कोटा.चंबल हेरिटेज रिवर फ्रंट का उद्घाटन 12 सितंबर को होने वाला है. यहां पर विश्व के कई अजूबे स्थापित किए गए हैं. इनमें से एक है चंबल माता की 242 फीट ऊंची प्रतिमा. दावा है कि ये विश्व की सबसे ऊंची मार्बल की स्टैचू है. इसे वियतनाम के सफेद मार्बल से तैयार किया गया है. इसमें 196 फीट ऊंचाई से पानी गिरेगा. ये स्ट्रक्चर 1500 टुकड़ों को जोड़कर बनाया गया है.
वियतनाम के मार्बल से बनी मूर्ति : नगर विकास न्यास के अधिशासी अभियंता ललित मीणा का कहना है कि चंबल माता की पूरी मूर्ति इसी सप्ताह बनकर तैयार हुई है. ये प्रतिमा कुल 242 फीट की है, जिसमें से मूर्ति का पेडस्टल करीब 65 फीट का है. शेष 177 फीट ऊंची यह मूर्ति है. मूर्ति का निर्माण करीब 1 साल पहले शुरू हुआ था, जिसकी लागत करीब 26 करोड़ आई है. यह पूरी मूर्ति वियतनाम के मार्बल से बनी है, जिसके 1500 अलग-अलग टुकड़े जयपुर से मूर्ति के शेप में बनवाकर मंगवाए गए थे. इन सभी को जोड़कर मूर्ति को तैयार किया गया है.
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7.60 लाख लीटर पानी हर घंटे होगा डिस्चार्ज : इसमें लगाए गए फाउंटेन की टेस्टिंग भी कर ली है. इसमें 75 हॉर्स पावर के चार पंप लगे हुए हैं, जिसका डिस्चार्ज 1 घंटे में 7.60 लाख लीटर है. यह ऐसा लगेगा कि पानी झरने से नीचे गिर रहा है. चंबल माता के हाथ में एक कलश है. इसी कलश से पानी लगातार प्रवाहित होगा. यह पानी रीसायकल होकर वापस पंपों के जरिए कलश से गिरेगा.
1500 क्विंटल है इसका वजन :एक्सईएन मीणा के अनुसार मजबूती देने के लिए एक बड़ा पेडस्टल भी इसमें बनाया गया है. इसके साथ ही मूर्ति को बड़ा करने के लिए कंक्रीट का भी काफी उपयोग किया गया है. पहले सरिया और कंक्रीट का स्ट्रक्चर तैयार किया गया था, बाद में लगभग 1000 क्यूबिक मीटर सीमेंट कंक्रीट मूर्ति के भीतर भरी गई है. 100 से ज्यादा कारीगर जयपुर में भी इसके लिए कम कर रहे थे. इसका वजन करीब 1500 क्विंटल है.