पानी पर तैरते हुए घोड़ों का स्ट्रक्चर कोटा.राजस्थान केकोटा को पर्यटन सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है. कई अंतरराष्ट्रीय स्तर के स्ट्रक्चर यहां पर खड़े किए जा रहे हैं, ताकि पर्यटकों को लुभाया जा सके. दावा किया जा रहा है कि कोटा में देश में पहली बार पानी पर तैरते हुए घोड़े का स्ट्रक्चर खड़ा किया गया है. जिसे देख ऐसा प्रतित हो रहा है कि घोड़े पानी में भाग रहे हैं. अभी घोड़े के स्ट्रक्चर को तैयार किए जाने का काम चल रहा है.
हालांकि, घोड़े स्थापित कर दिए गए हैं और यह घोड़े दौड़ते हुए नजर आते हैं. इन घोड़ों को स्थापित करने का काम कर रही संवेदक फर्म के साइट इंजीनियर अरुण चौरसिया ने दावा किया है कि इस तरह का स्ट्रक्चर देश में पहली बार ही तैयार हुआ है. भोपाल में राजाभोज की मूर्ति है जो इस तरह से तालाब में बनी हुई है, लेकिन वह केवल सिंगल मूर्ति है. इस तरह का पूरा स्ट्रक्चर पूरे देश में कहीं नहीं है. यह अपने आप में एक यूनिक स्ट्रक्चर है.
जेडीबी के सामने थे स्थापित : किशोर सागर तालाब में 9 घोड़ों को स्थापित किया गया है. यह पहले जानकी देवी बजाज कन्या महाविद्यालय के सामने बैडमिंटन हॉल के पास स्थापित थे, जिन्हें भी कोटा आने वाले लोग देखकर रोमांचित होते थे. इनकी जगह पर महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू और सरदार वल्लभ भाई पटेल की आपस में बातचीत करती हुई मूर्ति स्थापित की गई है. ऐसे में इन घोड़ों को यहां से हटाया गया था. जिसके बाद लंबे समय से यह तरणताल परिसर में यूआईटी की निगरानी में ही रखे हुए थे. इसके बाद ही यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के निर्देश पर इन्हें किशोर सागर तालाब में स्थापित किया गया, जिन्हें पानी में दौड़ते हुए दिखाया गया है.
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इस तरह से पानी में तैयार किया है स्ट्रक्चर : साइट इंजीनियर अरुण चौरसिया का कहना है कि इन घोड़ों को खड़ा करने के लिए स्ट्रक्चर को पूरी तरह से पानी में ही तैयार किया गया. इसके लिए किशोर सागर तालाब में जहां घोड़े का स्ट्रक्चर तैयार करना था, वहां पाइलिंग मेथड के जरिए यहां पर डीसजलिंग की गई. इसके बाद केसिंग डालकर पुटिंग डाली गई, फिर 12 कॉलम स्थापित किए है, जिनमें छह आगे व छह पीछे हैं. इन्हें ट्रिमि मेथड से कॉस्ट किया गया है. जिसमें पाइप डालकर कॉलम बनाए जाते हैं. यह पाइप एक से एक जुड़कर नीचे तले तक चले जाते हैं. इन पाइप की वजह से कॉलम कॉस्ट करते समय पानी का इफेक्ट कम किया जा सके. इन कॉलम पर बीम डालकर एक फ्रेम का स्ट्रक्चर बनाया गया, जिसे हमने वेल्डिंग करके बनाया है.
ब्रॉन्ज मेटल की प्लेट से आएगा पहाड़ का इफेक्ट : अरुण चौरसिया ने बताया कि कॉलम व बीम के स्ट्रक्चर पर आरसीसी की स्लैब डाली गई. इसमें 6 इंच की स्लैब कंक्रीट की डाल दी गई है, जिस पर एक बहुत ही सुंदर मेटल ब्रांच की प्लेट नीचे लगाई जाएगी. यह पूरे स्ट्रक्चर के प्लेटफार्म पर बिछाई जाएगी. इससे ऐसा लगेगा कि घोड़े पानी में दौड़ रहे हैं, साथ ही पहाड़ का इफेक्ट आएगा. यह मेटल ब्रॉन्ज की शीट सबसे ज्यादा भव्यता प्रदान करेगी.
बोट और क्रेन की मदद से स्थापित किए : इन घोड़ों को तरणताल से मशीन व क्रेन की मदद से किशोर सागर तालाब की पाल पर करीब आधा किलोमीटर दूर लाया गया है. इसमें भी काफी सावधानी रखी गई है. इसके बाद चेन पुलिंग मशीन से ही घोड़ों को नाव में रखा है. इसके बाद ही आरसीसी की स्लैब पर स्थापित किया गया है. अभी इसमें सौंदर्यीकरण का कार्य बाकी है, जिसमें फव्वारे लगाए जाएंगे. साथ ही लाइटिंग होगी.