 तक देश में थे 385 मेडिकल कॉलेज थे, जिनमें थी 51348 सीटें
  2. 9 साल में बढ़े 270 मेडिकल कॉलेज और 49165 एमबीबीएस सीटें
  3. अभी देश में 650 मेडिकल कॉलेजों में है 100513 एमबीबीएस सीट
  4. सरकारी सीटों की बात की जाए तो 364 मेडिकल कॉलेजों में 53198 सीटें हैं.
  5. ट्रस्ट, सोसायटी और निजी कॉलेज में 47315 सीट हैं.
  6. साल 2023 से एक लाख से ज्यादा स्टूडेंट लेंगे एमबीबीएस में एडमिशन
  7. साउथ का मेडिकल शिक्षा में है दबदबा. 261 मेडिकल कॉलेजों में हैं 41480 सीटें
  8. नॉर्थ ईस्ट के 7 सिस्टर स्टेट्स में 22 मेडिकल कॉलेजों में है महज 2550 सीटें

कॉलेज और सीटें:9 साल में मेडिकल सीट और कॉलेज के अंतर को देखें, तो साल 2014 में 387 मेडिकल कॉलेज थीं और 51348 एमबीबीएस सीटें थीं. साल 2023 में 660 मेडिकल कॉलेज हैं और इनमें 100513 एमबीबीएस सीटें हैं. बात करें सरकारी और निजी मेडिकल सीटों की, तो सरकार व सरकारी सोसायटी की 364 मेडिकल कॉलेजों में 53198 एमबीबीएस सीटें हैं. जबकि ट्रस्ट, सोसायटी और निजी क्षेत्र की 296 कॉलेजों में 47315 एमबीबीएस सीटें हैं.

Last Updated : Mar 3, 2023, 11:43 PM IST

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