राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

Kota Devnarayan Housing Scheme: पशुपालकों का आरोप, चौपट हो गईं हैं व्यवस्थाएं,पशुओं के लिए नहीं है पीने का पानी

देवनारायण पशुपालक आवासीय योजना के पशुपालक हैरान परेशान हो चुके हैं. उन्होंने आरोप लगाया है कि व्यवस्थाएं पूरी तरह से बिगड़ गई हैं. पशुओं के लिए पीने के पानी तक की व्यवस्था भी नहीं हो पा रही है.

kota devnarayan housing scheme
पशुपालकों का आरोप, चौपट हो गईं हैं व्यवस्थाएं

By

Published : Mar 25, 2023, 7:00 PM IST

पशुपालकों का आरोप, चौपट हो गईं हैं व्यवस्थाएं

कोटा.शहर को कैटल फ्री बनाने के लिए राज्य सरकार ने नगर विकास न्यास के तहत देवनारायण पशुपालक आवासीय योजना विकसित की है. जिसमें पशुपालकों को कोटा शहर से शिफ्ट किया जा रहा है. यहां पर 500 के आसपास पशुपालक रहने भी लग गए हैं. इनमें से कुछ पशुपालकों ने अव्यवस्थाओं का मुद्दा उठाया है. पशुपालकों का आरोप है कि व्यवस्थाएं पूरी तरह से बिगड़ गई है और चौपट जैसी स्थिति हो गई है.

गैस कनेक्शन है पर गैस नहींःपशुपालकों के कहना है कि पशुओं के लिए पीने के पानी की व्यवस्था भी नहीं हो पा रही है. उनको गैस कनेक्शन गोबर गैस संयंत्र से दिए गए हैं, लेकिन उनमें सप्लाई शुरू नहीं की गई है. जबकि यहां बन रही सीएनजी को वाहनों में भरने के लिए भेजा जा रहा है. इसके साथ ही इन लोगों ने भगवान देवनारायण का मंदिर बनवाने की भी मांग की है. इस योजना की सोसायटी के अध्यक्ष किरण गुर्जर का कहना है कि पशुओं के लिए पीने के पानी की समुचित व्यवस्था नहीं है. वहां पर जो टंकी बनाई है, वह केवल योजना में आवासीय लोगों के हिसाब से ही तैयार की गई है. जिसमें पशुओं की गणना नहीं की गई. जबकि हजारों की संख्या में पशु यहां पर रहते हैं, ऐसे में इन पशुपालकों के सामने काफी समस्या आ गई है.

ये भी पढ़ेंःराजस्थान से बाहर गए पशुपालकों का सहारा बने 'रामूराम'

न अस्पताल शुरू, न सफाई व्यवस्थाःपशु पालकों का कहना है कि सफाई व्यवस्था देवनारायण आवासीय योजना में पूरी तरह से चौपट हो गई है. वहां पर नगर निगम की तरफ से कोई सफाई कर्मी नहीं आता है. साथ ही गोबर का भुगतान भी बंद हो गया है. उनका कहना है कि पशुओं का अस्पताल भी यहां संचालित नहीं हो रहा है. डिस्पेंसरी में भी उपचार लोगों को नहीं मिल रहा है. दोनों जगह पर चिकित्सकों का अभाव है. साथ ही प्रशासनिक भवन भी काम नहीं कर रहा है, केवल नाम का ही प्रशासनिक भवन है. वहां पर एक भी अधिकारी आकर नहीं बैठता है.

ये भी पढ़ेंःजयपुर: प्राकृतिक आपदा से पीड़ित पशुपालकों ने मुआवजे की मांग को लेकर सीएम गहलोत से की मुलाकात, बताई अपनी पीड़ा

कोई मछली सुखा रहा, कोई कर रहा दूसरे कामःकई पशु पालकों का कहना है कि उनका सर्वे में नाम था. इसका लाभार्थी होने के बावजूद भी अभी तक आवंटन नहीं दिया गया है. नगर विकास न्यास को यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल कई बार कह चुके हैं, लेकिन अधिकारी बात नहीं मान रहे हैं. इन पशुपालकों ने यह भी आरोप लगाया है कि यहां पर रहने वाले लोग मछली सुखाने से लेकर कई दूसरे काम भी करने लग गए हैं. इतना ही नहीं, अधिकांश मकानों पर ताले लटके हुए हैं. जिन्हें पशुपालन का काम नहीं करने वाले लोगों को भी यूआईटी ने आवंटित किया है.

सूची में नाम था, लेकिन नहीं मिला मकानःअध्यक्ष किरण गुर्जर का कहना है कि कुछ लोगों का पशुपालकों की सूची में नाम था, लेकिन उन्हें आवास नहीं मिले हैं. ऐसे में उन लोगों को आवास दिए जाएं. साथ ही उनका कहना है कि पहले इस मकान की कीमत काफी ज्यादा थी. बाद में यूडीएच मंत्री धारीवाल ने इसे कम करवा दिया था. ऐसे में अब यह लोग मकान लेना चाहते हैं, लेकिन इन्हें आवंटन नहीं किया गया. यह लोग उसी योजना में दूसरे के मकान में रह रहे हैं, या फिर योजना के बाहर झोपड़ा बनाकर रह रहे हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details