रामगंजमंडी (कोटा).लॉकडाउन में राज्य सरकारों ने श्रम कानूनों में बदलाव किए थे. जिसके बाद से लगातार मजदूर यूनियन इन बदलावों के विरोध कर रही हैं. शुक्रवार को यूनियन इंटक मोड़क ने उपखंड कार्यालय पर प्रदर्शन किया और उपखंड अधिकारी को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में 12 सूत्रीय मांगों को रखा गया है. जिसमें मजदूरों के हक के लिए बने श्रम कानूनों को खत्म करने के प्रावधान का विरोध किया गया है. सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों और उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने की बात कही है.
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यूनियन के पदाधिकारियों ने बताया कि मजदूरों की न्यूनतम वेतन 21 हजार रुपए करने, ठेकेदारी प्रथा समाप्त करने, श्रमिकों को समान काम के लिए नियमित मजदूरी और दूसरे वेतन भत्ते और सुविधाएं प्रदान करने की मांग की है. मजदूरों ने निजीकरण नीति का भी विरोध किया. मजदूरों का कहना था कि श्रमिकों का उत्पीड़न किया जा रहा है, मजदूर आंदोलन में पुलिस प्रशासन का हस्तक्षेप बंद होना चाहिए. उपखण्ड कार्यालय पर यूनियन के अधिकारियों के साथ मजदूरों ने भी काली पट्टी बांध कर अपना विरोध जताया.