कोटा.राजस्थान की गहलोत सरकार का दिसंबर माह में एक साल का कार्यकाल पूरा होगा. इस मौके पर सरकार प्रदेश की जनता को बड़ी औद्योगिक विकास की सौगात देगी. जिसकी प्लानिंग के तहत उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा संभागवार औद्योगिक संघों के साथ संवाद कार्यशाला आयोजित कर रहे हैं.
इसी दिशा में उद्योग मंत्री, उद्योग विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल और उद्योग आयुक्त मुक्तानंद अग्रवाल के साथ मंगलवार को हाड़ौती संभाग के मुख्यालय कोटा पहुंचे. जहां पर उन्होंने संभाग के औद्योगिक संघ और उद्योगपतियों के साथ गहन मंथन और संवाद किया.
उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा ने संभागवार औद्योगिक संघों के साथ संवाद किया इसमें चारों जिलों के कलेक्टर, उद्योग विभाग सहित संभाग के 16 विभागों के अधिकारी मौजूद रहे. करीब 2 घंटे से ज्यादा चले संवाद कार्यक्रम और कार्यशाला के बाद मीडिया से वार्ता करते हुए उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि सरकार प्रदेश में औद्योगिक विकास को लेकर गंभीर है. सरकार ने औद्योगिक संघ के साथ संवाद करके उनके मन मुताबिक औद्योगिक विकास करना चाहती है और सरकार की परिकल्पना का पिटारा 17 दिसंबर को खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खोलेंगे.
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सरकार बदल रही है उद्योग में निवेश की नीति
उद्योग मंत्री ने कहा कि प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा निवेश हो और उद्योग स्थापित हो, इसके लिए सरकार एमएसएमई एक्ट और पॉलिसी में संशोधन कर रही है. नीति और कानूनों में सरकार बदलाव कर रही है. उद्योग विकास के लिए उद्यमियों के लिए सुख सुविधाएं बढ़ा रही है, जिससे आसानी से उद्योग स्थापित हो.
मंत्री ने कहा कि आने वाले समय में उद्योग स्थापित करने के लिए 2 मिनट वेबसाइट के जरिए और एकल खिड़की से 16 विभागों से उद्यमियों को परमिशन मिल जाएगी. पंजाब की तर्ज पर सिंगल विंडो से सरकार उद्योग और निवेश को मजबूत कर रही है. उद्योग की स्थापना के 3 साल तक उद्यमियों को किसी से परमिशन लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी. 3 साल बाद 6 माह में सारी परमिशन 16 विभागों से उद्यमियों को मिल जाएगी.
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नहीं करेंगे रिसरजेंट राजस्थान का बकाया भुगतान
उद्योग मंत्री मीणा ने पिछली वसुंधरा शासन में आयोजित हुए इस रिसरजेंट राजस्थान को फेल बताया. उन्होंने कहा कि पिछले 5 सालों में प्रदेश के उद्योग विकास को बड़ा नुकसान हुआ है. पूर्वर्ती सरकार ने 100 करोड़ रुपए खर्च कर दिए और केवल 7 फीसदी ही लक्ष्य का निवेश हो पाया है. उन्होंने कहा कि तीन लाख 40 हजार करोड़ के एमओयू रिसरजेंट राजस्थान में हुए, जिसमें से 12 हजार करोड़ रुपए का निवेश ही हो पाया है, जो अभी पाइपलाइन में है. साथ ही उन्होंने कहा कि इस इसमें प्रदेश की सरकार ने खर्चा किया था, उसका हम एक रुपए भी नहीं चुकाएंगे.
नहीं तोड़ेंगे इंडस्ट्रियल एरिया में बने हॉस्टल
उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि वे औद्योगिक निवेश के लिए जमीनों की दरों में 20 से 25 फीसदी की कटौती नए औद्योगिक क्षेत्रों में करेंगे. वहीं, कोटा के रीको इंडस्ट्री एरिया में बने हुए कोचिंग स्टूडेंट्स के हॉस्टलों को सरकार नहीं तोड़ेगी. साथ ही उन्होंने कहा कि बंद पड़े जेके उद्योग की जमीन का कबाड़ा पिछली सरकार ने किया था, जिस पर हम ने रोक लगा दी है. उस जमीन पर हम उद्योगपतियों को ही आमंत्रित करेंगे कि उद्योग लगाएं.
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अधिकारियों को मंत्री ने दी चेतावनी
संवाद कार्यक्रम के दौरान मंत्री ने उद्योगपतियों से समस्याएं भी सुनी. इस पर सर्वाधिक समस्याएं रीको अधिकारियों की ओर से सर्विस चार्ज वसूलने के बावजूद मूलभूत सुविधाएं नहीं देने की थी. जिनमें सड़क नाले और पेयजल सहित पानी की सुविधाएं नहीं देना शामिल रही.
इस पर मंत्री ने अधिकारियों को फटकार लगाई और मूलभूत सुविधाओं के अभाव की शिकायत आने पर कड़ी कार्रवाई करने की बात कही. साथ ही उन्होंने कहा कि वन विभाग की बंजर भूमि को उद्योगों के लिए दिलाया जाएगा.