आरटीयू मामले में नए खुलासे कोटा.पुलिस ने रविवार को राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रॉनिक्स डिपार्टमेंट के एसोसिएट प्रोफेसर गिरीश परमार और अर्पित अग्रवाल को (Girish Parmar and Arpit agrawal Police Remand) भारी सुरक्षा के बीच न्यायालय में पेश किया. यहां न्यायालय ने दोनों आरोपियों की रिमांड को तीन दिन बढ़ाने की स्वीकृत दे दी है.
एसपी केसर सिंह शेखावत ने बताया कि अनुसंधान में यह भी तथ्य सामने आए हैं कि परमार के सब्जेक्ट के एग्जाम पेपर सेट करने का काम भी चहेते छात्रों को दिया था. उन्होंने ही पेपर सेट किया, कॉपियां की जांच की और अंकों में भी हेराफेरी की है. इस मामले से जुड़े सारे तथ्य वर्तमान कुलपति को अवगत करा दिए हैं. इसी आधार पर उन्होंने गिरीश परमार को सस्पेंड किया है. साथ ही गिरफ्तार छात्र अर्पित का भी निष्कासन किया है. अन्य जो भी आरोपी सामने आएंगे, उनकी रिपोर्टिंग हम समय-समय पर विश्वविद्यालय प्रशासन को करेंगे.
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पहले से दो, अब एक और एफआईआर :इस प्रकरण में एक और मुकदमा गिरीश परमार के खिलाफ दर्ज किया गया है. इसकी जांच भी एसआईटी ही करेगी. मामला मोदी इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी की एक छात्रा ने दर्ज करवाया है. इसमें पीड़िता ने बताया है कि गिरीश परमार जब एमआईटी में प्राचार्य था तब युवती से पास करने की एवज में रिश्वत मांगी गई थी. शादी का झांसा देकर देह-शोषण का प्रयास किया गया.
इससे पहले दादाबाड़ी थाने में पहले 2 मामले दर्ज हुए थे, यह दोनों आरटीयू की छात्राओं ने (Girl harassment Case in RTU) दर्ज करवाए थे. अब नया मामला आरकेपुरम थाने में दर्ज हुआ है. इसकी जांच भी पुलिस उपाधीक्षक चतुर्थ मुकुल शर्मा कर रहे हैं. उन्हें भी स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम में शामिल कर दिया गया है. इस मामले की पहले से जांच एडिशनल एसपी उमा शर्मा के नेतृत्व में डीएसपी अमर सिंह कर रहे हैं.