कोटा.देशभर से मेडिकल और इंजीनियरिंग की कोचिंग करने के लिए हजारों छात्र कोटा आते हैं. इन दिनों छात्रों में सुसाइड के मामलों में तेजी से इजाफा हुआ है, जिसे रोकने के लिए संस्थान, पुलिस-प्रशासन की ओर से संभव प्रयास किए जा रहे हैं. इस बीच छात्रों को संबल देने और उनकी सहायता के लिए पुलिस की ओर से 24 जून को हेल्प डेस्क शुरू की गई थी. इसके जरिए करीब 1 माह में ही 3 सुसाइड अटेम्प्ट्स पर एक्शन लेकर उन्हें बचाया गया. इसके अलावा भी 118 शिकायतें हेल्पलाइन के पास आधिकारिक रूप से आई हैं, जिनका निस्तारण स्टूडेंट हेल्प डेस्क ने किया है.
छात्रों को मोटिवेट करती है टीम : एडिशनल एसपी ठाकुर चंद्रशील कुमार ने बताया कि शिकायतों के निस्तारण के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (s&op) बनी हुई है. इसके अनुसार ही शिकायतों को उसी दिन या कुछ घंटों में ही निस्तारण का टारगेट रखा जाता है. शिकायत देर रात आती है या मसला गंभीर है, तब त्वरित एक्शन लिया जाता है. इस हेल्पलाइन का पहला मकसद छात्रों का तनाव कम करना है, जो उनकी समस्याओं को जानकर या फिर उनके आसपास रहकर ही किया जा सकता है. हमारा प्रयास रहता है कि छात्रों से ज्यादा से ज्यादा मिलें और उनकी समस्याओं के समाधान करें. इसके साथ ही हमारी टीम छात्रों को मोटिवेट करने में भी जुटी रहती है. छात्रों को यह विश्वास दिलाया जाता है कि वे उनके साथ खड़े हैं.
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पिता ने फोन किया- बेटा दरवाजा नहीं खोल रहा :एडिशनल एसपी ने बताया कि हेल्पलाइन पर कुछ दिन पहले एक फोन आता है, जिसमें व्यक्ति ने बताया है कि उसका बच्चा जवाहर नगर इलाके के हॉस्टल में रहता है और उसने कमरा बंद कर लिया है. फोन भी नहीं उठा रहा है. सूचना मिलने के कुछ ही देर में टीम हॉस्टल में पहुंची और छात्र का रेस्क्यू किया. इसके बाद उसकी काउंसलिंग की और उसे मोटिवेट किया. इस काउंसलिंग के दौरान छात्र ने बताया कि वह आत्मघाती कदम उठाने वाला था. इसी तरह से एक और कॉल आई थी, जिसमें जवाहर नगर थाने की मदद लेकर ही छात्र को बचाया गया था.