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कोटा: जानकारी के अभाव में धूल खा रही लाखों रुपए की ई मित्र प्लस मशीनें

एक साल पूर्व सांगोद पंचायत समिति मुख्यालय समेत सभी ग्राम पंचायतों के राजीव गांधी सेवा केन्द्रों पर ई मित्र प्लस मशीनें लगाई गई थी. सरकार की मंशा थी की ई मित्र सम्बंधित कार्यों के लिए केन्द्रों पर भटकते लोग मशीन का स्वयं उपयोग कर अपने कार्यों को कर लेंगे इससे उन्हें परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी. लेकिन, ब्लॉक में ज्यादातर जगह मशीनें सुचारू नहीं है.

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Published : Dec 23, 2019, 10:29 PM IST

E Mitra Plus machine, ई मित्र प्लस मशीनें कोटा
धूल खा रही हैं लाखों रुपए की ई मित्र प्लस मशीनें

सांगोद (कोटा).विभिन्न तरह के प्रमाण पत्र, जमाबंदी नकल जैसे कई कार्यों के लिए ई मित्र केन्द्रों पर भटकते लोगों को राहत पहुंचाने के लिए राज्य सरकार की ओर से ग्राम पंचायतों के साथ कई सरकारी दफ्तरों में ई मित्र प्लस मशीनें लगाई गई हैं. सूचना और प्रौद्योगिकी विभाग ने ग्रामीण इलाकों में मशीनें तो लगा दी. लेकिन, अधिकांश जगहों पर इनका उपयोग नहीं हो रहा. कहीं मशीन संचालन की लोगों को जानकारी नहीं होने के कारण तो कहीं इंटरनेट के अभाव में लाखों रुपए की मशीनें धूल खा रही है.

एक साल पूर्व विभाग की ओर से सांगोद पंचायत समिति मुख्यालय समेत सभी ग्राम पंचायतों के राजीव गांधी सेवा केन्द्रों पर यह मशीनें लगाई गई थी. एक मशीन की कीमत ही करीब ढाई से तीन लाख रुपए है. सरकार की मंशा थी की ई मित्र सम्बंधित कार्यों के लिए केन्द्रों पर भटकते लोग मशीन का स्वयं उपयोग कर अपने कार्यों को कर लेंगे इससे उन्हें परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी. लेकिन, ब्लॉक में ज्यादातर जगह मशीनें सुचारू नहीं है.

धूल खा रही हैं लाखों रुपए की ई मित्र प्लस मशीनें

ई मित्र प्लस कियोस्क में सभी जगह दो तरह की मशीनें लगाई गई है. जिसमें एक में वीडियो कॉन्फ्रेसिंग की सुविधा है तो दूसरी मशीन में केश एसेप्टर, कार्ड रीडर, मैटेलिक की-बोर्ड, थर्मल एवं लेजर प्रिंटर है. जरूरी दस्तावेजों की प्रिंट भी इसी मशीन से निकलेगी. सुविधा का भुगतान भी लोगों को मशीन में करना है. इसमें एटीएम कार्ड और नकद भुगतान दोनों की व्यवस्था है.

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मशीन के जरिए जमाबंदी की नकल से लेकर मूल निवास प्रमाण पत्र तक के प्रिंट आवेदक स्वयं निकाल सकते है. इसके लिए ना कोई ई-मित्र संचालक की जरूरत पड़ेगी और नहीं किसी ऑपरेटर की. लोगों को अपनी एसएसओ आईडी बनाकर मशीन में सम्बंधित विभाग का चयन कर आईडी दर्ज करनी होगी. आमजन को महज सुविधा का निर्धारित शुल्क इसमें डालना होगा.

ग्राम पंचायतों के साथ ही विभाग ने यहां तहसील कार्यालय, अस्पताल आदि में भी मशीनें तो लगा दी. लेकिन, लोगों को इन्हें चलाने की कोई जानकारी नहीं है. ई मित्र संचालक भी लोगों को मशीनें लगाने सम्बंधित कोई जानकारी नहीं देते. ऐसे में बिना प्रायोगिक अभ्यास के लोग मशीनें चलाने में परेशानी महसूस करते है. इससे मशीनों का उपयोग नहीं हो रहा और लाखों रुपए की मशीनें लोगों के लिए अनुपयोगी बनी है.

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सूचना जनसम्पर्क अधिकारी (पंचायत समिति) जितेंद्र चौरसिया का कहना है कि पंचायत समिति सांगोद क्षेत्र की समस्त 36 पंचायतों में ग्रामीण ई-मित्र प्लस मशीनों का सरकार की ओर से इंस्टॉलेशन किया जा चुका है. साथ ही पंचायत समिति की ओर से ई-मित्र कियोस्क की स्थापना भी की जा चुकी है. जहां ई मित्र कियोस्क नहीं है वहां पर भी LSP के मार्फत कियोस्क की स्थापना की जाएगी. साथ ही बताया कि जिन ग्राम पंचायतों में ई मित्र प्लस मशीन उपलब्ध नही होने के अभाव में मशीनें नहीं लग पाई है वहां पर भी जल्द ही ई मित्र कियोस्क की स्थापना की जाएगी.

वर्तमान में 53 ई मित्र प्लस मशीनें हैं जिनमें 36 ग्रामीण और 15 अर्बन ई मित्र प्लस मशीन सांगोद क्षेत्र के अंदर कार्यरत हैं, 5 मशीनों में HARDWARE सम्बंधित समस्या है जिनके बारे में COMPANY को सूचना दे दी गई है जैसी ही HARDWARE आता है मशीनों को चालू किया जायेगा.

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CHC चिकित्सा प्रभारी रामचंद्र पारेता ने बताया कि सीएचसी में लगी ई मित्र मशीन चालू है और पंचायत समिति के अधीन है हफ्ते में दो दिन मशीन संचालक ऑपरेटर यहां आता है और लोगों के मशीन से जुड़े काम करता है. लोगों को भी बुधवार और शुक्रवार ऑपरेटर ने समय दे रखा है जिसके अनुसार ही काम किया जाता है.

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