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जेके लोन अस्पताल बना राजनीति का अखाड़ा, अस्पताल भी नहीं पहुंचे कांग्रेस विधायक!

जेके लोन अस्पताल में बीते 35 दिनों में 106 बच्चों की मौत हुई है. जिसके बाद से ही अस्पताल राष्ट्रीय राजनीति का मुद्दा बना हुआ है. भाजपा ने इस मुद्दे पर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. लेकिन हैरत की बात ये है, कि कांग्रेस के 3 विधायकों ने अबतक अस्पताल का दौरा तक नहीं किया. तीन विधायकों में से एक राज्य सरकार में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल भी हैं. वे एक बार भी कोटा के जेके लोन अस्पताल नहीं पहुंचे. हालांकि फोन पर अधिकारियों को निर्देश दे दिए और साफ कहा है, कि लापरवाही नहीं बरतें. वो जयपुर में अपनी पोती की शादी में व्यस्त हैं.

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जेके लोन अस्पताल बना राजनीति का अखाड़ा

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Published : Jan 4, 2020, 12:22 PM IST

कोटा. जेके लोन अस्पताल राजनीति का अखाड़ा बना हुआ है.अस्पताल में बीते दिनों भाजपा के नेताओं की आवाजाही लगी हुई थी. लगातार भाजपा के नेता यहां पर आ रहे थे और जेके लोन प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगा रहे थे. विपक्ष ने राजस्थान सरकार पर आरोप लगाया है, कि उनकी गलती के चक्कर में जेके लोन अस्पताल में लगातार बच्चों की मौत हो रही है.

जेके लोन अस्पताल बना राजनीति का अखाड़ा

अब बीते 2 दिनों से कांग्रेस के नेताओं का यहां पर आना शुरू हो गया है. शुक्रवार को प्रदेश के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा और कोटा के प्रभारी और परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास कोटा आए. इसके बाद उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट भी कोटा आ रहे हैं. कोटा जिले में 6 विधानसभा सीटें हैं. जिनमें से 3 पर कांग्रेस के विधायक हैं और 3 पर भाजपा के विधायक हैं.

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भाजपा के तीनों विधायकों में कोटा दक्षिण से संदीप शर्मा, रामगंजमंडी से मदन दिलावर और लाडपुरा से कल्पना देवी, कोटा के जेकेलोन अस्पताल में आकर आपत्ति जता चुके हैं. वे बच्चों की मौत पर नाराजगी जता चुके हैं.यहां तक, कि कोटा बूंदी सांसद और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी जेकेलोन का दौरा कर उचित दिशा-निर्देश दे चुके हैं, लेकिन कांग्रेस के तीनों विधायक जिनमें से एक राज्य सरकार में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल भी हैं. वे एक बार भी कोटा के जेके लोन अस्पताल की खबर लेने नहीं आए हैं.

हालांकि उन्होंने फोन पर अधिकारियों को निर्देश दिए हैं, और साफ कहा है, कि लापरवाही नहीं बरतें, लेकिन वह जयपुर में अपनी पोती की शादी में व्यस्त हैं. जिसके चलते कोटा के जेके लोन अस्पताल की सुध लेने के लिए भी नहीं आए हैं.
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हर घटना पर पत्र लिखने वाले विधायक ने जिक्र भी नहीं किया.
हर छोटी-छोटी घटना पर पत्र लिखने वाले पूर्व मंत्री और सांगोद के विधायक भरत सिंह हैं, जो टोल से लेकर खनन विभाग तक और कोटा शहर की गायों की समस्या पर कई बार पत्र मुख्यमंत्री, लोकसभा स्पीकर,उपमुख्यमंत्री को लिख चुके हैं,लेकिन उन्होंने भी कोटा के जेकेलोन अस्पताल में आने की जहमत नहीं उठाई है.यहां तक, कि उन्होंने किसी तरह का कोई पत्र भी नहीं लिखा और किसी तरह की कोई आपत्ति इन बच्चों की मौत पर भी नहीं जताई है.

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नहीं पहुंचे रामनारायण मीणा
जिले के तीसरे विधायक पीपल्दा से रामनारायण मीणा हैं. वह भी कांग्रेस पार्टी की तरफ से जीत कर आए हैं. वे कोटा-बूंदी सीट से कांग्रेस की तरफ से लोकसभा चुनाव लड़े थे. हालांकि वे मूलत: बूंदी के निवासी हैं.बूंदी शहर के रहने वाले हैं,लेकिन वह पीपल्दा क्षेत्र से विधायक चुने गए हैं.जिसके बावजूद उन्होंने कोटा के जेके लोन अस्पताल में एक बार आने की जरूरत नहीं समझी.हालांकि उनके क्षेत्र के काफी बच्चे जेके लोन अस्पताल में भर्ती हुए हैं. फिर भी वे एक बार भी अस्पताल में नहीं आए.

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कांग्रेसियों ने ममता शर्मा का विरोध किया
राष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष ममता शर्मा जब शुक्रवार को यहां पर आईं थीं तो उनका विरोध कांग्रेस नेताओं ने किया था और उन्हें अंदर नहीं जाने दिया था.

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