सियासी चक्रव्यूह में फंसा कोटा का श्याम ऑडिटोरियम कोटा. कोटा में कृषि प्रबंधन संस्थान (श्याम) के लिए बन रहे एक ऑडिटोरियम का निर्माण पांच साल में भी पूरा नहीं हो पाया है. जबकि इसका निर्माण एक साल में पूरा होना था. इसका निर्माण साल 2017 के दिसंबर माह में शुरू हुआ था, लेकिन विडंबना यह है कि आज तक काम पूरा नहीं हो सका है, देखते देखते 5 साल यूं ही गुजर गए. असल में बीजेपी शासन में इसके निर्माण की स्वीकृति दी गई थी, लेकिन काम शुरू होने के बाद प्रदेश की सत्ता में कांग्रेस आ गई. सत्ता परिवर्तन के चलते यह ऑडिटोरियम कांग्रेस और बीजेपी के बीच सियासी चक्रव्यूह में फंस गया है.
हालांकि, इसमें करोड़ों रुपए खर्च हो चुके हैं. ऐसे में अगर समय पर इसका निर्माण कार्य पूरा हो जाता तो ये लोगों के साथ ही सरकारी आयोजनों में भी काम आता, लेकिन अभी भी इसका करीब 10 फीसदी काम शेष बचा हैं. साथ ही अब भी दो माह में इसके पूरा होने की उम्मीद जताई जा रही है.
रिवाइज बजट भी पौने 3 साल में मिला -ऑडिटोरियम निर्माण के लिए राज्य सरकार ने 1625.40 लाख रुपए का बजट जारी किया था. जिनमें से कार्य आदेश 1520.40 लाखों रुपए का दिया गया था. हालांकि निर्माण के दौरान यह राशि 2020 में ही पूरी हो गई, जिसके बाद अतिरिक्त बजट की आवश्यकता थी. ऑडिटोरियम के लिए बजट की कमी की बात साल 2019 में ही विभाग ने बता दी थी. इसके चलते ही काम अटक गया. जिसके तहत एक करोड़ से ज्यादा का बजट मांगा गया था. हालांकि, इस बजट स्वीकृति में ही 2 साल 9 महीने का समय लग गया और बजट बीते साल अक्टूबर में बजट जारी हुआ, जो 175.05 लाख का था.
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ठेकेदार पर लगी 86 लाख की पेनल्टी - कृषि विपणन बोर्ड के अधिशासी अभियंता श्याम बिहारी गुप्ता का कहना है कि ठेकेदार की कमी और कोविड-19 के चलते ही निर्माण नहीं हो पाया है. ऐसे में ठेकेदार पर करीब 86 लाख रुपए की पेनल्टी भी लगाई गई है. हालांकि, इसका निर्माण समय से नहीं होने के चलते इस साल कोटा दौरे पर आए कृषि विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी ने भी जमकर अधिकारियों के क्लास ली थी. उन्होंने लेटलतीफी पर ठेकेदार को भी जुर्माना लगाने और अधिकारियों को भी समय से काम करवाने के लिए पाबंद किया था.
बेसमेंट से लेकर फिनिशिंग का काम बाकी -ऑडिटोरियम में बेसमेंट का काम अभी बाकी है. पहली मंजिल पर बन रहे दोनों हॉल की सजावट और एयर कंडीशन का काम बाकी है. ऑडिटोरियम के सभी कमरों और क्लास रूम में फर्नीचर का कार्य भी अभी बचा हुआ है. साथ ही मुख्य सड़क पर ऑडिटोरियम में प्रवेश के दरवाजों के बाद के पूरे परिसर में फिनिशिंग का कार्य बाकी है. इस ऑडिटोरियम का मुख्य उपयोग राज्य कृषि प्रबंध संस्थान की होने वाली ट्रेनिंग में लेना है. इसके अलावा किसको किराए पर भी दिया जा सकेगा. जिससे लाखों रुपए की इनकम होगी. अभी वर्तमान में यूआईटी ऑडिटोरियम से भी लाखों की आय हो रही है.
शहर की आधी आबादी को होगा फायदा - वर्तमान में इतना बड़ा सीटिंग कैपेसिटी का ऑडिटोरियम सरकारी स्तर पर नगर विकास न्यास कोटा के पास है, जो बालाजी नगर रंगबाड़ी में स्थित है. जबकि कोटा के नयापुरा में सर्किट हाउस के नजदीक बन रहा है. यह ऑडिटोरियम करीब 654 सीटिंग कैपेसिटी का है. इससे नयापुरा, लाडपुरा, रामपुरा, स्टेशन, पटरी पर इलाका, बोरखेड़ा, कोटडी, छावनी, गुमानपुरा, वल्लभनगर, वल्लभबाड़ी, शॉपिंग सेंटर, कुन्हाड़ी, बालिता सहित आधे कोटा के लोगों को इसका फायदा मिलेगा. पुराने कोटा के लोगों के नजदीकी ऑडिटोरियम होगा. सिविल लाइंस और कलेक्ट्रेट से भी पास होने के चलते सरकारी आयोजन भी यहां पर हो सकेंगे.
ऑडिटोरियम से जुड़े फैक्ट
- अगस्त 2016 को इस निर्माण की स्वीकृति जारी हुई थी
- 25 दिसंबर 2017 को वर्क आर्डर के बाद कार्य शुरू हो गया था
- निर्माण को 1 साल में 24 दिसंबर 2018 को पूरा होना था
- वर्तमान में 5 साल गुजर जाने के बाद भी काम 90 प्रतिशत हुआ
- ऑडिटोरियम के लिए पूरी भूमि है करीब 6000 वर्ग मीटर
- ऑडिटोरियम का निर्माण 2604 वर्ग मीटर में हुआ
- ऑडिटोरियम में बना सभागार 936 वर्ग मीटर में बना
- ऑडिटोरियम में बेसमेंट में मनाई गई पार्किंग में 60 चार पहिया और 160 दुपहिया वाहन आ सकते हैं
- ऑडिटोरियम के लिए बड़ा हुआ बजट 175 लाख बीते साल अक्टूबर में जारी किया गया