क्या है किसकी तैयारी, जानिए... कोटा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत दिल्ली से लेकर मुंबई तक बन रहे एक्सप्रेस-वे के एक भाग का लोकार्पण कर दिया है, जिस पर गाड़ियां भी गुजरने लगी हैं. यह एक्सप्रेस-वे 2024 में पूरा बनकर तैयार हो जाएगा, जिसके बाद दिल्ली से लेकर मुंबई तक की दूरी 12 घंटे में तय करने के बात की जा रही है. इस पर 120 की रफ्तार से वाहन चलने का दावा केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने किया है, लेकिन इस एक्सप्रेस-वे को चुनौती देने के लिए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी पूरी तरह से तैयार हैं.
इसके लिए दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक को भी पूरी तरह अपग्रेड किया जा रहा है, जिसमें सभी अत्याधुनिक सिस्टम स्थापित किए जा रहे हैं. जिनके बूते पर ही रेलवे ट्रैक पर 160 की गति से ट्रेनों का संचालन किया जाएगा. इसमें सिग्नलिंग, इलेक्ट्रिक ट्रांसमिशन, ट्रैक अपग्रेडेशन, फैंसिंग और सेंसर भी लगाए जा रहे है, ताकि दुर्घटनाओं को रोका जा सके और ट्रेन संचालन में किसी तरह का कोई व्यवधान नहीं हो. इनके लिए करोड़ों रुपए भी खर्च कर ट्रैक को अपडेट किया जा रहा है.
10 से 12 घंटे में होगा दिल्ली से मुंबई का सफर : कोटा रेल मंडल के सीनियर डीसीएम रोहित मालवीय का कहना है कि वर्तमान में दिल्ली मुंबई रेल लाइन पर वाया कोटा होकर चल रही तेजस व राजधानी एक्सप्रेस ट्रेनें 15 से लेकर 16 घंटे के बीच में अपना सफर तय कर रही हैं. इन ट्रेनों को इस रेलवे ट्रैक पर अधिकांश जगह पर 130 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से चलाया जाता है. औसत स्पीड 80 से 90 किलोमीटर प्रति घंटा आती है, लेकिन जब इसकी गति बढ़कर 160 किलोमीटर प्रति घंटा तक बढ़ा दी जाएगी. उसके बाद औसत स्पीड भी बढ़कर 130 किलोमीटर प्रति घंटा के आसपास होगी. जिससे कि दिल्ली से मुंबई के बीच की दूरी घटकर 10 से 12 घंटे के बीच रह जाएगी.
रेलवे का माल लदान बढ़ा, ज्यादा आय अर्जित करने का लक्ष्य : एक्सप्रेस-वे के जरिए माल परिवहन भी होगा. दूसरी तरफ ट्रैक की स्पीड बनने पर रेल संचालन भी ज्यादा हो सकेगा. सीनियर डीसीएम मालवीय का कहना है कि वर्तमान में जहां तेजस एक्सप्रेस 130 की गति से दौड़ रही है. यह स्पीड बढ़ने से 4 से 5 घंटे का समय कम हो जाएगा. इससे पैसेंजर और गुड्स ट्रेनों के संचालन की भी स्पीड बढ़ जाएगी. इनके समय में कमी होने से ज्यादा ट्रेन चल सकेगी. इसका फायदा यात्रियों को होगा ही, रेलवे को गुड्स ट्रेन ज्यादा चलने से माल लदान का भी ज्यादा फायदा मिलेगा. रेलवे का रेवेन्यू भी बढ़ जाएगा. यह काम कोटा डिवीजन में 545 किलोमीटर है. इसके अलावा पूरा रेलवे ट्रैक 1386 किलोमीटर का है. ऐसे में इसी में अपग्रेडेशन के कार्य चल रहे हैं. जिनमें कोटा मंडल के अलावा, मुंबई, वड़ोदरा, रतलाम, आगरा और दिल्ली डिवीजन शामिल है.
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एक्सप्रेस-वे 2023 तक तो रेल लाइन 2024 में होगी तैयार : दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे में दिल्ली से दौसा तक 210 किलोमीटर का पूरा रास्ता बन गया है, जिस पर यातायात जारी है. जबकि पूरा एक्सप्रेस-वे 1350 किलोमीटर मुंबई तक है. यह एक लाख करोड़ से किया जा रहा है. इसके दिसंबर 2023 में पूरे होने की उम्मीद जताई जा रही है. काम राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र व गुजरात में काफी तेजी से चल रहा. इसी तरह से दिल्ली मुंबई रेल लाइन को भी करीब 6000 करोड़ से 1386 किलोमीटर लंबी रेल लाइन को भी सुदृढ़ कर 160 की स्पीड पर ट्रेन चलाने के लिए तैयार किया जा रहा है. इसमें मथुरा से लेकर नागदा तक का खंड कोटा रेल मंडल में आता है, जिसमें 2664 करोड़ रुपए से 545 किलोमीटर की लाइन को 160 की गति से तैयार किया जा रहा है. इस कार्य को दिसंबर 2024 में पूरा करने का लक्ष्य रखा है.
पटरी घुमाव से लेकर मजबूती करने व ट्रैक फैंसिंग तक करोड़ो से कर रहे सुदृढ़ :
- दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक कई जगह पर घूम बने हुए हैं. उन्हें खत्म कर सीधा किया जा रहा है, ताकि ट्रेन तेज गति से निकल सके.
- पटरी को मजबूत करने के लिए पूरे रेलवे ट्रैक बदला जा रहा है. मजबूती व उच्च क्षमता की रेलवे पटरी बिछाई जा रही है.
- सिग्नलिंग में भी सुधार किया जा रहा है. ट्रैक पर सेंसर भी लगाए जा रहे हैं, ताकि दुर्घटनाओं की रोकी सके.
- दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक पर सभी फाटकों को बंद किया जा रहा है. उनके जगह रेलवे ब्रिज अंडरपास बनाए जा रहे हैं. पुराने अंडरपास व ब्रिज भी मजबूत किए जा रहे हैं. यहां पर गति रोकी जा सके.
- दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक पूरी तरह से इलेक्ट्रिक है. ऐसे में ओवर हेड इलेक्ट्रिक (ओएचई) को बदल ज्यादा क्षमता वाली ओएचई डाली जा रही है.
- दिल्ली-मुंबई रेल लाइन को पूरी तरह से फैंस बनाया जा रहा है. इसके लिए कहीं ब्लॉक, सीसी, प्रीकास्ट पिलर व लोहे की रेलिंग लगाई जा रही है, ताकि जानवर के टकराने से दुर्घटना रोकी जा सके.
- इलेक्ट्रिक ट्रांसमिशन को भी मजबूत बनाने के लिए ट्रांसफार्मर और पूरे विद्युत सिस्टम में बदलाव किया जा रहा है. पर्याप्त मात्रा में बिजली की सप्लाई मिल हो, फॉल्ट कम किए जा सकें.
- हॉट बॉक्स, बीयरिंग व व्हील लोड इंपैक्ट डिटेक्टर व ऑनलाइन मॉनिटरिंग के लिए (ओएमआरएस) सिस्टम लगाया जा रहा है. इनसे कोच, रेल ट्रैक व इंजन की गड़बड़ी को पकड़ और दुर्घटना रोकी जा सकेगी. साथ ही चलती ट्रेनों के पहिए, बैरिंग, एक्सेल और इंजन की खराबी भी पकड़ी जा सकेगी.