करियर काउंसलिंग एक्सपर्ट पारिजात मिश्रा कोटा.नीट यूजी 2022 के बाद शुरू हुई मेडिकल काउंसलिंग कमेटी की एमबीबीएस सीटों (MBBS Medical Counseling Committee) पर काउंसलिंग अब अपने अंतिम चरण में है. हालांकि, सरकारी सीटों पर काउंसलिंग लगभग पूरी हो चुकी है. जिसका रिजल्ट भी सामने आ गया है. इस बार 2022 के प्रवेश में सरकारी मेडिकल सीट 22703 रैंक पर ऑल इंडिया कोटा की छूटी है. हालांकि इसमें पिछले सालों से रैंक के मामले में गिरावट आई है. जहां बीते साल 2021 में 21183 क्लोजिंग रैंक सरकारी मेडिकल कॉलेज की सीटों की रही थी. इसमें 1520 रैंक का अंतर इस बार देखने को मिला है. इसका मुख्य कारण भी सीटों का बढ़ना है. करीब 5900 सीटें इस बार एमबीबीएस की देश के सरकारी और प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में बढ़ी थी. जिसमें सरकारी सीटों की संख्या अधिक थी.
इसीलिए कटऑफ रैंक नीचे गिर गई. कोटा के निजी कोचिंग संस्थान के करियर काउंसलिंग एक्सपर्ट पारिजात मिश्रा ने बताया कि काउंसलिंग खत्म होने के बाद ही 2000 से ज्यादा मेडिकल सीटें बढ़ गई हैं. कई राज्यों के प्राइवेट मेडिकल सीटें भी सरकारी में कन्वर्ट हुई है. ऐसे में इस साल 2023 में आयोजित होने वाली NEET UG परीक्षा के बाद की काउंसलिंग में सरकारी मेडिकल कॉलेजों की सीट की कटऑफ 25000 के आसपास पहुंच सकती हैं.
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विद्यार्थियों की संख्या बढ़ने से ज्यादा हुआ कंपटीशन:एक्सपर्ट मिश्रा ने बताया कि साल 2021 में नीट यूजी के परिणाम में जनरल सीट के विद्यार्थी को 595 अंक पर मेडिकल सीट मिली थी. इस बार 2022 में परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों की संख्या में दो लाख से ज्यादा का इजाफा हुआ था. 2022 में जहां 1774000 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी थी. जबकि 2021 में यह संख्या 15 लाख 50 हजार रही थी. ऐसे में आपस में (MBBS seats increase in India) कंपटीशन भी बढ़ गया था. इसलिए करीब 4 अंक की बढ़ोतरी पर सरकारी मेडिकल सीट विद्यार्थी को मिली है. यानी कि 599 अंक लाने वाले विद्यार्थी को सरकारी मेडिकल सीट जनरल कोटे पर मिल गई है.
2022 की सरकारी कॉलेज की रैंक और कटऑफ स्कोर इस साल हो जाएगी एक लाख मेडिकल सीट: पारिजात मिश्रा ने बताया कि भारत में साल 2021 में 606 एमबीबीएस के कॉलेज थे. इनमें 91,415 सीटें थीं, जिनमें 292 सरकारी और 314 डीम्ड यूनिवर्सिटी या प्राइवेट मेडिकल कॉलेज थे. जबकि 2022 में बढ़कर 635 मेडिकल कॉलेज हो गए हैं. जिनमें करीब 320 सरकारी और 315 निजी व डीम्ड मेडिकल कॉलेज हैं. इनमें 97293 सीटें थीं. वर्तमान में काउंसलिंग के बाद लगातार सीटें बढ़ी हैं. अब 650 मेडिकल कॉलेजों में 99213 सीटें हो गई हैं. मिश्रा को उम्मीद है कि जैसे ऐसे कॉलेजों को नेशनल मेडिकल काउंसलिंग (NMC) से लेटर ऑफ परमिशन (LOP) मिलेगी. इनकी संख्या में इजाफा होगा. साथ ही एक-दो महीने में ही देश की मेडिकल सीटें बढ़कर एक लाख के पार हो जाएगी.
2021 की सरकारी कॉलेज की रैंक व कटऑफ