कोटा. पूर्व विधायक व भाजपा नेता प्रहलाद गुंजल ने चंबल रिवरफ्रंट के निर्माण को गैर-कानूनी बताया था. उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से आग्रह भी किया था कि वे इसके उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं हों. गुंजल का कहना है कि इसीलिए उद्घाटन समारोह में सीएम गहलोत नहीं आए. गुंजल ने दावा किया कि सीएम गहलोत ने सभी कागजातों की जांच करवाई है. उन्होंने जांच में रिवरफ्रंट को नियम विरुद्ध निर्माण माना है.
गुंजल ने दावा किया कि सीएम अशोक गहलोत के दौरा रद्द करने प्रमाणित हो गया कि रिवरफ्रंट में कहीं ना कहीं बड़ी गलती हुई है. हालांकि सीएम का दौरा कैंसिल करने मात्र से नगर विकास न्यास का दोष खत्म नहीं होता. इस पूरे प्रकरण में अधिकारी व मंत्री शामिल हैं. उनके खिलाफ ठोस कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि भविष्य में फिर इस तरह की पुनरावृति नहीं हो. उन्होंने कहा कि इसमें सरकार ने 1500 करोड़ रुपए की बर्बादी की है. गुंजल ने कहा कि इसमें सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट, वाइल्डलाइफ सबके नियमों को ताक पर रखा गया है.
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पत्रावली जब्त कर भ्रष्टाचार की जांच हो: गुंजल ने कहा कि मैं पिछले 3 साल से कह रहा हूं कि रिवरफ्रंट का निर्माण अवैध व अवैधानिक है. उन्होंने कहा कि चंबल रिवरफ्रंट का निर्माण प्रारंभ होने से पूर्ण होने तक के समस्त टेंडरो की पूरी पत्रावली को तलब करते हुए इसमें हुए करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार की भी जांच होनी चाहिए. गुंजल ने कहा कि रिवरफ्रंट के नाम पर करोड़ों रुपए के कमीशन का खेल हुआ है.
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गुंजल ने कहा कि यदि अभी जांच नहीं होती है, तो हमारी सरकार आने के बाद इसकी जांच कराई जाएगी. इसमें दोषी अधिकारियों को जेल जाना होगा. गुंजल ने कहा कि सिर्फ रिवरफ्रंट ही नहीं शहर में हुए अन्य कामों में भी भारी भ्रष्टाचार हुआ है. उन्होंने कहा कि अपने बेटे की लॉन्चिंग व भारी कमीशन के चक्कर में मंत्री शांति धारीवाल ने शहर को आर्किटेक्ट अनूप भरतरिया के हवाले कर दिया. जिसने शहर को भूलभुलैया बनाने के साथ ही ब्लैक स्पॉट का शहर बना कर रख दिया.