कोटा.मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने इस बजट में स्मार्ट सिटी की तर्ज पर ही ज्योग्राफिक इनफॉरमेशन सिस्टम (जीआईएफ) पर आधारित 3डी सिटी 4 शहरों में बनाने की घोषणा की है. इनमें उदयपुर, कोटा, अजमेर और जोधपुर को शामिल किया गया है. इनमें प्लानिंग, प्रबंधन और प्रशासन के लिए 3D सिटी बनाई जाएगी. इसके लिए प्रारंभिक बजट 300 करोड़ रुपए का रखा गया है.
तूफान, अतिवृष्टि में खराब हुई सड़क व पुल के लिए भी बजट: तूफान और अन्य प्राकृतिक आपदाओं में खराब होने वाली सड़कों को दुरुस्त करवाने के लिए भी बजट रखा गया है. साथ ही 1250 करोड़ से खराब हुई सड़कों को भी दुरुस्त किया जाएगा. जल जीवन मिशन के तहत संवेदक सड़कों पर काम कर उन्हें खराब कर रहे हैं. ऐसे में इनका निर्माण भी रिस्क एंड कॉस्ट के आधार पर संवेदक और सार्वजनिक निर्माण विभाग से करवाने की घोषणा की गई है. ग्रामीण क्षेत्रों में भी 1 किलोमीटर तक इंटरलॉकिंग सड़क का निर्माण किया जाएगा. इसमें प्रथम चरण में 6000 गांवों में 2000 करोड़ का खर्च करने का प्रावधान बजट में रखा गया है.
6500 करोड़ सड़कोंव पुलिया के लिए: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस बार इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने के लिए बजट में सभी जिलों में पांच-पांच महत्वपूर्ण कार्य करवाने की घोषणा की है. पिछले बजट में यह महत्वपूर्ण कार्य 3 थे. इसके साथ ही निर्माण कार्यों में 10 नए पुल का निर्माण प्रदेश में करवाया जा रहा है. इसके अलावा 81 सड़क मार्गों पर भी कार्य किया जाएगा. इन सब पर 6500 करोड़ रुपए का खर्चा किया जाएगा. सभी विधानसभा क्षेत्रों में स्थानीय विधायकों के फीडबैक के आधार पर नॉन पैचेबल और मिसिंग लिंक सड़कों को बनवाया जाएगा. यह सड़कें प्रत्येक विधानसभा में 10 करोड़ के बजट से बनेंगी. इसके लिए 2000 करोड़ का खर्चा होगा.
गांव जुड़ेंगे डामर सड़कों से: सीएम गहलोत ने बजट में घोषणा की है कि प्रत्येक नगरपालिका में 20, नगर परिषद में 35 और नगर निगम में 50 किलोमीटर की सड़क बनवाई जाएगी. इन पर 1750 करोड़ का खर्चा होगा. मरुस्थलीय इलाकों में 250 और अन्य इलाकों में 350 से अधिक जनसंख्या के 526 गांवों को डामर सड़कों से जोड़ा जाएगा. इसके लिए 710 करोड़ का खर्चा होगा. राजस्थान के 1000 किलोमीटर लंबे राजमार्गों को 1250 करोड़ से दो लेन किया जाएगा.