कोटा.कई बार छोटे-छोटे मामलों को लेकर भी लोग सड़कों पर उतर आते हैं और रास्ते को जाम कर देते हैं... या फिर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा देते हैं. इससे तत्कालिक रूप से तो उन्हें ज्यादा फर्क नहीं पड़ता. लेकिन, आगे चलकर यह मुकदमे कहीं न कहीं उनकी नौकरी या फिर विदेश यात्रा को खतरा पहुंचा देते हैं. ऐसा ही कोटा में सामने आया है. बीते 3 सालों में कोटा शहर पुलिस ने 6 हजार 407 लोगों के चरित्र सत्यापन, पासपोर्ट वेरीफिकेशन और ऑनलाइन चरित्र सत्यापन को एडवर्स रिपोर्ट किया है. जिसके चलते इन लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा होगा. कई लोगों के पासपोर्ट इसके चलते नहीं बन पाए हैं और नौकरी भी लगने में भी परेशानी हुई है.
77 लोगों की नौकरी में खतरा बन गए मुकदमे
कोटा पुलिस के पास सरकारी नौकरी के लिए 3 साल में 250 20 आए चरित्र प्रमाण पत्र में 77 ऐसे लोग थे. जिनके खिलाफ मुकदमे थे और उनके चरित्र प्रमाण पत्र में नेगेटिव रिपोर्ट कोटा शहर पुलिस ने की है. ऐसे में उन लोगों की नौकरी पर यह मुकदमे खतरा बन गए हैं. वहीं पासपोर्ट की बात की जाए तो 35 हजार 437 में से 1915 पासपोर्ट की भी नेगेटिव रिपोर्ट इन 3 साल में कोटा पुलिस ने की है.
किरायेदार और नौकर भी नहीं बन पाए
प्राइवेट नौकरी या फिर किसी भी योजना के तहत आवेदन करने वालों का ऑनलाइन चरित्र प्रमाण पत्र सत्यापन करवाया जाता है. जिसमें किराएदार और नौकर भी शामिल हैं. ऐसे भी 26 हजार 533 वेरिफिकेशन 3 साल में कोटा पुलिस के पास आए हैं. जिनमें से 4415 की नेगेटिव रिपोर्टिंग की गई है. क्योंकि इन लोगों के खिलाफ आपराधिक मुकदमे अलग-अलग थानों में दर्ज है.
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नौकरी में चयनित होने के बावजूद नहीं कर पाए
कोटा शहर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दिलीप सैनी का कहना है कि रोड जाम की वारदातें छोटे-मोटे अपराध की वारदातें का कनविक्शन रिकॉर्ड हर पुलिस स्टेशन पर होता है. जब भी कोई वेरिफिकेशन होता है. जिनमें पासपोर्ट, हथियार खरीदने, कांटेक्ट लेने, सरकारी या प्राइवेट नौकरी, मकान या दुकान किराए पर लेने के लिए चरित्र सत्यापन शामिल है. इन सबके लिए आवेदनकर्ता के खिलाफ आपराधिक रिकार्ड देखा जाता है. उसमें उसके खिलाफ आपराधिक रिपोर्ट देखा जाता है और नेगेटिव कमेंट करके हम भेज देते हैं.