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RUIDP sewerage Accident: दोषी पाए जाने पर इंजीनियरों पर दर्ज होगा केस, 3 सदस्यीय कमेटी करेगी जांच

कोटा जिला कलेक्टर ओपी बुनकर का कहना है कि राज्य स्तरीय कमेटी की रिपोर्ट पर ही आरयूआईडीपी के अफसरों की लापरवाही तय होगी. इसमें RUIDP के अफसरों की लापरवाही सामने आने पर उन्हें भी मुकदमे में नामजद किया जाएगा.

RUIDP sewerage Accident
दोषी पाए जाने पर इंजीनियरों पर दर्ज होगा केस

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Published : Jun 7, 2023, 7:12 PM IST

दोषी पाए जाने पर इंजीनियरों पर दर्ज होगा केस

कोटा.राजस्थान अर्बन इंफ्राट्रक्चर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट (RUIDP) के तहत कोटा में डल रही सीवरेज लाइन के दौरान हादसे में 3 मजदूरों की मौत हो गई है. इस मामले को लेकर राज्य सरकार ने जयपुर से ही एक कमेटी गठित कर दी है. जिसमें एडिशनल चीफ इंजीनियर की अध्यक्षता में दो अन्य अधिकारियों को लगाया गया है. इस पूरे मामले पर कोटा जिला कलेक्टर ओपी बुनकर का कहना है कि राज्य कमेटी की रिपोर्ट पर ही आरयूआईडीपी के अफसरों की लापरवाही तय होगी और इसमें RUIDP के अफसरों की लापरवाही सामने आने पर उन्हें भी मुकदमे में नामजद किया जाएगा.

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कंपनी के खिलाफ FIR दर्जः हादसे में प्रारंभिक तौर पर तो RUIDP कंपनी और कांट्रेक्टर दोनों की लापरवाही लग रही है. सेफ्टी मेजर्स मौके पर लेने चाहिए थे. जिनका मजदूर उपयोग करते हैं और कांट्रेक्टर लेबर को मजबूर करते हैं कि उनका उपयोग करके ही नीचे उतरें, ऐसे में यह हादसा नहीं होता. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिए हुए हैं कि कोई भी लेबर मेनहोल में बिना सेफ्टी मेजर के नहीं उतरेगा. नहीं तो मशीन से ही काम होगा. फिर भी यह काम किया गया है. इसीलिए निर्माण कंपनी के खिलाफ FIR दर्ज करवाई गई है. एडिशनल चीफ इंजीनियर RUIDP आशीष गुप्ता की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई है. यह कमेटी आ गई है और जांच करेगी. यह तय करेंगे कि RUIDP के स्टॉफ की लापरवाही है या नहीं. अगर आपराधिक लापरवाही पाई जाती है, तो उनको मुकदमे में नामजद भी किया जाएगा. नेगलिजेंसी होने पर चार्जशीट दी जाएगी.

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रात को ही दिला दी थी आर्थिक सहायताः जिला कलेक्टर बुनकर का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार तीनों मृतकों के परिवारजनों को 10-10 लाख के चेक बतौर मुआवजा सौंपें गए हैं. हम कोशिश करेंगे कि RUIDP की तरफ से भी उन्हें राहत मिले. साथ ही उन्हें कोटा से भेजने की व्यवस्था की है. उनके गांव झाबुआ बॉडी भेजी गई है. साथ ही अंतिम संस्कार के लिए भी 20-20 हजार की सहायता दिलाई गई है. उनका अंतिम संस्कार भी बुधवार को हो गया है.

मौके पर नहीं थे मॉस्क और ऑक्सीजन सिलेंडरःकलेक्टर ओपी बुनकर ने माना है कि घटनास्थल मॉस्क और ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं थे. RUIDP के नियम यह है कि 2 घंटे पहले चेंबर को खोलकर उसकी गैस निकलने दी जाए. उसके बाद जलती हुई तीली डाल कर चेक किया जाता है, लेकिन ऐसा प्रिकॉशन लेबर ने लिया या नहीं यह जांच का विषय है. यह प्रिकॉशन तभी इंश्योर हो सकता था जब कंपनी का कोई सुपरवाइजर या RUIDP का इंजीनियर मौके पर होता. भविष्य में ऐसा नहीं हो, ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी.

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