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जेईई एडवांस में क्वालिफाई नहीं हुए विद्यार्थियों का अब क्या होगा अगला कदम...जानिए - कोटा

शैक्षणिक नगरी कोटा में हर साल देश से लाखों विद्यार्थी इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा की तैयारी करने आते हैं, जो जेईई मेन परीक्षा में भाग लेतें हैं. इनमें से 30 फीसदी विद्यार्थी ही जेईई एडवांस के लिए क्वालिफाई हो पाते हैं जो एडवांस की तैयारी के लिए इलिजिबल होते हैं. फिर जो विद्यार्थी एडवांस क्वालिफाई नहीं हो पाते उनका अलग-अलग रूख सामने आता है. कुछ जेईई मेन के दूसरे अटेंप्ट की कोशिश में लग जाते हैं तो कुछ के पास एनआईटी, ट्रिपल आईटी, जीएफटीआईटी में जाने का ऑप्शन होता है.

जेईई एडवांस में असफल विद्यार्थियों से खास बातचीत

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Published : May 2, 2019, 9:53 AM IST

Updated : May 2, 2019, 11:14 AM IST

कोटा. जेईई मेन्स के परिणाम के बाद अनेक विद्यार्थियों को मुस्कान मिली है तो कईयों को हताशा. हर साल लाखों स्टूडेंट्स प्रवेश परीक्षा के लिए कोटा की संस्थाओं में प्रवेश लेते है, लेकिन कुछ ही सफलता हासिल कर पाते हैं. जेईई मेन से एडवांस में क्वालिफाई नहीं होने वाले विद्यार्थियों का रूख अब किस ओर है, इसके लिए ईटीवी भारत ने कुछ विद्यार्थियों से बात की. जिस पर विद्यार्थियों ने अपने भविष्य के निर्णय को लेकर खुलकर अपने विचार प्रकट किए. उनसे बातचीत में ये सामने आया है कि जो विद्यार्थी एडवांस में सेलेक्ट नहीं हो पाते उनमें अधिकतर का रुख एनआईटी, ट्रिपल आईटी और जीएफटीआईटी की तरफ हो जाता है. विद्यार्थियों ने कहा कि रैंक के अनुसार वे इन संस्थाओं में प्रवेश ले सकते हैं.

जेईई एडवांस में असफल विद्यार्थियों से खास बातचीत

छत्तीसगढ़ से कोटा आकर इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहे निशांत अग्रवाल ने कहा कि वे जेईई मेन से एडवांस में क्वालीफाई नहीं कर पाए हैं. लेकिन अब वे दोबारा जेईई मेन की परीक्षा में नहीं बैठेंगे. इसकी जगह पर किसी अच्छे इंजीनियरिंग कॉलेज में कंप्यूटर साइंस या इलेक्ट्रॉनिक्स में बीटेक करेंगे. इसी तरह से कर्नाटक के शशांक का कहना है कि उनके पहले अवसर में जेईई एडवांस में क्वालीफाई नहीं हो पाया है. इसलिए उनके पास जेईई मेन्स के लिए दोबारा मौका है. उन्होंने कहा कि मेहनत में कुछ कमी रह गई थी इसलिए उन्हें सफलता नहीं मिल पाई.

वहीं बिहार के छात्र अनमोल का कहना है कि उनका एडवांस में चयन नहीं हुआ है, इस बारे में फैकल्टी से काउंसलिंग लेंगे कि उन्हें आगे दोबारा अटेम्प्ट देना चाहिए या नहीं. साथ ही अपने आईआईटियन साथियों से भी बात करेंगे. उसके बाद भी निर्णय लेंगे कि किसी इंजीनियरिंग कॉलेज से बीटेक करे या फिर दोबारा जेईई मेन परीक्षा दें. बता दें कि जेईई मेन अप्रैल और जनवरी में 12,37,892 स्टूडेंट्स रजिस्टर्ड हुए थे, जिनमें से 11,47,125 स्टूडेंट्स ने परीक्षा दी है. वहीं 2,97,932 स्टूडेंट्स ने जनवरी के बाद अप्रैल परीक्षा देकर एनटीए स्कोर को इंप्रूव भी किया है.

यहां हो सकती हैं संभावनाएं
कोटा के करियर काउंसलिंग एक्सपर्ट का कहना है कि जिन स्टूडेंट्स की ऑल इंडिया रैंक 5,000 से कम है. उन्हें टॉप एनआईटी तिरछी, वारंगल, सूरतकल, इलाहाबाद व जयपुर की कोर ब्रांच मिलने की संभावना है. ऐसे स्टूडेंट जिनकी एआईआर 5,000 से 10,000 के बीच है. उन्हें टॉप एनआईटी की टॉप ब्रांच के अलावा कालीकट, सूरत, नागपुर, भोपाल, राउरकेला जैसे एनआईटी में कोर ब्रांच मिलने की संभावना है. इसी तरह 10 से 20 हजार के बीच एआईआर लाने वाले स्टूडेंट को जालंधर, कुरुक्षेत्र, जमशेदपुर, दिल्ली, गोवा, अगरतला, हमीरपुर, दुर्गापुर जैसे एनआईटी या फिर इलाहाबाद और कोटा ट्रिपल आईटी में कोर ब्रांच मिलने की संभावना है. इसके अलावा भी जेईई मेन ऑल इंडिया रैंक और एनटीए के आधार पर मिलने वाले कॉलेजों में भी प्रवेश के लिए विद्यार्थी अपने एनटीए स्कोर के अनुसार प्रवेश ले सकते हैं.

Last Updated : May 2, 2019, 11:14 AM IST

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