कोटा.जिले के हाड़ौती में भारी बारिश का दौर जारी है. संभाग के चारों जिलों में लगातार तीन दिन से बारिश हो रही है. ऐसे में नदी नाले उफान पर आ चुके हैं. कोटा में पिछले 36 घंटों में 8 इंच से ज्यादा बारिश हुई है. भारी बारिश के चलते जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. जिसे लेकर प्रशासन ने निर्णय लिया है कि संभाग के सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में शुक्रवार को अवकाश रहेगा. वहीं जिला कलेक्टर के निर्देश पर मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी ने संस्था प्रधानों को निर्देश जारी किए हैं कि वे स्कूल भवनों का उपयोग बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए करेंगे.
कोटा के कैथून सहित संभाग के कई कस्बों में बाढ़ जैसे हालात
कलेक्टर मुक्तानंद अग्रवाल ने कोटा में आर्मी की सहायता मांगी थी, जिसके बाद कैथून में आर्मी ने मोर्चा संभालते हुए लोगों को बचाने का काम शुरू किया है. आर्मी जवान पानी भराव वाले गांवों की जानकारी ले रहे है. जिससे ज्यादा से ज्यादा रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा सके. वहीं कैथून में एसडीआरएफ की टीम पहले से तैनात है. गुरुवार को 250 लोगों को एसडीआरएफ और सिविल डिफेंस की टीम द्वारा सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नागरिकों को नाव से बहार निकल कर भोजन के पैकेट भी प्रशासन ने उपलब्ध कराए हैं.
साथ ही खेड़ा रसूलपुर ग्राम पंचायत के रामपुरा गांव में 20 लोगों के पानी में फंसे होने की सूचना पर विकास अधिकारी लाडपुरा की टीम द्वारा उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया. संभाग के कई नदी नालो के उफान में आ जाने से रास्ते भी बंद हो चुके हैं.वहीं बारां जिले के कवाई में कुछ लोग बसों में ही फंस गए हैं जिन्हें निकालने का प्रयास बारां जिला प्रशासन कर रहा है. देर रात को कोटा बैराज से 15 गेट खोल 108480 क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है.
कोटा की चंबल नदी स्थित छोटी पुलिया को पार करते समय बाइक सवार दंपत्ति और उनका बच्चा बह गया था. जिसमें युवक को तो बचा लिया गया लेकिन मां और बेटा पानी के तेज बहाव में बह गए. जिनका अभी तक कोई सुराग नहीं लगा है. साथ ही जिला कलेक्टर मुक्तानंद अग्रवाल ने आम जन से अपील की है कि जिले में चंबल और उसकी सहायक नदियों पर बने हुए पुलों के पास न जाए. उन्होंने सड़क मार्गों पर बनी हुई रपटों पर पानी भराव के दौरान वाहन नही ले जाने का भी आव्हान किया है.