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कोटा के दो भाइयों ने राम मंदिर के लिए तैयार किए सोने-चांदी के झाड़ू, भेजा जाएगा अयोध्या - Kota Brothers Brooms for Ayodhya

22 जनवरी को अयोध्या राम मंदिर में रामलला विराजमान होंगे. इस दिन को लेकर सभी लोगों में उत्साह है. सभी अपनी श्रद्धा अनुसार मंदिर और प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में योदगान देना चाहते हैं. इसी क्रम में कोटा के दो भाइयों ने सोने-चांदी से जड़ित झाड़ू तैयार करवाए हैं, जिसे अयोध्या भेजा जाएगा. पढ़िए ये रिपोर्ट...

कोटा के दो भाइयों ने बनाया झाड़ू
कोटा के दो भाइयों ने बनाया झाड़ू

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 16, 2024, 9:29 PM IST

Updated : Jan 17, 2024, 9:16 AM IST

राम मंदिर के लिए तैयार किए सोने-चांदी के झाड़ू

कोटा. पूरे देशभर में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर तैयारियां की जा रही हैं. हर व्यक्ति अपनी तरफ से कुछ न कुछ भगवान राम के मंदिर में अर्पित करना चाहता है. ऐसे ही कोटा के दो युवकों ने पहले भगवान श्रीराम के मंदिर की रिप्लिका बनाई थी, अब कोटा निवासी दो भाइयों ने भगवान श्री राम के लिए स्वर्ण और रजत जड़ित झाड़ू तैयार करवाए हैं. यह दो अलग-अलग झाड़ू 7 दिन में बनकर तैयार हुए हैं, जिन्हें अष्टधातुओं से बनवाया गया है. साथ ही इनके ऊपर स्वर्ण और रजत का लेप किया गया है.

दोनों भाई कोटा के चंबल इंडस्ट्रियल एरिया में झाड़ू कारखाना चलाते हैं. इनमें बड़े भाई राहुल जैन का कहना है कि उनका 25 साल से झाड़ू बनाने का कारोबार है. वह भगवान श्री राम के मंदिर के लिए कुछ अर्पण करना चाहते थे, इसीलिए उन्होंने यह झाड़ू निर्माण करवाया है. करीब 4 फीट लंबे इस झाड़ू में ढाई फीट का स्वर्ण रजत जड़ित हैंडल है. झाड़ू को बनवाने वाले राहुल जैन ने दावा किया है कि श्री राम जन्मभूमि न्यास बोर्ड के प्रतिनिधियों से उनकी वार्ता हो गई है और उन्होंने इस झाड़ू को लाने के लिए भी कहा है. हालांकि 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वहां पर रहेंगे. ऐसे में उनके प्रोटोकॉल और सुरक्षा की दृष्टि से जाना मुनासिब नहीं है, लेकिन हम झाड़ू को वहां पर जरूर भेज रहे हैं.

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स्वच्छता अभियान में तैयार किया था एक बड़ा झाड़ू :साल 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छता अभियान की शुरुआत की थी. इस दौरान भी झाड़ू का व्यवसाय करने वाले राहुल और हर्ष जैन ने एक बड़ा झाड़ू तैयार किया था. इस बार उन्हें आइडिया आया कि राम मंदिर के लिए भी कुछ बनाना चाहिए. राहुल जैन का कहना है कि झाड़ू एक प्रमुख चीज होती है. दीपावली के दिन नए झाड़ू की खरीद की जाती है और "लक्ष्मी जी" का वास झाड़ू के अंदर बताया जाता है. यही कारण है कि दिवाली के दिन बड़ी संख्या में फूल झाड़ू बिक्री होती है. हमने मंदिर के लिए भी एक अनोखा झाड़ू बनाने की बात सोची, जिसके बाद स्वर्ण व रजत जड़ित झाड़ू तैयार करवाया है.

कोटा के दो भाइयों ने बनाया झाड़ू

हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की मिसाल है झाड़ू :हर्ष जैन का कहना है कि उन्हें इसे बनाने में 7 दिन का समय लग गया. यह झाड़ू हिंदू-मुस्लिम भाईचारे का प्रतीक भी है. मंदिर के लिए बनाए जाने वाले झाड़ू के लिए कारखाने में काम करने वाले मुस्लिम कार्मिकों ने भी मदद की है. इसके साथ ही इसकी ढलाई का काम चौथ माता मंदिर के नजदीक स्वर्ण- रजत ढलाई करने वाले लोगों ने की है.

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मजबूत बेस के लिए पीतल का पाइप :हर्ष जैन का कहना है कि झाड़ू मजबूत होनी चाहिए थी, इसके लिए उन्होंने पीतल के पाइप को उपयोग में लिया और उसे पीतल की ही वेल्डिंग करवा कर पैक करवाया. इसके बाद अष्टधातु की डिजाइन बनवाकर इसके ऊपर चस्पा करवाई है. साथ ही स्वर्ण और रजत का लेपन हुआ है. ऐसे में यह झाड़ू सोना, चांदी, ब्रास, तांबा, सीसा और जस्ता से तैयार हुआ है.

सोने-चांदी के झाड़ू

गोदावरी धाम में करवाएंगे शुद्ध :राहुल जैन का कहना है कि उनके यहां पर झाड़ू बनाने के दौरान सभी लोगों के हाथ लगते हैं. ऐसे में हो सकता है यह झाड़ू अशुद्ध हो जाए. ऐसे में उसके शुद्धिकरण के लिए पहले उसे गोदावरी धाम मंदिर में रखा जाएगा, जहां पर पूजा अर्चना होगी और इसके बाद ही उसे भगवान राम के मंदिर के लिए अयोध्या भेजा जाएगा. हर्ष का कहना है कि कई लोग झाड़ू को देखने के लिए भी कॉल कर रहे हैं, उनका कहना है कि राम मंदिर में भगवान के दर्शन तो नहीं कर सकते, लेकिन भगवान को भेजे जाने वाले झाड़ू को देख सकते हैं. ऐसे में इन झाड़ू को गोदावरी धाम मंदिर पर रखने जा रहे हैं.

Last Updated : Jan 17, 2024, 9:16 AM IST

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