कोटा.देश की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा (JEE MAIN 2023) जेईई मेन के द्वितीय चरण का आयोजन 6 अप्रैल से होगा है. बीते जनवरी में आयोजित प्रथम चरण के क्वेश्चन पेपर्स का स्टैंडर्ड एक्सपर्ट के अनुसार सामान्य रहा है. ऐसे में विद्यार्थियों में द्वितीय चरण के क्वेश्चन पेपर्स के स्टैंडर्ड को लेकर अफवाहों का बाजार खासा गर्म है. विद्यार्थियों के बीच चर्चा है कि दूसरे चरण के क्वेश्चन पेपर्स का स्टैंडर्ड पहले के क्वेश्चन पेपर्स से ज्यादा कठिन होगा.
वहीं कोटा के एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि विद्यार्थियों को क्वेश्चन पेपर्स के स्टैंडर्ड को लेकर ज्यादा चिंतित होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि इस प्रवेश परीक्षा में विद्यार्थी का परीक्षा परिणाम परसेंटेज के आधार पर नहीं बल्कि परसेंटाइल के आधार पर घोषित किया जाता है. ऐसे में यदि क्वेश्चन पेपर का स्टैंडर्ड बढ़ता है, तो सभी विद्यार्थियों के लिए बढेगा व घटेगा तो सभी विद्यार्थियों के लिए घटेगा. ऐसे में विद्यार्थी की परसेंटेज तो प्रभावित हो सकती है, लेकिन परसेंटाइल नहीं. अप्रैल अटेम्प्ट के क्वेश्चन पेपर्स का स्टैंडर्ड भी जनवरी अटेंप्ट के क्वेश्चन पेपर्स के समान रहने की ही संभावना है. विद्यार्थियों के बीच जेईई मेन के आधार पर जेईई एडवांस्ड के लिए पात्र घोषित किए जाने की कटऑफ परसेंटाइल के बढ़ने व घटने को लेकर भी कई चर्चाएं हैं.
लगातार गिर रही है कटऑफ
जेईई मेन के बीते 2019 से 2022 तक के परिणाम का विश्लेषण करने पर चौंकाने वाले नतीजे सामने आए हैं. साल 2019 से जनरल कैटेगरी को छोड़कर सभी केटेगरी में लगातार परसेंटाइल गिर रही है. जनरल कैटेगरी में साल 2019 की तुलना में 2020 में परसेंटेज बढ़ गई थी. इसके बाद 2021 में फिर परसेंटाइल गिरी और 2022 में बढ़ गई थी. जबकि ओबीसी-एनसीएल, ईडब्ल्यूएस, एससी और एसटी कैटेगरी में परसेंटाइल लगातार गिर ही रही है. ऐसे में इस बार भी उम्मीद ज्यादा है कि बीते साल की परसेंटाइल के आसपास ही परिणाम रह सकता है.