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कोटा के सीएडी सर्किल पर देख सकेंगे चित्तौड़गढ़ किले का कीर्ति स्तंभ!

चित्तौड़गढ़ के किले में स्थित कीर्ति स्तंभ के नमूने का निर्माण भी कोटा के सीएडी चौराहे पर करवाया जा रहा है. इस मॉडल को हूबहू चित्तौड़गढ़ के कीर्ति स्तंभ जैसा ही बनाया जा रहा है, यह देखने में बिल्कुल चित्तौड़गढ़ के कीर्ति स्तंभ जैसा ही लगेगा.

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Published : Mar 26, 2023, 6:55 AM IST

Kota kirti sthambh chittorgarh fort
Kota kirti sthambh chittorgarh fort

कोटा के सीएडी सर्किल पर देख सकेंगे चित्तौड़गढ़ किले का कीर्ति स्तंभ

कोटा. शहर को पर्यटन सिटी बनाने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर निर्माण करवाए जा रहे हैं. इसी तरह से चित्तौड़गढ़ के किले में स्थित कीर्ति स्तंभ के नमूने का निर्माण भी कोटा के सीएडी चौराहे पर करवाया जा रहा है. इस मॉडल को हूबहू चित्तौड़गढ़ के कीर्ति स्तंभ जैसा ही बनाया जा रहा है, यह देखने में बिल्कुल चित्तौड़गढ़ के कीर्ति स्तंभ जैसा ही लगेगा. जनवरी में काम शुरू हुआ था और इसे 6 महीने में पूरा होना है.

अभियंताओं का कहना है कि अप्रैल महीने में ही कीर्ति स्तंभ को तैयार करवा दिया जाएगा. इसके बाद चौराहे का भी विकास कार्य होगा. जिसमें चौराहे के सर्किल को भी तैयार किया. इसके लिए धौलपुर बैज पत्थर का उपयोग किया जा रहा है. कीर्ति स्तंभ में चित्तौड़गढ़ में स्थापित है, उसी तरह से यहां पर काम हो रहा है. स्तंभ के अंदर और बाहर जिस तरह से वहां पत्थर लगे है, वैसा ही यहां हो रहा है. उसी तरह खंभे, छतरिया-छज्जे बनाए जा रहे हैं. मूर्तियां पर नक्काशी भी इसी तरह से हो रही है.

एक से डेढ़ किमी दूर से दिख जाएगा मॉडल : निर्माण कर रही एजेंसी के साइट इंजीनियर हेमंत सिंह का कहना है कि कोटा में स्थापित किए जा रहे हैं कीर्ति स्तंभ के मॉडल की ऊंचाई 72 फीट यानी करीब 22 मीटर के आसपास है. साथ ही इसकी चौड़ाई 22 फीट यानी कि 7 मीटर के आसपास है. इसकी ऊंचाई अच्छी होने के चलते यह दूर से ही नजर आ जाएगा. उनका कहना है कि करीब एक से डेढ़ किलोमीटर दूर से ही इसे वाहन चालक या सड़क पर चल रहे लोग देख सकते हैं. हालांकि, इसकी ऊंचाई थोड़ी सी कम है, लेकिन यह भी पांच मंजिला ही बनाया जा रहा है.

नक्काशी में जुटे हैं 90 कारीगर, सीसी निर्माण तोड़ा : कीर्ति स्तंभ पर जिस तरह से पत्थर पर नक्काशी की गई है उसी तरह से कोटा में भी बन रहे कीर्ति स्तंभ के मॉडल पर नक्काशी की जा रही है. इसके लिए 90 कारीगर जुटे हुए हैं. यह कारीगर पिंडवाड़ा, गुजरात, उड़ीसा, धौलपुर व मध्य प्रदेश सहित कई जगह से यहां पर आए हैं. यह लगातार एक महीने से इसके लिए काम भी कर रहे हैं. दूसरी तरफ पहले इसको सीमेंट कंक्रीट के पिल्लर के जरिए खड़ा किया जा रहा था, लेकिन डिजाइन गड़बड़ा गई थी, जिसके बाद इस सीमेंट कंक्रीट के पूरे मॉडल को ध्वस्त कर दोबारा से निर्माण किया जा रहा है. जिसमें पूरा काम पत्थर का हो रहा है. यूआईटी के अभियंताओं का कहना है कि तोड़कर दोबारा बनाने में किसी तरह का कोई खर्चा नहीं हुआ है, टेंडर राशि का भुगतान ही संवेदक को किया जाएगा. तोड़ने का पूरा खर्चा संवेदक नहीं उठाया है.

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रात को जगमगाएगा : सीएडी सर्किल पर 9 करोड़ की लागत से बन रहे इस कीर्ति स्तंभ के साथ विकास का कार्य भी होना है. इसके लिए सर्किल को भी विकसित किया जा रहा है. साथ ही फाउंटेन और लाइटिंग का कार्य भी संवेदक को करना है. साइट इंजीनियर हेमंत सिंह का कहना है कि रात के समय भी यह पूरी तरह से जगमगाएगा. इसके लिए लाइटिंग लगाई जाएगी, ताकि रात के समय भी देखने में यह आकर्षक लगे. साथ ही फाउंटेन इस पूरे सर्किल पर स्थापित किए जाएंगे.

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