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Mukundara Tiger Reserve : मुकुंदरा में शुल्क देने के बाद भी टाइगर दिखने की नहीं है गारंटी, केवल जंगल सफारी कर पाएंगे टूरिस्ट

Mukundara Hills Tiger Reserve, मुकुंदरा में शुल्क देने के बाद भी टाइगर दिखने की गारंटी नहीं है. यहां आने वाले टूरिस्ट अभी केवल जंगल सफारी ही कर पाएंगे. यहां जानिए पूरा मामला...

No Guarantee of Seeing Tiger
मुकुंदरा में शुल्क देने के बाद भी टाइगर दिखने की नहीं है गारंटी

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 12, 2023, 9:38 AM IST

मुकुंदरा में शुल्क देने के बाद भी टाइगर दिखने की नहीं है गारंटी...

कोटा.मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में जंगल सफारी शुरू कर दी गई है. यहां पर एक व्यक्ति को जंगल सफारी के लिए 752 रुपए का शुल्क देना होगा, लेकिन जंगल में टाइगर देखने की संभावना काफी कम है. क्योंकि यहां पर केवल एक जोड़ा ही टाइगर-टाइग्रेस का है. जिस रूट में वर्तमान में जंगल सफारी चल रही है, वहां पर टाइगर का जोड़ा भी नहीं है. ऐसे में पर्यटकों को निराशा होना पड़ रहा है.
जबकि रणथंभौर टाइगर रिजर्व में 70 से 80 के बीच में बाघों की संख्या है. वहां पर जाने वाले पर्यटकों को उम्मीद होती है कि बाघ जरूर देखने को मिलेगा और यह लगभग 75 से 90 फीसदी पर्यटकों की पूरी भी होती है. क्योंकि बड़ी संख्या में बाघ हैं, साथ ही अलग-अलग जोन में वहां पर टूरिज्म चल रहा है.

मुकुंदरा आने वाले पर्यटक तत्काल में टाइगर रिजर्व को देखने के लिए 15 से 20 हजार रुपए तक भी खर्च करते हैं, जबकि सामान्य शुल्क 1322 रुपए है. वहीं, रणथंभौर टाइगर रिजर्व में 1322 रुपए शुल्क तय है. वहां पर जिप्सी की वेटिंग भी लंबे समय तक चलती है. मुकुंदरा टाइगर रिजर्व के कार्यवाहक चीफ वाइल्डलाइफ वार्डन और फील्ड डायरेक्टर बीजो जॉय का कहना है कि वे जिप्सी बढ़ाने का प्रयत्न कर रहे है, ताकि यहां टूरिस्ट बढ़ सकें.

पढ़ें :Special : रामगढ़ विषधारी एक साल में हुआ आबाद, मुकुंदरा एक दशक बाद भी बराबरी पर नहीं

सवारी कम होने पर दूसरे को भुगतना होगा ज्यादा चार्ज : मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में प्रति व्यक्ति को एंट्री के 137 रुपए देने होंगे इसके अलावा सफारी के लिए 615 रुपए जिप्सी का चार्ज प्रति व्यक्ति का होगा. साथ ही इस जिप्सी में 6 व्यक्ति बैठ सकेंगे. ऐसे में जब 6 व्यक्ति जाएंगे तब प्रति व्यक्ति को 752 रुपए देने होंगे. अगर 6 से कम लोगों का टिकट होता है, तो जिप्सी का पूरा चार्ज और जंगल सफारी का पैसा इन लोगों में ही बंटेगा. मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने जो किराया तय किया है, उसके अनुसार एक व्यक्ति को 3823, दो होने पर 3960, तीन पर 4097, चार पर 4234, 5 पर 4371 और 6 पर 4508 रुपए देने होंगे.

अनुमति मिलने के 1 साल बाद शुरू हुआ इको-टूरिज्म : मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में चार रूटों पर साल 2022 में ही इको-टूरिज्म शुरू शुरू करने की अनुमति मिल गई थी, लेकिन जिप्सी के रजिस्ट्रेशन नहीं होने के चलते ही यह शुरू नहीं हो पाया था. इसमें बोराबांस रेंज में बंधा-बग्गी रोड-अखावा-बलिंडा-बंधा, कोलीपुरा रेंज में नागनी चौकी चेक पोस्ट-कालाकोट-दीपपुरा घाटा-कान्या तालाब-नागनी चौकी चेक पोस्ट और मंदरगढ़ बेरियर-मंदरगढ़ तालाब-केशोपुरा-रोझा तालाब-मंदरगढ़ बेरियर मार्ग पर सफारी शुरू होनी. चौथा रूट दरा रेंज में मौरूकलां-बंजर-रेतिया तलाई-पटपडिया-सावनभादो एरिया का है.

आरवीटीआर में ज्यादा टाइगर व सफारी भी ज्यादा : कोटा के बाद साल 2022 में नोटिफाई हुए रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में एक टाइगर और दो टाइग्रेस के साथ तीन शावक भी हैं. वहां पर 3 महीने पहले टाइगर सफारी शुरू हो गई थी. वहां पर प्रत्येक पर्यटक को 810 रुपए जिप्सी में देने होते हैं. इसके लिए तीन रूट तय किए गए थे. तीन जिप्सी ही वहां पर रजिस्टर्ड शुरुआत में हुई थी, जिनकी संख्या बढ़ाने का प्रयास लगातार रिजर्व के अधिकारी कर रहे हैं. लगातार 3 महीने से वहां पर जंगल सफारी हो रही है, जिसके लिए ऑनलाइन बुकिंग भी पर्यटक करा सकते हैं.

दूसरे रिजर्व नजदीक होना भी परेशानी : कोटा के वन्य जीव प्रेमी तपेश्वर सिंह भाटी का कहना है कि रणथंभौर टाइगर रिजर्व से मुकुंदरा और रामगढ़ विषधारी की तुलना नहीं की जा सकती है. हालांकि, उन्होंने कहा कि इस रणथंभौर में जहां टाइगर की उम्मीद से पर्यटक आते हैं, वह पूरी हो जाती है. जबकि मुकुंदरा में यह उम्मीद पूरी होना लगभग न के बराबर है. जबकि रामगढ़ में यह उम्मीद आधी है. हालांकि, मुकुंदरा और आरवीटीआर में टाइगर के अलावा सैकड़ों वन्य जीव मौजूद हैं. इनमें भालू, पैंथर, हायना, वाइल्ड डॉग, सांभर, चीतल, नीलगाय, हिरण, जंगली सूअर, लोमड़ी व खरगोश है.

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